एक्सप्लोरर

Opinion: बिहार में जातिगत जनगणना से मंडल कमीशन की तरह फिर लग सकती है आग

बिहार में जातिगत जनगणना की पॉलिसी बिल्कुल राजनीतिक खेल और रणनीति है. हमारे यहां पर जो राजनीति होती है वो अब सीमित हो गई है, धर्म और जाति के नाम पर बांटों. क्योंकि सरकार परफॉर्मेस करती नहीं है. सरकार जनता के लिए कुछ सोचती नहीं है. सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए ऐसा करती है जबकि जनता बहुत जागरूक और पढ़ी लिखी नहीं है. इस कारण से वे समझ नहीं पाते हैं कि ये जो पूरा जाल फैलाया जाता है उसके तहत वो आ जाते हैं.

ये जाति के नाम पर जो जनगणना की बात हो रही है, ये बिल्कुल गलत है. बिहार के बारे में पहले ही कहा जाता है कि बिहार इज पायनियर इन कास्ट रिडीम स्टेट. जब जाति इतने डोमिनेंट है, जहां विकास के नाम पर लोग पूरी तरह से वोट नहीं करते हैं, बल्कि सिर्फ जाति के नाम पर वोट करते हैं. बिहार में माय का फॉर्मूला है- मुस्लिम और यादव. ये ओपन सीक्रेट है. इसके ओपन सीक्रेट के तहत कास्ट को और ला रहे हैं तो फिर आपकी मंशा पर शक तो होगा ही.

मंडल कमीशन की तरह भड़काने वाला कदम

पढ़े-लिखे लोग तो बिल्कुल नीतीश सरकार के इस कदम से नाराज हैं. वे कह रहे हैं कि एक बार फिर जो मंडल कमीशन की तरह जो कुछ हुआ था और उसको लेकर जो आगजनी हुई थी, आत्मदाह हुआ था, ये सारी चीजें फिर से भड़काने वाली हैं. जो पढ़े-लिखे वर्ग हैं वे ये ऐसा महसूस कर रहे हैं कि लोकतंत्र के लिए यह काफी खतरनाक साबित होगा.

जातिगत जनगणना के बाद सभी जातियों की संख्या की तस्वीर साफ हो जाएंगी कि राज्य में किस जाति के कितने लोग हैं. यह जानकारी अभी तक छुपी हुई थी. हम कहते थे कि इस जगह या राज्य में इस कास्ट के इतने लोग,  दूसरी कास्ट के लोगों को दबाने का काम करते हैं. जातिगत आकड़ा सामने आने से, एक जाति का दूसरी जाति पर दबाव बढ़ेगा. जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार बढ़ेगा. यह कोई गांधी जी का स्वराज नहीं है. एक व्यक्ति विशेष एक जाति को लांमबादी करने का काम करता हैं. इसका सीधा फायदा सरकार को मिलेगा. मैं किसी एक सरकार की बात नहीं कर रही हूं. मैं बात कर रही हो सत्ता में बैठे हुए लोगों की.

सरकार बताए जातिगत जनगणना से क्या चाहती है?

बिहार में विकास के नाम पर  जितना नुकसान होना था, वह हो गया हैं. एक तरफ आप बिहार को विशेष केंद्र का दर्जा दिलाने की मांग केंद्र सरकार से करते हैं. समार्ट सिटी बनाने की बात कही जाती है ओर दूसरी तरफ राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही हैं. बिहार सरकार की सत्ता को चलाने की नीति क्या है, आपका घोषणापत्र क्या है. सरकार चाहती क्या है ? सरकार की नीति क्या है ? क्या बिहार सरकार ने अपनी नीतियों को लेकर कभी खुलकर बात की हैं? क्या सरकार ने बाताया है कि इस कारण से हम जातिगत जनगणना करा रहे हैं. सरकार जनगणना कराके कौन सा अपना उद्देशय पूरा करना चाहती हैं. सरकार इस बात को साफ करें.

सरकार जब भी कोई अपनी नई रणनीति शुरू करती है. तो जनता उस के पीछे-पीछे दौड़ लेती हैं. मैं इस बात से सहमत नहीं हो. यह एक असहमति लोकतंत्र का हिस्सा हैं. लोकतत्र सहमति से ही चलता हैं. जातिगत जनगणना को लेकर मैने जितने लोगों से बात की हैं. वह भी इस बात से सहमत नहीं हैं. जाति-धर्म के नाम पर लोगों में तनाव हैं. इस के बाद तनाव ओर बढ़ जाएंगा.  विश्वविघालयों में भी जाति-धर्म से मनमुटाव की झलक देखने को मिलती हैं. 

मजबूरी नहीं वोटर का आकर्षित करने का तरीका

बिहार सरकार की जातिगत जनगणना करना कोई मजबूरी नहीं है. पलिसी होती है कुछ नया कर वोटर का आकर्षित करने का. उसी के तहत ये सारे हथकंडे अपनाए जाते हैं. कभी होता है कि बैकवर्ड का वोट है, कभी होता है कि ब्राह्मण को कुछ स्पेशल मिलना चाहिए. कभी 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को दिया जाता है. ये तो समय-समय पर होता ही रहेगा. सरकार पहले समस्या को जन्म देती हैं. फिर उस समस्या को खत्म करती हैं. जिससे वह सरकार सत्ता में बनी रहें. नेताओं का काम होता हैं जनता को जाति-धर्म के नाम पर बांटने का, उस के बाद जनता पर राज करते हैं. 

नीतीश सरकार ने जब महिलाओं को 50% आरक्षण दिया था. इस फैसले का स्वागत किया गया. बिहार सरकार का शराबबंदी का फैसला अच्छा था. जातिगत जनगणना को लेकर बिहार में महिलाएं महत्वपूर्ण सोच नहीं रखती हैं. अगर घर के पुरुष कहते है कि सरकार सही कर रही है तो महिलाएं इस फैसले को सही बताएंगी. शराब से  महिलाएं खुद प्रभावित थी.  इसलिए शराबबंदी के फैसले को महिलाओं ने सही बताया था.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget