एक्सप्लोरर

बोर्ड परीक्षा से ठीक पहले बच्चे को निकालने वाले स्कूल को हाईकोर्ट की फटकार, मनमानी के खिलाफ ऐसे लड़ी लड़ाई

दिल्ली में फीस नहीं चुकाने पर एक छात्र को स्कूल से निकाल दिया गया और कहा गया कि उसे अब परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा. इसके बाद मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंचा और हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर अहम फैसला दिया. कोर्ट ने साफ कहा कि शिक्षा एक जरूरी अधिकार है और फीस नहीं चुकाने के चलते किसी छात्र को क्लास में बैठने या फिर परीक्षा देने से रोकना गलत है. युवा एडवोकेट सोनल ने इस पूरे मामले को कोर्ट में रखा और सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पेश कीं. उन्होंने इस पूरे केस को लेकर अब खुद अपना अनुभव बताया है. पढ़िए उनका ये पूरा ब्लॉग...

नवंबर 2022 में प्रभनूर सिंह का नाम काट दिया गया था, जो 10वीं में पढ़ता था. बोर्ड एग्जाम से ठीक पहले उसे फीस को लेकर निकाल दिया गया. इसके बाद हम कई अथॉरिटीज के पास गए लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली. स्कूल ने फीस वसूलने के लिए एक रिकवरी केस भी कर दिया था, साकेत कोर्ट की तरफ से उसका नोटिस हमें मिला. 6 जनवरी को हमें समन मिला और हमें 13 जनवरी तक पेश होना था. इसके बाद हाईकोर्ट में हमने याचिका दायर की. 

इस पूरे मामले में हमने पैसों के लिए मना नहीं किया, हमने हर जगह ये कहा कि हम पैसे देंगे. कोविड के वक्त हमें पैसों की दिक्कत थी. ये बच्चा प्री-नर्सरी से इस स्कूल में पढ़ रहा है. तब से लेकर आज तक कभी भी फीस में देरी नहीं हुई थी. कोविड के वक्त उस बच्चे के पिता को काफी नुकसान हो गया था. उनका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस था. उस वजह से फीस नहीं भर पा रहे थे. 

स्कूलों की नहीं है कोई सामाजिक जिम्मेदारी?
हमने स्कूल को कहा था कि बच्चे को बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठने देने से पैसे नहीं मिल जाएंगे, आपने केस डाला है तो आपको पैसा किसी भी हाल में मिल ही जाएगा. हमने कहा था कि हम छोटी इंस्टॉलमेंट में पैसा दे देंगे. हमने कहीं भी मना नहीं किया. इसके बावजूद उन्होंने दो महीने तक बच्चे को परेशान किया और स्कूल नहीं आने दिया. आप एक बच्चे की मानसिक स्थिति समझ सकते हैं, जो ये सोच रहा है कि मैं पैसों की वजह से एग्जाम नहीं दे पा रहा हूं. भले ही ये एक प्राइवेट स्कूल है, लेकिन क्या इनकी कोई सामाजिक जिम्मेदारी नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने भी ये कहा है कि एजुकेशन को कमर्शलाइज नहीं कर सकते हैं.

हाईकोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि जैसे स्कूल ने डील किया वो काफी गलत था. कोर्ट ने कहा कि बोर्ड में नहीं बैठने देना बहुत गलत फैसला था. स्कूल को निर्देश दिए गए हैं कि कल से ही वो बच्चे को स्कूल में आने दे और वो बोर्ड परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड भी दे. ऐसे बाकी बच्चों के लिए भी हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड एग्जाम दोबारा नहीं हो सकते हैं, पैसे बाद में मिल सकते हैं. बच्चे का पूरा एक साल बर्बाद नहीं कर सकते हैं. 

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी
इस मामले में स्कूल ने मनमानी की, जानबूझकर बोर्ड एग्जाम से पहले नाम काट दिया गया. अगर काटना था तो पहले ही काट दिया जाता, तब बच्चा दूसरे स्कूल में एडमिशन ले सकता था. हम पूरी कोशिश कर रहे थे कि स्कूल को पैसे दें. इस मामले को उठाने के लिए सबसे पहले मैंने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के कोर्ट में इस बात का जिक्र किया. जिसके बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले पर दिलचस्पी दिखाई और लिस्ट करवाया. उन्होंने भी समझा कि बच्चे के करियर का सवाल है. उसी दिन इस मामले को लिस्ट कराया गया. सुनवाई के बाद हमारे हक में फैसला आया. 

ये सब यही दिखाता है कि स्कूल की मनमानी कैसे चलती है. ऐसे कई मां-बाप हैं जिन्हें न्याय नहीं मिल पाता है. इस केस में ये लोग मुझ तक पहुंच पाए और मैं इस लड़ाई को आगे तक ले जा पाई. लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर पाता है. इस फैसले के बाद अब सभी लोगों में हिम्मत आएगी कि स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लड़ा जा सकता है. एक आम आदमी को नहीं पता होता है कि उसके क्या-क्या अधिकार हैं. इसीलिए इस फैसले को सभी तक पहुंचना जरूरी है. 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget