एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

Opinion: आखिर जनता ने हम पर क्यों नहीं किया भरोसा, कांग्रेस पार्टी की हार की करेंगे समीक्षा

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आए, इसमें सिर्फ तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी की जीत मिली है. दरअसल, जो भी जनता का निर्णय होता है, लोकतंत्र में वहीं सर्वोपरि होता है. जनता जनार्दन है. आप देखिए वही हमारे नेता तेलंगाना में लगे थे और हमने भारी बहुमत हासिल की है. जबकि, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां पर कांग्रेस की सरकार थी,  हमारी हार हुई है. मध्य प्रदेश में सभी लोग मानते थे कि कांग्रेस की सरकार बन रही है, यही बात जनता से लेकर वरिष्ठ तक सभी की तरफ से छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बारे में भी कही जा रही थी.

हम इतना ही कह सकते हैं कि हमें हारने का और जीतने के परिणामों की समीक्षा करनी होगी. समीक्षा करने के उपरांत हमें ये देखना होगा कि हम जो भी कर रहे थे, कहीं न कहीं कोई चूक रह गई है. अगर कोई कमी रह गई तो वो कौन सी चूक रह गई है.

अगर आप ओवरऑल देखिए तो कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. हमें बहुत सारी चीजों को देखना और समझना पड़ेगा कि क्या हम परंपरागत तरीके से चुनाव लड़ रहे थे. हम परंपरागत नेतृत्व के साथ लड़ रहे थे. इसके अलावा, हमें किस तरह से वहां पर और तब्दिली करनी चाहिए. 

क्या लोग पीएम की बातों में आ गए?

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव के दौरान जिस तरह से लोगों के साथ बातें करते हैं, क्यों जनता उनकी बातों में आ गए. ऐसे बहुत सारे फैक्टर्स हैं. जब इन्हें बारीकी से देखेंगे तो पता चलेगा. इसके अलावा, हमें इसका भी विश्लेषण करना पड़ेगा कि हम आखिर कहां और और किन वजहों से हारे हैं. 

चूंकि, एक-एक सीट का मूल्यांकन करने के बाद ही कोई सही बात आदमी कर पाता है. अभी तो बहुत सी हवा-हवाई बातें हो रही है. भारतीय जनता पार्टी के लोग कह रहे हैं कि मोदी की गारंटी काम आ गई. ये गारंटी जो आज बीजेपी दे रही है, अगर 2018 के चुनाव को देखेंगे तो उस वक्त हम चार राज्यों में चुनाव जीते थे. 

चार राज्यों में चुनाव जीतने के बावजूद दो राज्य कर्नाटक और मध्य प्रदेश में हमारी बहुमत को लूट लिया गया. जबकि, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हम कायम रहे थे. इसके बाद देश का चुनाव हुआ. लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत हुई. इस बार चार राज्यों में से तीन राज्यों में हम नहीं जीत पाए. ऐसा लगता है कि जनता कई बार तरह-तरह के फैसले लेती है. जिस तरह से हम मेहनत कर रहे हैं तो हो सकते हैं कि हम लोकसभा में जीत जाएं.

हार का किया जाएगा विश्लेषण

इसलिए, लगातार काम करने की बात है. उसमें इस तरह की बातें सामने आती है. कई बार जो हमारे नेतृत्व या मुख्यमंत्री होते हैं, उनको स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए भी काफी हद तक छोड़ा जाता है. वे सारी चीजों को देखते हुए निर्णय लेते हैं. कई जगहों पर संगठन निर्णय लेता है. कई जगहों पर सरकारें निर्णय लेती है. अब जिस अंतिम व्यक्ति तक हम जो योजनाएं पहुंचाना चाहते थे, वो कहां तक पहुंची थी, या पहुंचने के बाद कौन सी कमी रही गई, जिसके चलते हार हुई है. 

बहुत सारी चीजों पर बहुत सारे काम हमें करने होंगे. हमारा नेतृत्व जो राष्ट्रीय नेतृत्व है, वो जब तेलंगाना में जाता है तो हम जीत जाते हैं. हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व जब मध्य प्रदेश में जाता है तो हम हार जाते हैं. इन सारी चीजों को हम समीक्षा करेंगे, तभी बताना ठीक रहेगा क्योंकि अभी बहुत सी चाजों का सामने आना बाकी है कि कैसे टिकट का बंटवारा हुआ था. कैसे हमलोगों ने कैंपेन किया. कैसे नेतागण ने क्षेत्रों का दौरा किया. इन सारी चीजों का सामने आने दीजिए, तब कहीं बेहतर तरीके से हम बताने की स्थिति में होंगे कि हमारे जीत के कौन से कारण है और हमारे हार के कौन से कारण है.

विधानसभा चुनाव को लोकसभा पर नहीं होगा असर

जहां तक विधानसभा चुनाव परिणाम के लोकसभा चुनाव पर असर पड़ने की बात है तो 2018 में हमारी सरकार आ जाती है. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. हम इन्हीं चार राज्यों में चुनाव जीता था. मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इन चारों ही राज्यों में 2018 में इसी दिसंबर में चुनाव में हमारी जीत हुई थी. लेकिन, जब चार महीने बाद 2019 में चुनाव हुआ तो बीजेपी जीतती नजर आयी.

हो सकता है कि इस बार बिल्कुर ही उलट हो. उनकी इस बार विधानसभा में बढ़त हुई तो कहीं हमारी लोकसभा में बढ़त हो. हम ऐसा मानते हैं कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो के माध्यम से जो काम किया है, उसको बहुत व्यापक रुप से लोग देख रहे हैं. इसका फायदा हमें अवश्य मिलेगा.

मुद्दों पर इस बार नहीं हुए चुनाव

इस बार के विधानसभा चुनाव मुद्दों पर नहीं लड़े गए हैं. सच्चाई यही है जो हमें दिखाई दे रहा है. इसके कारण इस तरह की बातें सामने आयी है. क्योंकि, हवा-हवाई बातें करना, धर्म की चासनी चटाकर उसका चुनाव में फायदा लेना, ये सभी चीजें हुई है. बहुत विस्तार से फिलहाल मैं ये चीजें नहीं बताना चाहता. उन चीजों को समझना पड़ेगा.   

आप देखिए,  दक्षिण भारत में सभी जगहों पर कांग्रेस जीत रही है. वहीं हिन्दी पट्टी में वो आते हैं और अगर उनको बढ़त मिलती है तो कहीं न कहीं उनका जो संवाद करने का तरीका है, वो झूठ से भरा हुआ है. अगर जो झूठ से भरा हुआ है और कहीं न कहीं अगर जनता उस पर विश्वास करती है तो चूंकि जनता जनार्दन होती है, लोकतंत्र में तो, ये हमें स्वीकार करना ही होगा. 

दक्षिण भारत में अगर पूरी तरह से गौर करेंगे तो इस वक्त कांग्रेस की लहर चल रही है. हिंदी पट्टी में भी अगर देखेंगे तो आप पाएंगे कि राजस्थान में हमारी सरकार थी, एंटी इनकमबैंसी जरूर होती है, ऐसे में हम नहीं मानते हैं बुरी तरह से कांग्रेस की हार हुई है. छत्तीसगढ़ में हमने अच्छा परफॉर्म किया है. मध्य प्रदेश में जिनती उम्मीद थी, उस अनुरुप प्रदर्शन नहीं रहा. 

लेकिन, जो दक्षिण भारत का क्षेत्र है, जहां पर लोगों ने हमारी बातें समझी है, उन्होंने हमें जिताया है. हम उनका आभार व्यक्त करेंगे. साथ ही, इन क्षेत्रों में भी अगर हमारी कमी हुई है, वहां पर आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सुधार करेंगे. अभी बहुत सारी बातें सामने आना बाकी है, क्योंकि जिस तरह के परिणाम आए उसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था. वो चाहे मीडिया के साथ हों या फिर चुनाव विश्लेषक हों.     

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ़ लेखक ही ज़िम्मेदार हैं.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

KL Rahul Half Century: यशस्वी-राहुल ने शतकीय साझेदारी से पर्थ में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
यशस्वी-राहुल ने पर्थ टेस्ट में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
पूरा दिन वोटिंग के बाद EVM मशीन 99% कैसे चार्ज हो सकती है?, पति फहाद अहमद की हुई हार, तो स्वरा भास्कर ने पूछे ECI से सवाल
पति की हुई हार तो स्वरा भास्कर ने उठा दिए ईवीएम पर सवाल
Maharashtra Election Result: शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
ABP Premium

वीडियोज

Assembly Election Results: देवेंद्र फडणवीस ने जीत के बाद क्या कहा? Devendra Fadnavis | BreakingMaharashtra Election Result : विधानसभा चुनाव के रुझानों पर महाराष्ट्र में हलचल तेज!Maharashtra Election Result : देश के अलग-अलग राज्यों में हो रहे उपचुनाव में बीजेपी की बड़ी जीतMaharashtra Election Result : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत पर CM Yogi की आई प्रतिक्रिया

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
KL Rahul Half Century: यशस्वी-राहुल ने शतकीय साझेदारी से पर्थ में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
यशस्वी-राहुल ने पर्थ टेस्ट में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
पूरा दिन वोटिंग के बाद EVM मशीन 99% कैसे चार्ज हो सकती है?, पति फहाद अहमद की हुई हार, तो स्वरा भास्कर ने पूछे ECI से सवाल
पति की हुई हार तो स्वरा भास्कर ने उठा दिए ईवीएम पर सवाल
Maharashtra Election Result: शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
Maharashtra Assembly Election Results 2024: सीएम की कुर्सी के लिए संग्राम शुरू, छप गए पोस्‍टर, जानें फडणवीस, अजित पवार, शिंदे का क्‍या रहा रिजल्‍ट
महाराष्‍ट्र: सीएम की कुर्सी के लिए संग्राम शुरू, छप गए पोस्‍टर, जानें फडणवीस, अजित पवार, शिंदे का क्‍या रहा रिजल्‍ट
हेमंत सोरेन को मिला माई-माटी का साथ, पीके फैक्टर एनडीए के काम आया, तेजस्वी का ‘पारिवारिक समाजवाद हुआ फेल’  
हेमंत सोरेन को मिला माई-माटी का साथ, पीके फैक्टर एनडीए के काम आया, तेजस्वी का ‘पारिवारिक समाजवाद हुआ फेल’  
Police Jobs 2024: इस राज्य में भरे जाएंगे सब इंस्पेक्टर के बंपर पद, जानें कब से शुरू होगी आवेदन प्रोसेस
इस राज्य में भरे जाएंगे सब इंस्पेक्टर के बंपर पद, जानें कब से शुरू होगी आवेदन प्रोसेस
Embed widget