Opinion: महानायक, इंटव्यू और वो एक वाकया... जो बन गया यादगार लम्हा
न्यूज़ चैनल में इतने साल बतौर एन्टर्टेन्मन्ट जर्नलिस्ट, मुझे कई मशहूर हस्तियों से मिलने और उनका इन्टर्व्यू करने का अवसर मिला है. इनमें कुछ सुपरस्टार हैं तो कुछ न्यूकमर. हर एन्टर्टेन्मन्ट जर्नलिस्ट के पास सेलेब्रिटीज से जुड़ी कई कहानियाँ होती हैं, मैं भी कुछ अलग नहीं हूं. मैंने अपने करियर में 200 से ज़ादा सेलिब्रिटीज का इन्टर्व्यू किया है.अनुभव तो अच्छे बुरे दोनो रहे हैं, बुरे के बारे में फिर कभी बात करेंगे, आज बात एक ऐसे अनुभव की जिसने बिना कुछ कहे बहुत कुछ सिखा दिया. ऐसा अनुभव जो ताउम्र याद रहेगा.
अक्सर सुनने में आता है कि जितना बड़ा स्टार उतने ही बड़े उनके नखरे होते हैं, लेकिन महानायक अमिताभ बच्चन से बड़ा स्टार भला कौन है बॉलीवुड में. कुछ 10 साल पहले अपने एक सेलिब्रिटी चैट शो के लिए मुझे अमिताभ बच्चन का इन्टर्व्यू करना था. ज्यादातर इन्टर्व्यू शाम के वक़्त होते हैं, लेकिन ये इन्टर्व्यू सुबह 9.30 बजे था.
इन्टर्व्यू सेट होते वक्त एक ही बात पर जोर दिया जा रहा था कि आप लोग लेट मत होना क्योंकि अमिताभ जी टाइम से इन्टर्व्यू शुरू कर देंगे. सच कहूँ तो इन्टर्व्यू से पहले लगा था कि कौन सा स्टार टाइम पर आता है. 9.30 तो बोल रहे हैं, लेकिन इन्टर्व्यू शुरू 12 बजे से पहले नहीं होगा.
सफलता के लिए समय का कद्र जरूरी
हमें तो टाइम पर ही आना था चाहे स्टार को कितनी भी देर हो जाए. हम सब सेट पर 9 बजे तैयार थे और ठीक 9.10 पर हलचल होने लगी कि अमिताभ जी आ गए हैं. हम सब चौंक गए. अमिताभ बच्चन के बारे में बहुत सुना था कि वो समय पर आते हैं लेकिन इस बार खुद देख भी लिया. मुंबई के फिल्म सिटी में एक बहुत बड़े स्टूडियो में सेट लगा था और हम अमित जी का इंतजार कर रहे थे, तभी परफ्यूम का एक झोंका आया और मेन गेट से अमिताभ बच्चन की एंट्री हुई. वो जिस अंदाज में चल रहे थे, जिस कॉन्फिडेंस में वो आगे बढ़ रहे थे, देख कर लगा ऐसे ही नहीं उनको इंडस्ट्री का महानायक कहा जाता है.
ज़िंदगी में अनुशासन है बेहद जरूरी
अमिताभ बच्चन को कौन नहीं जानता, लेकिन फिर भी अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ा कर उन्होंने कहा- हैलो मैं अमिताभ और आप? मैं बस तभी उनकी कायल हो गई. इन्टर्व्यू शुरू हुआ और मैंने पूछा कि आप हमेशा इतने फिट, इतने ऊर्जावान कैसे रहते हैं. अमिताभ जी ने इसका जवाब दिया- अनुशासन से. ज़िंदगी में चाहे वो कोई भी हो अनुशासन होना बहुत जरूरी है.
इन्टर्व्यू खत्म हुआ और एक फैन की तरह मैंने अमित जी को पिक्चर के लिए कहा. मस्कुराते हुए वो बोले शगुन एक नहीं दो पिक्चर्स लेंगी क्योंकि एक फोटो लेना शुभ नहीं है. आज भी वो पिक्चर्स मेरे पास हैं.
इन तस्वीरों के साथ ये सीख भी मिली कि जीवन में कितना भी आगे क्यूँ न बढ़ जाओ, काम के प्रति समय की इज़्ज़त करना कभी नहीं भूलना चाहिए.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]