एशिया के सबसे बड़े YouTuber में से एक कैरी मिनाटी के बिजनेस मैनेजर होने के नाते मैं कहना चाहूंगा कि क्रिएटर इकोनॉमी (creator economy) एक नई अर्थव्यवस्था है. भारत में क्रिएटर इकोनॉमी बड़े पैमाने पर फली-फूली है. भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग स्पेस में एक तरह का बुलबुला फूटने की प्रतीक्षा कर रहा है. फ़ंडिंग विंटर और खर्च में कटौती के कारण मैं कह सकता हूं कि कुछ समय के लिए ग्रोथ में गिरावट देखने को मिलेगी. ख़ासकर जिन क्रिएटर के पास अलग-अलग तरीके से कमाई का साधन नहीं है, उनकी ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.


इंडियन क्रिएटर्स को इस बात से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कैसे भारत के बाहर उनके साथी अन्य चैनलों के माध्यम से और सीधे उपभोक्ताओं से कमाई कर रहे हैं. भारत में कंटेंट बनाने की आजादी आत्मनिर्भरता की कमी है. 90% से अधिक इंडियन क्रिएटर्स मार्केट, ब्रांड टाई-अप और स्टार्ट-अप सौदों पर निर्भर है.


कंटेंट में दर्शकों को बनाना होगा सहभागी


भारत में क्रिएटर को नए-नए वेंचर से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए, जिनसे कमाई बढ़े. उनको क्रिएटर-आन्ट्रप्रनर एल्गोरिथम पर फोकस करना चाहिए. डी2सी ब्रांड लॉन्च करने या एडटेक, फिनटेक, ईकॉमर्स और अन्य क्षेत्रों में निवेश पर ध्यान देना चाहिए. आप सिर्फ ब्रांड के काम और सोशल कॉमर्स का लाभ नहीं उठा सकते हैं, बल्कि कंटेंट बनाने की प्रक्रिया में दर्शकों को शामिल करने की ज़रूरत है. इससे क्रिएटर्स के लिए अधिक आत्मनिर्भर बनेंगे. इससे उनके ऑपरेशन और रेवन्यू चैनलों का प्रबंधन करने का अवसर भी खुलेगा. भारत में ये स्पेस अभी बिल्कुल नया है. मैं यह बताना चाहता हूं कि क्रिएटर और इंफ्लुएंसर ये दोनों बहुत ही अलग-अलग कैटेगरी है. इंफ्लुएंसर पहले अपनी जीवन शैली को बढ़ावा देते हैं, जबकि क्रिएटर अपने ज्ञान और योग्यता के जरिए आगे बढ़ते हैं. इंफ्लुएंसर को फंडिंग कटौती की समस्या महसूस हो सकती है. लेकिन अच्छे क्रिएटर ब्रांड, स्टार्ट-अप और ऐसे अन्य भागीदारों से राजस्व अर्जित करेंगे. जब कोई गेमर या कॉमेडियन या संगीतकार दूसरों को कुछ सिखाने के लिए अपनी प्रतिभा का उपयोग करता है तो इससे सीधे वैल्यू क्रीएशन होता है और यह कभी भी फैशन से बाहर नहीं होगा, क्योंकि वैल्यू क्रीएशन से से पैसा आएगा.


भारत गेमिंग महाशक्ति बनने की राह पर


मैं कहना चाहूंगा कि भारत गेमिंग महाशक्ति (gaming superpower) बनने की राह पर है. गेमिंग हमेशा से सभी के बचपन का हिस्सा रहा है. बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्मार्टफोन की उपलब्धता के कारण पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल गेमिंग उद्योग विकसित हुआ है. खेलों को अब न सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से विकसित किया गया है, बल्कि कई लोग इसे अपने करियर विकल्प के रूप में ले रहे हैं और कौशल विकास, शैक्षिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए भी ये एक तरीका है. आभासी वास्तविकता (Virtual reality) और ई-स्पोर्ट्स एक ऐसी अवधारणा है जिसने हाल के दिनों में बाजार में बहुत अधिक आकर्षण हासिल किया है. इससे दखते हुए सरकार ने भी इसकी मौजूदगी को स्वीकार किया है. सबसे प्रमुख उद्योगों में से एक जिसने आभासी वास्तविकता की पेशकश करने वाली हर चीज को गले लगा लिया है, वह गेमिंग की दुनिया है. मेटावर्स (Metaverse) ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में क्रांति लाने जा रहा है और गेमर्स को विज्ञान-कथा (Sci-Fi) फिल्म जैसा आभासी दुनिया का अनुभव मिलेगा.


कैरी मिनाटी को हर उम्र के लोग करते हैं पसंद


जहां तक कैरी मिनाटी के ब्रांड एंडोर्समेंट का सवाल है, मैं कहना चाहूंगा कि कैरी हमेशा इंडियन और ग्लोबल ब्रांडों का फेवरेट रहा है. उसके कंटेंट में विविधता है, जिसका आनंद हर उम्र के लोग लेते हैं. मिलेनियल और जेन जेड कम्युनिटी में उनके कंटेंट के बहुत से खरीदार हैं और कई ब्रांड इसे एक मौका के रूप में देखते हैं.  पहले कोई कभी भी विश्वास नहीं कर सकता था कि कैरी ब्रांड एंबेसडर प्रोग्राम के लिए पसंद किया जाएगा. लेकिन मैंने देखा कि संगीत, खेल और फिल्म व्यवसाय में कुछ प्रमुख हस्तियों (leading celebrities) के साथ उनके बैक-एंड मेट्रिक्स (back-end metrics) कैसे बराबर थे. हालांकि हम इस बात को लेकर बहुत सेलेक्टिव हैं कि किसको हम अपना पार्टनर बनाएं क्योंकि कैरी मिनाटी कंटेंट की दुनिया में कमोबेश शाहरुख खान या सलमान खान हैं. कैरी मिनाटी के भविष्य की योजना की बात करें, तो हमारे पास कुछ फिल्म ऑफर, इंटरनेशनल म्यूजिक पार्टनरशिप, ब्रांड ऑफर के साथ-साथ हमारे अपने गेमिंग आईपी और वेब सीरीज भी हैं. हम विभिन्न ई-स्पोर्ट्स कंपनियों और लीगों में साझेदारी के मसले पर भी काम कर रहे हैं.


[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]