China-Pakistan Defence Deal: हर दिवाली आने से पहले हम अपने घर का कबाड़  घर से बाहर निकालते हैं जिसमें कुछ एकाध चीज ऐसी भी होती है,जिसे देखकर कबाड़ी की बांछें खिल जाती है,कुछ वैसा ही सलूक चीन ने पाकिस्तान के साथ किया है. चीन ने  20 साल से भी ज्यादा पुराने अपने जे10 सी 'चेंगदू' (Chengdu J-10) एयरक्राफ्ट पाकिस्तान को देने का फैसला किया है. हालांकि ये उसे तकरीबन तीन महीने बाद ही मिलने वाले हैं लेकिन पाकिस्तान ने अभी से अपना सीना चौड़ा करते हुए ये दावा कर दिया है कि ये भारत के राफेल फाइटर जेट से मुकाबला करने के काबिल हैं. वैसे, भारत भी फिलहाल उसकी इस खुशफहमी को दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा क्योंकि हमारी सेना दोनों लड़ाकू विमानों के फर्क को और उसकी ताकत को बखूबी जानती है.


दरअसल, चीन एक सोची समझी रणनीति के तहत पाकिस्तान को ऐसे 25 लड़ाकू विमान दे रहा है,जिसके बारे में पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर तो ये दावा किया है कि वो इसे चीन से खरीद रहा है.लेकिन इस हक़ीक़त से भला कौन अनजान है कि जिस पाकिस्तान की सरकार को अपना मुल्क चलाने के लिए दुनिया के तमाम इस्लामिक देशों समेत चीन के आगे खैरात का कटोरा लेकर घूमना पड़ रहा हो,वो आखिर कहां से इतना पैसा जुटा सकता है. रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि बेशक चीन इसे न माने,लेकिन वो पाकिस्तान को इसे ख़ैरात में ही दे रहा है.क्योंकि इसके पीछे उसका अपना स्वार्थी मकसद है, जिसे पूरा करने के लिए आने वाले दिनों में वो और भी बहुत कुछ कर सकता है.


दुनिया के नक्शे पर सबसे ज्यादा आबादी वाला चीन ऐसा मुल्क है जिसे फिलहाल पैसों से ज्यादा अमेरिका और भारत की बढ़ती हुई नजदीकी की चिंता सता रही है क्योंकि उसके सिर पर इस वक़्त दुनिया पर अपनी सल्तनत कायम करने का जुनून सवार है. लिहाज़ा, वह अपने आर्थिक नुकसान से ज्यादा ये देख रहा है कि एक महाशक्ति के तौर पर उभर रहे भारत को आखिर किस तरह से कमजोर किया जाये,ताकि वो दबाव में आकर उसके साथ दोबारा वैसे ही पुराने रिश्ते बनाने की गुहार लगाए.


इसमें भी कोई शक नहीं कि पाकिस्तान को दी जाने वाली इन 25 फाइटर जेट की सौगात का मतलब यही है कि वो हमारे पड़ोसी मुल्क को बराबरी की टक्कर में लाने का ख्वाब पाले बैठा है. लेकिन वो इतना भी नासमझ नहीं कि हमारी ताकत से पुरो तरह अनजान हो. पर,दोनों देशों के बीच चल रहे तनावपूर्ण रिश्तों को देखकर इस हक़ीक़त से भला कौन इनकार कर सकता है कि चीन ने हमारे यहां खतरनाक उथल-पुथल करने के इरादे नहीं पाल रखे हैं.शायद इसीलिये कूटनीति के जानकार कहते हैं कि उसकी इस हरकत की तुलना हमें अपने शहर के उन गुंडों से करना चाहिए ,जो अपने एक गुर्गे को बचाने के लिए उसे हर तरह की मदद देने को तैयार तो रहता है लेकिन उसे बचाने की पूरी गारंटी न कभी लेता है और न ही देता है.अगर  मुंबई के धारावी इलाके वाली भाषा का इस्तेमाल करें,तो चीन मवालियों का वो 'भाई' बन रहा है,जो पाकिस्तान को अपना एक छोटा-सा गुर्गा मानते हुए उसे भारत को निपटाने की 'सुपारी' दे रहा है.जबकि वह जानता है कि ऐसी सुपारी देने की उल्टी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है,जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.


वैसे भी कूटनीतिक लिहाज से भारत को इस बात से जरा भी तकलीफ नहीं है कि दुनिया का एक ताकतवर मुल्क किसी कमजोर देश को आखिर मदद क्यों दे रहा है. लेकिन चिंता का विषय ये है कि साबरमती नदी के किनारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस शी जिनपिंग को झूला झुलाते हुए अपने हाथों से इतनी आत्मीयता भरी चाय पिलाई थी, उनके इरादे भारत के ख़िलाफ़ इतनी जल्दी ऐसे खतरनाक आखिर क्यों हो गए? जाहिर-सी बात है कि इसकी उम्मीद न तो पीएम मोदी ने कभी की होगी और न ही हमारी विदेश नीति को तय करने वाले महारथियों को ही ये अहसास  होगा कि ड्रैगन हमें ऐसी आंख दिखाने की हिमाकत भी कर सकता है.


उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने चीन से 25 जे10सी 'चेंगदू' (Chengdu J-10) एयरक्राफ्ट खरीदने के करार का ऐलान किया है. पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री, शेख रशीद अहमद (Sheikh Rasheed Ahmad) के मुताबिक, इन जे10सी एयरक्राफ्ट्स को राफेल लड़ाकू विमानों का मुकाबला करने के लिए ही चीन से खरीदा जा रहा है. पाकिस्तान का दावा है कि अगले साल यानी मार्च 2022 तक चीन से ये फाइटर जेट मिलने लगेंगे.मंत्री का दावा है कि अगले साल पाकिस्तान दिवस की फ्लाई पास्ट में चीन से लिए जाने वाले जे10सी फाइटर जेट भी दिखाई पड़ेगे.वैसे हर साल 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस मनाया जाता है.


 

जानकारों की मानें तो जे10सी किसी भी मुकाबले में भारत के राफेल फाइटर जेट के सामने नहीं टिकता है. सिंगल इंजन होने के साथ साथ ये अमेरिका के एफ16 फाइटर जेट की तर्ज पर ही चीन ने तैयार किया था. जेएफ16 काफी पुराने फाइटर जेट हैं और पाकिस्तान भी इस्तेमाल करता रहा है.जबकि  राफेल ट्वीन इंजन ओमनी-रोल एयरक्राफ्ट है,जो हर पहलू से इससे कई गुना ज्यादा ताकतवर है. इसलिये सवाल उठता है कि दुनिया की बादशाहत का सपना देखने वाला चीन क्या अब अपने पिद्दी-से गुर्गे पाकिस्तान के जरिये भारत को धमकाएगा?



(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)