एक्सप्लोरर

चीन के साथ पहले कभी नहीं दिखी रूस की ऐसी गहरी दोस्ती, अमेरिका को टक्कर देने धीरे-धीरे उभर रहा बीजिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार को रूस पहुंचे. यूक्रेन वॉर के बाद शी जिनपिंग का ये पहले मॉस्को दौरा है. पुतिन के जामने से जिस तरह चीन के साथ रूस की दोस्ती की शुरुआत हुई, उसके से अब तक ये काफी गहरी दोस्ती हो चुकी है. वे दोनों खुद बोलते हैं कि इसकी कोई लिमिट नहीं है और हम दोस्त बने रहेंगे.

जिस तरह आज पूरी दुनिया की हालत है, उसमें एक तरफ तो पश्चिमी देश और नेटो है, ईयू है, नेफ्टा है. हालांकि, नेफ्टा में मैक्सिको की आवाज अलग है. ऐसे स्थिति में जब पहले अमेरिका एक मात्र देश शक्तिशाली हो गया था, वो अब खत्म हो रहा है. और अमेरिकी बादशाहत के खत्म होने में सबसे बड़ी चीज ये है कि चीन काफी ज्यादा आगे बढ़ गया. वो चाहे बात इकॉनोमिकली हो, स्ट्रैटिजकली हो या फिर मिलिट्री. इसके साथ रूस-चीन के संबंध दोनों का एक दूसरे के लिए अनुपूरक हो गया है.

चीन बढ़ा रहा अपना पावर

आपको याद होगा कि शीतयुद्ध के समय दोनों बिछुड़ गए थे और एक तरह से दोनों खत्म हो गए थे. अब इतिहास एक बार फिर से बदल रहा है. अब ये दोनों समझ गए कि हमको एक साथ ही जीना है. इसलिए, यूक्रेन की जंग रूस के लिए तो बहुत जरूरी है ही, चीन में भी इसकी पूरी भागीदारी है.

आपको याद होगा पहले किसी भी जंग की सूरत में मध्यस्थता की भूमिका सिर्फ अमेरिका था. इसके अलावा कोई देश नहीं था. अब धीरे-धीरे चीन काफी शक्तिशाली देश हो चुका है. सऊदी अरब और ईरान के कई साल पुरानी दुश्मनी को खत्म करवा दिया और मिडिल ईस्ट में शांति लेकर बीजिंग आया है. इसी तरह ब्रिक्स में सऊदी अरब और ईरान में दोनों सदस्य हो जाएंगे. इसका मतलब ये हुआ कि नेटो की तरफ एक उसके खिलाफ अलग संगठन दुनिया में बन रहा है, जो पूरी तरह से टक्कर पश्चिमी देशों को देगा, जिसका नेता अमेरिका है और दूसरी तरफ जो उभर रहा है, उसका नेता चीन है.

कहा जाता है कि टू साइड्स ऑफ द ट्रायंगल इज ऑलवेज लार्जर देन दे थर्ड. यानी तिहाई का जो ट्रांयल होता है वो जीतता है. अब रूस और चीन एक साथ हो गया है. उन दोनों के साथ भारत के रिश्ते भी ठीक-ठाक है. हालांकि, चीन के साथ रिश्ते जरूर कुछ चिताएं हैं, बॉर्डर को लेकर.

बैकफुट पर खड़ा अमेरिका

लेकिन, शंघाई कोओपरेशन और ब्रिक्स इन सभी से अमेरिका को एक चुनौती तो दिख रहा है. इसके साथ, हमारी जो आर्थिक स्थिति, रूस की भी ठीक ठाक है. आर्थिक प्रतिबंध के बावजूद रूस अच्छी स्थिति में है. चीन और भारत की भी आर्थिक स्थिति अच्छी है.

भारत का इसमें ये रोल रहा है कि उसने दिखाया कि एक इंडिपेंडेंट विदेश नीति पर चल सकते हैं. इस दिशा में अमेरिका को झटका लगा ही है. इस लड़ाई में जिस तरह से रूस जंग को जीत रहा है, उससे जरूर अमेरिका आज बैकफुट पर खड़ा है. रूस और चीन में इसको लेकर काफी खुशी है कि दुनिया अब मल्टीपोरैलिटी की ओर बढ़ रहा है.

पश्चिमी ताकतों के साथ मुकाबला चीन अकेले नहीं कर सकता है. इसलिए आसियान, साउथ ईस्ट एशिया के एसोसिएशन में चीन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके  अलावा रूस-चीन के बीच लंबी सीमा है. रॉ मैटेरियल्स चीन के लिए जो बहुत जरूरी है, रूस के पास तेल का जो पर्याप्त भंडार है, वो चीन को मिल रहा है. ऐसे में ये दोस्ती जिसे विन-विन रिलेशनशिप बोलते हैं, वे रूस-चीन ने बना लिया है, जो लगता है कि काफी लंबा ये रिश्ता चलेगा.

ऐसे में अगर चीन इसमें मध्यस्थता की भूमिका निभाता है तो भी अमेरिका ये जरूर चाहेगा कि ये वॉर इतना जल्दी खत्म न हो. इसलिए ऐसी कम संभावना है कि पश्चिमी देश चीन के किसी प्रस्ताव को मानेंगे. इनके लिए भी एक फेस सेविंग फॉर्मला चाहिए, क्योंकि हर देश ये पूछेगा कि ऐसा क्यों किया. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये आर्टिकल दिल्ली यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. सुब्रतो मुखर्जी से बातचीत पर आधारित है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
ABP Premium

वीडियोज

कभी थे सूबे के सरकार, सुखबीर सिंह बादल अब बने पहरेदार! | Bharat Ki BaatBharat Ki Baat: Eknath Shinde की भूमिका पर इतना सस्पेंस क्यों? | Mahayuti | BJP | Maharashtra New CMSandeep Chaudhary: EVM से तौबा-तौबा...तो ही चुनाव निष्पक्ष होगा? | Maharashtra | ABP NewsSambhal Violence: कितने 'संभल' कैसे निकलेगा हल? | Sambhal Case | UP | ABP News | Breaking

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
संभल हिंसा: तलाशी में मिले पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
संभल हिंसा: पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
Embed widget