डिजाइन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चर्चा का शब्द बन गया है. यहां आपको डिजाइन में विभिन्न उप क्षेत्रों, भारत में प्रमुख डिजाइन स्कूलों, प्रवेश परीक्षाओं, कंपनियों या ब्रांड में काम के अवसर, पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम और डिजाइन रिसर्च की जानकारी मिलेगी.
हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद, छात्र देश में किसी भी बैचलर इन डिज़ाइन पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र हैं. फैशन और टेक्सटाइल डिज़ाइन मुख्य रूप से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाया जाता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी देशभर में 18 केंद्रों में स्थित है. जिनमें- दिल्ली, चेन्नई, गांधीनगर, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई, बैंगलोर, भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, कांगड़ा, कन्नूर, पटना, रायबरेली, शिलांग, श्रीनगर, दमन और दीव शामिल हैं.
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के 5 केंद्रों - अहमदाबाद, गांधीनगर, बेंगलुरु, भोपाल, विजयवाड़ा और जोरहाट में भी आप पढ़ सकते हैं. NIFT कपड़ा मंत्रालय की तरफ से चलाया जाता है जबकि NID वाणिज्य मंत्रालय का है. एमआईटी पुणे, सुशांत स्कूल ऑफ डिजाइन, पर्ल एकेडमी, श्रृष्टि स्कूल ऑफ आर्ट एंड डीजन, द डिजाइन विलेज, आईआईएडी, सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे, एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी निजी संस्थानों में शामिल हैं.
निफ्ट में विभिन्न विभागों में फैशन डिजाइन, फैशन संचार, क्लोथ डिजाइन, निटवेअर डिजाइन, सहायक डिजाइन, फैशन प्रौद्योगिकी और फैशन प्रबंधन शामिल हैं. जिन बड़ी कंपनियों या ब्रांडों में छात्र आमतौर पर अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद काम करते हैं उनमें- रेमंड लिमिटेड, आदित्य बिड़ला ग्रुप, मधुरा गारमेंट्स, रिलायंस, अरविंद मिल्स, बॉम्बे डाइंग, फैब इंडिया, वेस्टसाइड, पैंटालून्स, वेलस्पन, ट्राइडेंट, वर्धमान टेक्सटाइल्स, चुम्बक, मिंत्रा, अमेज़न, नाइके, डेकाथलॉन जैसे ब्रांड शामिल हैं.
तमाम संस्थान करते हैं दाखिले
निफ्ट, एनआईडी और सभी निजी संस्थान इसके लिए एंट्रेस एग्जाम करवाते हैं. इसकी जानकारी इनकी वेबसाइट्स पर उपलब्ध है. सभी छात्रों को चार वर्षीय बैचलर ऑफ डिजाइन (बी.डेस.) कार्यक्रम में पढ़ाया जाता है. इन दिनों प्रोडक्ट डिज़ाइन या इंडस्ट्रियल डिज़ाइन और यूजर एक्सपीरियंस डिज़ाइन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. UCEED (अंडरग्रेजुएट कॉमन एंट्रेंस एग्जाम फॉर डिज़ाइन) IIT बॉम्बे हर साल एक स्नातक परीक्षा आयोजित करता है. जो छात्रों को IIT दिल्ली, बॉम्बे, हैदराबाद, गुवाहाटी, IIIT जबलपुर, NIT राउरकेला और विभिन्न अन्य संस्थानों में बैचलर ऑफ़ डिज़ाइन पाठ्यक्रमों में शामिल होने के लिए मदद करती है.
इसके अलावा पहले बताए गए निजी संस्थान बैचलर ऑफ डिजाइन (बी.डेस.) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए हर साल परीक्षा आयोजित करते हैं. इसी प्रकार, CEED (कॉमन एंट्रेंस एग्जाम फॉर डिज़ाइन) स्नातकोत्तर स्तर के लिए आयोजित किया जाता है और छात्र IIT दिल्ली, बॉम्बे, कानपुर, गुवाहाटी, रुड़की, हैदराबाद, IISC बैंगलोर, SPA दिल्ली और भोपाल, IIITDM जबलपुर और कांचीपुरम, और विभिन्न अन्य संस्थानों में 2 साल के मास्टर ऑफ़ डिज़ाइन (M.Des.) डिग्री कोर्स में दाखिला ले सकते हैं.
कई बड़ी कंपनियों में मौके
एनआईडी, जामिया मिलिया इस्लामिया और अन्य निजी संस्थान छात्रों को प्रवेश देने के लिए एक अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं. मास्टर ऑफ डिजाइन कोर्स में प्रवेश के लिए GATE स्कोर पर भी विचार किया जाता है और छात्र IIT और IIIT में हर महीने स्कॉलरशिप भी लेते हैं. छात्र अपनी डिग्री पूरी होने पर कई बड़ी कंपनियों के साथ काम करते हैं जिनमें- माइक्रोसॉफ्ट, सैमसंग, गूगल, मेटा, सैमसंग, बोस्टन साइंटिफिक, फिलिप्स, श्नाइडर, हैवेल्स, रॉयल एनफील्ड, मारुति सुजुकी, हनीवेल, एक्सेंचर, अर्न्स्ट एंड यंग, टीसीएस, इंफोसिस, आईबीएम, डेलॉइट, टेक महिंद्रा, विप्रो, कॉग्निजेंट, मिंत्रा, अमेज़न, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, ओला, स्विग्गी, जोमाटो, बिगबास्केट, फ्रॉग डिज़ाइन, थिंक डिज़ाइन जैसी कंपनियां शामिल हैं.
डिजाइन में रिसर्च के मौके
डिजाइन रिसर्च भी तेजी से बढ़ रहा है और मास्टर डिग्री के बाद कई तरह के अवसर प्रदान करता है. PHD करने के बाद लोग भारत या विदेश में पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च का विकल्प चुनते हैं, भारत या विदेश में शिक्षण के अवसर लेते हैं और कई अहम पदों पर बैठते हैं. डिजाइन में रिसर्च ग्राफिक डिजाइन, प्रोडक्ट डिज़ाइन, यूजर एक्सपीरियंस डिज़ाइन, रिटेल डिज़ाइन, अर्गोनोमिक्स एंड वर्क एनवायरनमेंट, हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र, लोक कला, मटेरियल स्पेशलिसशन, ऑटोमोबाइल डिजाइन, डिजाइन प्रबंधन और डिजाइन विपणन जैसे क्षेत्रों में की जा सकती है. पीएचडी के लिए आप IIT दिल्ली, बॉम्बे, हैदराबाद, कानपुर, गुवाहाटी, IISC बैंगलोर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और NIFT दिल्ली में आवेदन कर सकते हैं.
विभिन्न पाठ्यक्रम जो छात्रों को पढ़ाए जाते हैं, कौशल, पेशेवर और व्यक्तिगत क्षमताओं के विकास पर आधारित होते हैं. कुछ विषयों में शामिल हैं - क्रिएटिव थिंकिंग स्किल्स, एलिमेंट्स एंड प्रिंसिपल्स ऑफ़ डिज़ाइन, फॉर्म डिज़ाइन, मटेरिअल स्टडीज, स्केचिंग एंड रेंडरिंग, स्टोरीटेलिंग, रिसर्च मेथोडोलोग्य, एन्टरप्रेयणेरशिप, डिज़ाइन मैनेजमेंट, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, ग्राफ़िक डिज़ाइन, कम्युनिकेशन स्किल्स, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, डिज़ाइन थिंकिंग, रिटेल डिज़ाइन, सोशल डिज़ाइन, फोटोग्राफी, एनीमेशन, असिस्टिव टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन सेमिऑटिक्स आदि.
ये सभी कोर्स डिजाइन के क्षेत्र में सक्सेस का एक बड़ा स्कोप तैयार करते हैं और छात्रों को बिजनेस की जरूरतों के लिए तैयार करते हैं. वहीं वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करते हैं, जमीनी स्तर पर नवाचार को सक्षम करते हैं, सिस्टम संचालन में सुधार करते हैं और लोगों के लिए सुखद अनुभव प्रदान करते हैं. यही वजह है कि डिजाइन छात्रों के लिए एक आकर्षक करियर विकल्प बन गया है.