एक्सप्लोरर

अब चुनावों में पर्यावरण संरक्षण होना चाहिए प्रमुख मुद्दा, दलों के साथ जनता को भी समझने की दरकार

भारत के प्रथम लोकसभा-चुनाव में पंडित नेहरू ने अपने भाषण में छुआछूत और जमींदारी की प्रथा मिटाने के लिए आम लोगो से अपील की थी एवं इसके लिए भरोसा भी दिलाया था. इसके अलावा महिलाओ से पर्दा प्रथा छोड़कर देश के निर्माण के काम में आगे आने की गुजारिश भी की थी. इसी तरह चुनावी मुद्दे समय और जरूरतों के अनुसार बदलते रहे.  पिछले ७० सालो में बिजली, सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ राजनैतिक पार्टियों के मुख्य चुनावी मुद्दे घोषणा पत्रों में रहे. आज विश्व जलवायु परिवर्तन, जल की कमी, मिट्टी की घटती उर्वरता, आतंकवाद इत्यादि जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. अतः अब जीवन के लिए जरूरी पंचमहाभूत (क्षिति यानी मिट्टी, जल, पावक यानी आग, गगन, समीर) की स्थिति को देखते हुए राजनैतिक पार्टियों को चाहिए कि इन समस्याओं पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके लिए आम-जन को भी  सरकारों के साथ अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. तभी सरकार के जो भी प्रयास जल, जंगल , जमीन के संरक्षण के लिए किये जा रहे है, सफल होंगे.  

पंचमहाभूतों का संरक्षण आवश्यक   

पंचमहाभूतों के संरक्षण से ही विश्व में बढ़ रही आर्थिक असमानत., कुपोषण, रोजगार, आदि को भी कम किया जा सकता है. इसके अलावा तकनीकी विकास से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकें तेजी से मानव की जिंदगी में हस्तक्षेप करने वाली है. इसलिए विकास के नाम पर जो कुछ धरती ने खोया है उसको एक सुनिश्चित अनुपात में रखना मानवता के लिए बहुत जरूरी है. आज के समय राजनैतिक पार्टियों को चाहिए कि समुद्र के किनारे बसे शहर या जल पर रोजगार के लिए निर्भर लोग और सरकार मिलकर प्रकृति संरक्षण के लिए तेज़ी से काम करने की पहलकदमी करें.  लोकतंत्र को बनाये रखने के लिए गरीबो, असहाय आदि को उस पंक्ति में लाकर खड़ा करना होगा जहां से वह शासन व्यवस्था में अपनी भागीदारी तय कर सकें, तभी वसुधैव कुटुंबकम की धारणा स्थापित हो सकेगी. उदहारण के लिए आज यूक्रेन और वानातू दोनों देश इको-साइड (पारिस्थितकी या पर्यावरण का पक्ष) के मुद्दे पर एक हो गए हैं.

देश में पानी-हवा सब प्रदूषित  

आज देश में बेंगुलुरू में पानी की कमी को लेकर बहुत शोर है, जबकि इस शहर में दुनिया चलाने वाले तकनीकी जानकारों की भीड़ है. इससे पहले चेन्नई में जीरो वाटर डे भी घोषित हो चुका है. कुल मिलाकर देश के जितने भी मेट्रो शहर हैं वह स्वच्छ और साफ़ हवा और जल को परेशान है. दुनिया के किसी भी शहर में जीवंत जल का कोई प्रबंधन नहीं है. आधुनिक वैज्ञानिक सोच ने अभी तक प्रकृति के साथ संतुलन पर बहुत जोर नहीं दिया है.  ये उसी का परिणाम है हमने अपने बच्चों के जीवन के अधिकारों से वंचित करने की दिशा में काम किया. प्रत्येक बर्ष लाखों लोग प्राकृतिक आपदाओं के कारण मौत के मुँह में समा जाते हैं, बेघर हो जाते हैं, पलायन करते हैं. इसलिए आज की जो आम आदमी की आवश्कताएं हैं, उन पर भारत सरकार को ध्यान देना चाहिए. यानी हमको विकसित भारत के साथ संतुलित-समृद्ध भारत की तरफ आगे बढ़ना होगा तभी हम सही अर्थो में लोकतंत्र को महत्व दे पाएंगे.

प्रकृति संरक्षण के लिए समय समय पर आंदोलन होते रहे, लोग अपने जीवन की आहुति देते रहे है.  इसके बाबजूद भी अगर हम अनसुना करेंगे तो स्वामी सानंद उर्फ़ डा जी डी अग्रवाल एवं अभी हाल ही में सोनम वांगचुक ने गांधी के रास्ते पर चलकर इको-साइड के लिए अपना विरोध दर्ज़ करवाया. आने वाले समय में यही विरोध एक क्रांति का रूप ले सकता है,  क्योंकि जब तटीय क्षेत्र या प्राकृतिक आपदाओं के लिए जो क्षेत्र संवेदनशील हैं, वहां के निवासी इस क्रांति के पक्षधर बनेंगे, तो वह सायास घटित होगी. यही कारण है कि पंचमहाभूतों का  संरक्षण राजनैतिक पार्टियों का मुख्य मुद्दा होना चाहिए.

कण-कण में घुल गया जहर

आज की परिस्थिति में धरती पर जीवन के लिए प्राकृतिक नियमो को अपनाकर ही एक गुणवत्ता-युक्त जीवन जिया जा सकता है, क्योंकि प्लास्टिक के कण हवा , पानी से लेकर दूध व खून तक में घुल चुके हैं. यही वजह है कि देश को आज 'चुनावी बॉन्ड ' की नहीं बल्कि 'पर्यावरणीय बॉन्ड ' की जरूरत है, नहीं तो मानव के सामने सामाजिक, आर्थिक और प्राकृतिक परिपेक्ष्य में बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. इसलिए अब आम जान के मन में किसी के चुनाव जीतने हारने से बड़ा मुद्दा एक व्यवस्थित लोकतंत्र का होना. यानी हरित या ग्रीन लोकतंत्र का होना है. अब समय आ चुका है कि  आम लोग अब ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्राकृतिक साम्राज्य को बचा कर रखे, नहीं तो गरीब वर्ग का तबका उन आपदाओं से जूझेगा जो देश के धन्नासेठों ने विकास के नाम पर उत्पन्न किया है. या फिर, कनाडा की तरह भारत में भी रेन टैक्स यानी वर्षा जल-कर स्टॉर्म वाटर के प्रबंधन के लिए देना होगा. यानी  धरती लूटने वाले लोगो का खामियाज़ा उन लोगो को भरना होगा जिन्होंने कुछ नहीं किया. ये कोई बड़ी बात नहीं कि भविष्य में लोगो को टैक्स या हर्ज़ाना देना होगा, या फिर प्रकृति के पास अपने आप को संतुलित करने के लिए उपाय पहले से ही उपलब्ध हैं. एक अध्ययन बताता है कि लोगों में प्रजनन-क्षमता घटती जा रही है जिसका परिणाम हमारे सामने जनसांख्यिकीय चुनौती  के रूप में होगा.

इसीलिए शस्य - श्यामला धरती, स्वच्छ और शुद्ध वायु व् जल , अन्न धान्य, नदी , पहाड़ , जंगल यही वास्तविक धन है, क्योंकि ब्रह्माण्ड में जो कुछ भी है वो प्रकृति का अंग है. यही वजह है कि मानव शरीर भी प्राकृतिक संरचना का एक अभिन्न अंग है. इसलिए अर्थशास्त्रियों को चाहिए कि कुछ ऐसे नियम कानून बनाये जाएं जहां कृत्रिम धन को पाने के लिए हम अपने वास्तविक धन को नष्ट न करें, जो कि कर रहे हैं.  अब वोट बैंक की राजनीति से दूर हटकर राजनैतिक पार्टियों का मुद्दा अब जीवन के आधार होना चाहिए.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ़ लेखक ही ज़िम्मेदार हैं.] 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NDLS Stampede: इन 3 कारणों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़! पुलिस ने जांच रिपोर्ट में बता दिया सब
इन 3 कारणों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़! पुलिस ने जांच रिपोर्ट में बता दिया सब
Bhind Road Accident: एमपी के भिंड में  भीषण सड़क हादसा, 3 महिला समेत 5 की मौत, 17 घायल 
MP के भिंड में भीषण सड़क हादसा, 3 महिला समेत 5 की मौत, 17 घायल 
पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
Champions Trophy 2025: क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
ABP Premium

वीडियोज

Delhi CM Announcement : यमुनाजी के अच्छे दिन आ गए! । BJP New CM । Kejriwal । AAPMahadangal: शपथ का प्लान तैयार...नाम का इंतजार! | Chitra Tripathi | ABP News | Delhi New CMरेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगने वाले लोग बड़े 'भोले' हैं, अगर PM नेहरू होते तो...Chhaava में क्या फेल हो गया AR Rahman का magic? Vicky Rashmika पर क्यों चल रहा Maahi

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NDLS Stampede: इन 3 कारणों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़! पुलिस ने जांच रिपोर्ट में बता दिया सब
इन 3 कारणों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़! पुलिस ने जांच रिपोर्ट में बता दिया सब
Bhind Road Accident: एमपी के भिंड में  भीषण सड़क हादसा, 3 महिला समेत 5 की मौत, 17 घायल 
MP के भिंड में भीषण सड़क हादसा, 3 महिला समेत 5 की मौत, 17 घायल 
पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
Champions Trophy 2025: क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
बैकलेस हॉल्टर नेक ड्रेस, कातिल अदाएं, पाकिस्तान की इस पॉपुलर एक्ट्रेस ने ग्लैमरस लुक में ढाया कहर
बैकलेस हॉल्टर नेक ड्रेस, कातिल अदाएं, पाकिस्तान की इस पॉपुलर एक्ट्रेस ने ग्लैमरस लुक में ढाया कहर
इस गंभीर बीमारी की मरीज हैं प्रियंका चोपड़ा, ऐसे रखती हैं खुद ख्याल
इस गंभीर बीमारी की मरीज हैं प्रियंका चोपड़ा, ऐसे रखती हैं खुद ख्याल
AIIMS Recruitment 2025: एम्स बिलासपुर में कई पदों पर निकली भर्ती, जानें कैसे कर सकते हैं अप्लाई
एम्स बिलासपुर में कई पदों पर निकली भर्ती, जानें कैसे कर सकते हैं अप्लाई
ये है भारत की सबसे छोटी ट्रेन, इसमें लगते हैं सिर्फ तीन कोच
ये है भारत की सबसे छोटी ट्रेन, इसमें लगते हैं सिर्फ तीन कोच
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.