एक्सप्लोरर

देश के चीफ जस्टिस को आख़िर क्यों देनी पड़ी पुलिस को ये नसीहत ?

आज़ादी के 75 वें साल में प्रवेश कर रहे हमारे देश में आज भी 99 फीसदी लोग पुलिस की वर्दी देखकर उसे अपना 'दोस्त' नहीं समझते बल्कि उससे ख़ौफ़ खाते हैं औऱ दूर रहने में ही अपनी खैरियत मानते हैं. समाज में पुलिस अगर अपना मानवीय चेहरा अब तक पेश नहीं कर पाई है, तो उसकी बड़ी वजह यह है कि पुलिस स्टेशन के स्तर पर उसने अपनी जो इमेज बनाई है, वो वर्दी पहने हुए किसी संगठित गिरोह से कम नहीं है. यही कारण है कि एक सभ्य इंसान तकलीफें झेलने के बावजूद आज भी थाने जाने से बचता है क्योंकि उसे इंसाफ़ मिलने की उम्मीद कम और दूसरे लफड़ों में फंसाये जाने की आशंका ज्यादा रहती है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने खाकी वर्दी में छुपे इस चेहरे की कड़वी हक़ीक़त को उजागर करने का साहस किया है.

इसकी जितनी तारीफ़ की जाये, कम है लेकिन केंद्र समेत तमाम राज्य सरकारों को इससे सबक लेना चाहिए क्योंकि ये उन सबके मुंह पर एक तमाचा है. न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर बैठे माननीय न्यायाधीश अक्सर अपने कोर्ट रुम में गलतियों के लिये तो सरकारों को फटकार लगाते ही हैं लेकिन अवसर मिलने पर वे कोर्ट से बाहर किसी समारोह में भी सरकारों को आईना दिखाने से डरते नहीं और उनका यही बर्ताव आम लोगों के बीच भरोसा पैदा करता है और इंसाफ मिलने की उम्मीद भी जगाता है. 

मुख्य न्यायाधीश रमन्ना रविवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में वैसे तो नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के ऐप को जारी करने के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे लेकिन उन्होंने उस मंच का उपयोग जनता के दुख-दर्द का सच बयान करने के लिए किया.

रमन्ना ने कहा कि "पुलिस स्टेशन मानवाधिकारों और मानवीय सम्मान के लिए सबसे बड़ा ख़तरा हैं. जबकि मानवाधिकार सबसे पवित्र होते हैं लेकिन वहीं पर इनका सबसे अधिक हनन होता है. संवैधानिक गारंटी के बावजूद पुलिस हिरासत में अब भी उत्पीड़न और मौत हो रही हैं."

मंत्रियों से लेकर आला पुलिस अफसर लाख दावे करते रहें कि अब थानों में किसी के साथ थर्ड डिग्री का बर्ताव नहीं होता लेकिन रमन्ना ने इसे झुठलाते हुए ये भी कहा कि "हाल की रिपोर्टों को देखा जाए तो आम व्यक्ति छोड़िए, विशेषाधिकार प्राप्त लोग भी थर्ड डिग्री व्यवहार से बच नहीं पाते हैं.'' 

उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में आए व्यक्ति के पास तुरंत क़ानूनी सहायता उपलब्ध नहीं होती है और हिरासत के पहले घंटे ही आमतौर पर ये तय करते हैं कि अभियुक्त का क्या होगा. पुलिस के अत्याचार को रोकने और उस पर नज़र रखने के लिए लोगों को उनके संवैधानिक अधिकार व मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराने पर जोर देते हुए जस्टिस रमन्ना ने ये भी कहा कि इसके लिए देश भर के थानों व जेलों में होर्डिंग,बोर्ड लगाया जाना जरुरी है.

यह भी सच है कि आज देश में इंसाफ पाने की कवायद इतनी महंगी हो चुकी है कि वह एक गरीब इंसान की पहुंच से बाहर है जिसके चलते न्यायपालिका के प्रति उसका भरोसा ही ख़त्म होता जा रहा है.यह काबिले तारीफ है कि देश के चीफ जस्टिस ने इसे महसूस किया और अपने साथी जजों के साथ पूरी न्यायिक बिरादरी का ध्यान इस ओर दिलाया है.

उन्होंने कहा, ''यदि न्यायपालिका नागरिकों का भरोसा हासिल करना चाहती है तो हमें हर किसी को ये महसूस कराना होगा कि हम मौजूद हैं. सबसे लंबे समय से, वंचित आबादी न्याय व्यवस्था के दायरे के बाहर रह रही है.'' जस्टिस रमन्ना ने स्वीकार किया कि महंगा और देर से मिलने वाला न्याय गऱीब लोगों को क़ानून की शरण में जाने से हतोत्साहित करता है.

उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती भी है. यदि न्यायपालिका को ग़रीबों और वंचितों का भरोसा जीतना है तो उसे साबित करना होगा कि वह उन लोगों के लिए मौजूद है.इंसाफ तक सबकी पहुंच हो,इसके लिये कमजोर वर्ग और रसूखदार लोगों के बीच के फ़र्क को ख़त्म करना होगा.

ये भी सौ फीसदी सच है कि समाज कानून के शासन से ही चलता है और इसके लिये जस्टिस रमन्ना ने उस खाई को पाटने की जरुरत बताई है,जो विशेष अधिकार प्राप्त लोगों और गरीब के बीच बनी हुई है.लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कानून के निर्माताओं को मुख्य न्यायाधीश की कही बातें क्या पसंद आयेगी? 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

इस्कॉन को क्यों किया जा रहा टारगेट, बांग्लादेश में कुल कितने मंदिर, क्यों खिलाफ हैं कट्टरपंथी
इस्कॉन को क्यों किया जा रहा टारगेट, बांग्लादेश में कुल कितने मंदिर, क्यों खिलाफ हैं कट्टरपंथी
एमपी के मंत्री गौतम टेटवाल ने अजान सुनकर रोका भाषण, मंच से पढ़ा कलमा- 'ला इलाहा...'
एमपी के मंत्री गौतम टेटवाल ने अजान सुनकर रोका भाषण, मंच से पढ़ा कलमा
गैंगस्टर के इश्क में पड़कर सलमान खान की ये एक्ट्रेस बर्बाद कर बैठी थी करियर, अब जी रही गुमनाम जिंदगी
गैंगस्टर के इश्क में पड़कर ये एक्ट्रेस बर्बाद कर बैठी थी करियर, अब जी रही गुमनाम जिंदगी
IPL 2025: ये है मेगा ऑक्शन की बेस्ट 'अनसोल्ड' इलेवन, ट्रॉफी जीतने वाला खिलाड़ी होगा कप्तान
ये है मेगा ऑक्शन की बेस्ट 'अनसोल्ड' इलेवन, ट्रॉफी जीतने वाला खिलाड़ी होगा कप्तान
ABP Premium

वीडियोज

Parliament Session : संभल हिंसा को लेकर संसद में आज हंगामे के पूरे आसार | Breaking NewsSambhal Controversy: संभल हिंसा पर संदीप चौधरी के तीखे सवालों से भड़के असदुद्दीन ओवैसी | ABP NEWSAmerica के रिश्वतखोरी के आरोप पर Adani Group की सफाई | Gautam AdaniSambhal Clash: संभल हिंसा का मामला पहुंचा Supreme Court | Breaking News | UP Police

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इस्कॉन को क्यों किया जा रहा टारगेट, बांग्लादेश में कुल कितने मंदिर, क्यों खिलाफ हैं कट्टरपंथी
इस्कॉन को क्यों किया जा रहा टारगेट, बांग्लादेश में कुल कितने मंदिर, क्यों खिलाफ हैं कट्टरपंथी
एमपी के मंत्री गौतम टेटवाल ने अजान सुनकर रोका भाषण, मंच से पढ़ा कलमा- 'ला इलाहा...'
एमपी के मंत्री गौतम टेटवाल ने अजान सुनकर रोका भाषण, मंच से पढ़ा कलमा
गैंगस्टर के इश्क में पड़कर सलमान खान की ये एक्ट्रेस बर्बाद कर बैठी थी करियर, अब जी रही गुमनाम जिंदगी
गैंगस्टर के इश्क में पड़कर ये एक्ट्रेस बर्बाद कर बैठी थी करियर, अब जी रही गुमनाम जिंदगी
IPL 2025: ये है मेगा ऑक्शन की बेस्ट 'अनसोल्ड' इलेवन, ट्रॉफी जीतने वाला खिलाड़ी होगा कप्तान
ये है मेगा ऑक्शन की बेस्ट 'अनसोल्ड' इलेवन, ट्रॉफी जीतने वाला खिलाड़ी होगा कप्तान
इस तरह से काटेंगे मिर्च तो कभी नहीं जलेंगे हाथ, देसी जुगाड़ का वीडियो हो रहा वायरल
इस तरह से काटेंगे मिर्च तो कभी नहीं जलेंगे हाथ, देसी जुगाड़ का वीडियो हो रहा वायरल
साउथ एक्ट्रेस नयनतारा से नेचुरल, प्लम्प और लॉन्ग लास्टिंग लिप लुक पाने का जानें तरीका, एक्ट्रेस ने बताया ट्रिक
नयनतारा से नेचुरल, प्लम्प और लॉन्ग लास्टिंग लिप लुक पाने का जानें तरीका
सर्दियों में कम पानी पीने से हड्डियों और जोड़ों पर पड़ सकता है बुरा असर, जानें कैसे करें बचाव
सर्दियों में कम पानी पीने से हड्डियों और जोड़ों पर पड़ सकता है बुरा असर, जानें कैसे करें बचाव
रुक गया युद्ध! इजरायल हिज्बुल्लाह के बीच सीजफायर, क्या हुई दोनों के बीच डील, पढ़ें बड़ी बातें
रुक गया युद्ध! इजरायल हिज्बुल्लाह के बीच सीजफायर, क्या हुई दोनों के बीच डील, पढ़ें बड़ी बातें
Embed widget