एक्सप्लोरर

मोदी सरकार: 7 साल के कामयाब सफर में लगा 'कोरोना' का ग्रहण

बीती 26 मई को सात साल पूरे करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार अब उस मुकाम पर आ पहुंची है, जहां कोरोना की चुनौती से सफलतापूर्वक निपटने का मतलब एक साथ कई चुनावी जंग जीतने से कम नहीं होगा. सात साल के इस सफर में कई चुनावी वायदे पूरे करने के साथ ही अंतराष्ट्रीय मंच पर भारत की नई धाक जमाने वाली सरकार के सितारे अगर आज कुछ गर्दिश में हैं तो इसकी बड़ी वजह कोरोना की दूसरी लहर का अंदाजा न लगा पाना और उससे मची अफरातफरी ही है जिसके चलते लोगों में गुस्सा पनपा. लिहाज़ा, यह सवाल उठ रहा है कि अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के जरिए ऐतिहासिक फ़ैसले लेकर देश की राजनीति की दशा-दिशा बदलने का साहस रखने वाले मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ क्या अब गिर रहा है? जो लोग पिछले सात साल से इस सरकार के कामकाज से संतुष्ट थे, क्या अचानक अब उनकी संख्या में कमी आई है?

ये सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि हाल ही में दो ऐसे सर्वे हुए हैं जिसमें दावा किया गया है कि मोदी की अप्रूवल रेटिंग पहले के मुकाबले घटी है. एक सर्वे अमेरिका की अंतराष्ट्रीय डेटा इंटेलिजेंस कंपनी 'मॉर्निंग कंसल्ट' ने किया है, जबकि दूसरा सर्वे भारतीय एजेंसी 'सी-वोटर' ने किया है जो चुनावी सर्वे के लिए मशहूर है. अमेरिकी कंपनी के सर्वे के मुताबिक मोदी की लोकप्रियता में कमी तो आई है लेकिन अभी भी उनकी अप्रूवल रेटिंग 63 फीसदी के आसपास है. यह उनके समर्थकों व बीजेपी के लिए शुभ संकेत है क्योंकि यदि यह 50 प्रतिशत से नीचे होती, तो इसे खतरे का संकेत माना जाता. जबकि सी-वोटर के सर्वे पर यकीन करें, तो वह मोदी व उनकी पार्टी के लिए थोड़ी परेशानी बढ़ाने वाला है. इस सर्वे के मुताबिक पीएम के कामकाज से बेहद संतुष्ट होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से कमी आई है. पिछले साल ऐसे लोग 65  प्रतिशत थे, जो अब घटकर 37 फीसदी रह गए हैं. जाहिर है कि इस एक साल के कोरोना काल में सरकार के कामकाज से नाराज़ होने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिसे अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता. इस एजेंसी ने तो यह भी दावा किया है कि 2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि उनके कामकाज से असंतुष्ट लोग बहुमत में हैं.

इसमें भी कोई दो राय नहीं कि मोदी की लोकप्रियता में ये जो बदलाव आया है, उसका मुख्य कारण कोरोना महामारी है. लोगों को लगता है कि इस चुनौती से निपटने में सरकार का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा क्योंकि न तो वह दूसरी लहर का अंदाजा लगा पाई और न ही वह इस संकट का सामना करने के लिए पूरी मजबूती से तैयार ही दिखी. अगर इन सर्वे के नतीजों को पूरी तरह से अनदेखा भी कर दिया जाए, तो भी इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता कि दूसरी लहर का अंदाज़ा न लगा पाना एक बड़ी प्रशासनिक भूल व गलती थी. अगर मोदी से मोहभंग होने वालों की संख्या बढ़ी है, तो उसकी एक वजह यह भी है कि समय से पहले ही यानी इस साल की शुरुआत में ही कोरोना पर जिस तरह से जीत के दावे किये गए, उस पर लोगों ने भरोसा किया लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट. दूसरी लहर के दौरान जिस तरह से कमोबेश हर राज्य में मेडिकल सिस्टम चरमरा गया, उसका गुस्सा भी लोगों ने अपने राज्य की बजाए केंद्र सरकार पर ही निकाला.

वैसे मोदी की छवि एक कुशल राजनेता व योग्य प्रशासक की रही है, लिहाज़ा इसे बरकरार रखने और लोकप्रियता की उसी बुलंदी पर बने रहने के लिए फिलहाल कोरोना के टीकाकरण की चुनौती से निपटना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए. इस अभियान में तेजी लाकर जितनी जल्दी पूरी आबादी का टीकाकरण होगा,लोग भी उतनी ही जल्द इस सरकार की कमियों व जवाबदेही को भूल जाएंगे.पुरानी कहावत है कि वक़्त हर ज़ख्म को भर देता है और अभी तो उनके पास पूरे तीन साल बचे हैं.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
विनोद खन्ना ने बनाया था हिरोइन, सलमान खान संग दी  हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
सलमान खान संग दी हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
ABP Premium

वीडियोज

Israel-Lebanon: लेबनान पर इजरायल की ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक | ABP NewsDelhi के रंगपुरी में एक ही घर से मिला परिवार के 5 लोगों का शव | Breaking NewsPM Modi in J&K: आज जम्मू-कश्मीर में जनसभा को संबोधित करेंगे पीएम मोदी | Assembly ElectionsJammu-Kashmir के कुलगाम में मुठभेड़, सेना ने 2से 3 आतंकियों को घेरा | Breaking News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
विनोद खन्ना ने बनाया था हिरोइन, सलमान खान संग दी  हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
सलमान खान संग दी हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
IND vs BAN 2nd Test: होटल लौट गईं भारत-बांग्लादेश की टीमें, बारिश की वजह से दूसरे दिन नहीं शुरू हो सका खेल
होटल लौटी टीम इंडिया, बारिश की वजह से दूसरे दिन नहीं शुरू हो सका खेल
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
World Heart Day 2024: 30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
नाम अपडेट होने के कितने दिन बाद घर पर डिलीवर होता है पैन कार्ड?
नाम अपडेट होने के कितने दिन बाद घर पर डिलीवर होता है पैन कार्ड?
Embed widget