ऑटो लॉन्चिंग के ज्यादातर इवेंट दिल्ली या मुंबई में होते हैं क्योंकि ये जगहें देश की ऑटो इंडस्ट्री की हब हैं. ज्यादातर ऑटो लॉन्चिंग इवेंट एक दिन का कार्यक्रम होते हैं और इनके लिए एक ऑटो जर्नलिस्ट को सुबह फ्लाइट लेकर जाना होता है और उसी दिन शाम को लौट कर आ जाना होता है. मैंने भी करीब इसी साल फरवरी में कुल 12-13 फ्लाइट लीं और इवेंट में हिस्सा लिया. हालांकि ये सब मार्च से बिलकुल बदल गया और इसी के साथ कार निर्माताओं को भी अपने शेड्यूल बदलने पड़े जिनकी कई कारों की लॉन्चिंग निर्धारित थीं. अब कोरोना संकट के कारण डिजिटल तरीकों को अपनाना एकमात्र उपाय था और इसने ऑटो इंडस्ट्री को एक डिजिटल भविष्य की ओर देखने के लिए प्रोत्साहित किया.
डिजिटल का मतलब पूरी तरह सुविधा से है. आपको न तो मोबाइल खरीदने के लिए दुकान पर जाने की जरूरत होती है और न ही कार के लॉन्चिंग इवेंट के लिए कुछ खास इंतजाम करने होते हैं. हाल ही में ऐसे डिजिटल कार लॉन्च इवेंट को अटेंड करना पूरी तरह से अद्वितीय अनुभव था. मर्सिडीज-बेंज ने हाल ही में अपनी दो कारों को डिजिटल तरीके से लॉन्च किया और इसी तरह स्कोडा अपनी तीन नई कारों को डिजिटल माध्यम पर सामने लाई. मर्सिडीज के डिजिटल लॉन्च के लिए मुझे एक लिंक दिया गया था जहां मुझे अपनी जरूरी जानकारी भरनी थी और इसके बाद वहां लाइव वेबकास्ट का लिंक दिखाई देने लगा.
इस डिजिटल कार लॉन्च की मूल जगह से बेहद दूर होते हुए भी ये इवेंट मेरे लिए खास था क्योंकि इसमें अपने घर के आरामदायक माहौल में होते हुए भी मेरे पास इसकी सारी डिटेल्स मेरे पास चुटकियों में पहुंच गई और ये बिलकुल एक सटीक कार लॉन्च की तरह महसूस हुआ. सिर्फ इसमें कार लॉन्चिंग की परंपरागत चहलपहल नहीं थी और कार को खुद देखने का अनुभव नहीं था लेकिन ये अहसास पूरी तरह अलग था. ये एक अलग ही नजरिया था और कार लॉन्चिंग की डिजिटल कवरिंग ने पूरी तरह अलग अनुभव दिया. ये भी साफ है कि ये तरीके अब बिलकुल आम हो जाएंगे. किसी कार की लॉन्चिंग इवेंट में बहुत सारा खर्चा आता है और अब कोरोना वायरस के असर को देखते हुए इस खर्चे को बचाना काफी अच्छा आइडिया है. इसके अलावा इसका एक और फायदा ये भी है कि डिजिटल कवरेज और डिजिटल लॉन्च के जरिए कई अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कार की ब्रान्डिंग की जा सकती है जो शानदार लगता है.
मुझे इस कार लॉन्च के लिए सफर करने की जरूरत नहीं थी और न ही ट्रेफिक का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से डिजिटल कार लॉन्च काफी आकर्षक हो गया. हालांकि एक जर्नलिस्ट के तौर पर मैंने वास्तविक एक्शन को मिस किया. हालांकि अब ऐसा लगता है कि अब 'न्यू नॉर्मल' की आदत डालनी ही होगी.
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