सियासी समर में चले हर तरकश के तीर का किस पर कितना असर हुआ करीब-करीब अब यह स्पष्ट होता जा रहा है. ताजा रुझानों की मानें तो असम में एनडीए 80 और यूपीए 44 तक पहुंच रही है. असम की जनता ने एक बार फिर बीजेपी सरकार पर भरोसा जताया है. लोगों ने अपनी किस्मत लिखने की हक बीजेपी को दिया है.


ताजा रुझान के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 2016 में महज 3 सीट जीतने वाली बीजेपी आज 80 से उपर तक पहुंचती दिख रही है. भले ही बीजेपी सत्ता हासिल करने से दूर होती दिख रही है लेकिन इसे बीजेपी की हार कतई नहीं कह सकते हैं. हाल के सालों में आक्रामक अंदाज में सभी चुनाव लड़ने वाली बीजेपी पश्चिम बंगाल में भी वैसे ही जूझती रही और परिणाम सामने है.


बिहार पर क्या होगा सियासी असर?
ताजा रुझान यदि चुनाव परिणाम में बदलते हैं तो ऐसा कहा जा सकता है कि असम, पुदुचेरी ने कांग्रेस नेतृत्व को नकार दिया और अब एनडीए की कलम से लिखी जाएगी दोनों राज्यों की जनता की किस्मत. पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी विधायकों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी ने बीजेपी के अंदर आत्मविश्वास तो बढ़ा ही दिया है. लालू प्रसाद यादव के जेल से बाहर निकलने के बाद अंदेशा जताया जा रहा है कि बिहार सरकार को खतरा हो सकता है. इस भारी जीत से आरजेडी की संभावनाओं पर पानी फिर गया. इतना ही नहीं अब जेडीयू की तरफ से भी दबाव नहीं बन सकता है. कांग्रेस के ताजा हालात को देखते हुए अंदेशा जताया जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस समेत छोटे दलों के विधायक टूट भी सकते हैं.


महाराष्ट्र के अक्सर चल रहे सियासी हलचल पर क्या होगा साइड इफेक्ट?
ताजा रुझानों से बीजेपी एक बार फिर पूरे आत्मविश्वास से लबरेज होकर महाराष्ट्र में भी उद्धव सरकार पर आक्रामक रहेगी. इन चुनाव परिणाम उद्धव सरकार के कमजोर गठबंधन की गांठ पर भी असर हो सकता है. सियासत संभावनाओं का खेल है. सच कहते हैं कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता. यह कहावत महाराष्ट्र के सियासी समीकरण पर सटीक बैठता है.  


तमिलनाडु में सत्ता डीएमके के 'हाथ'
रुझानों में तमिलनाडु चुनाव की कमान डीएमके के नेतृत्व में दिख रही है. इस सियासी परिणाम का बीजेपी पर तत्काल में नुकसान और दूर में फायदा होने की संभावना है. नुकसान यह है कि सत्ता से दूर होने की वजह से नए कार्यकर्ताओं और नेताओं को जोड़ने में मुश्किल होगी. लेकिन फायदा यह कि केंद्र या पूरे देश में गठबंधन धर्म निभाने वाली पार्टी होने का परसेप्शन बनाने में बीजेपी सफल होगी.


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