पिछले 2 चुनाव से कितना अलग इस बार मुकाबला? पश्चिमी दिल्ली सीट से उम्मीदवार महाबल मिश्रा ने बताया
देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है. दो चरण के वोटिंग हो चुके हैंं. पश्चिमी दिल्ली से आम आदमी पार्टी ने महाबल मिश्रा के चुनाव का उम्मीदवार बनाया है. महाबल मिश्रा आर्मी से रिटायर होने के बाद सामाजिक जीवन में आए. उसके बाद 1997 में वह पहली बार निगम पार्षद चुने गए. 1998 में वे विधायक चुने गए. उसके बाद 2009 तक वह विधायक रहे. 2009 के चुनाव में वह सात बार के विधायक जगदीश मुखी को हराने के बाद सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे. इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में महालब मिश्रा के खिलाफ भाजपा ने पूर्व मेयर कमलजीत सेहरावत को उम्मीदवार बनाया है. महाबल मिश्रा से एबीपी डिजिटल टीम के राजेश कुमार ने बातचीत की, आइये जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा:
प्रश्न - इस बार के चुनाव में क्या मुख्य मुद्दा है और क्या चुनौती देखते हैं?
उत्तर - देश में आज धर्म के नाम पर समाज को बांटने की राजनीति हो रही है. जहां तक मुद्दे की बात है तो क्षेत्र में विकास करना ही प्राथमिक मुद्दा है. पहले भी क्षेत्र में विकासात्मक कार्य किए हैं. उस समय के किए गए काम आज भी लोगों के जेहन में याद है. नजफगढ़ से नांगलोई और ढांसा तक मेट्रो को लेकर जाने और यातायात को सुचारू रूप से करने के लिए कार्य करने की प्लानिंग है. नजफगढ़ से जयपुर वाले रोड से पश्चिमी दिल्ली को जोड़ने का भी मुद्दा है.
पश्चिमी दिल्ली के छात्रों को नई दिल्ली पढ़ने जाना पड़ता है, उसके लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेज की व्यवस्था करना भी एक मुद्दा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करना भी प्रमुखता है. डाबर सहित अन्य जगहों पर अस्पताल आदि की सुविधाएं उपलब्ध हुई है. इंदिरा हाॅस्पिटल में 750 बेड से 1800 बेड तक की व्यवस्था की गई. दिल्ली हाट बनवाने के साथ कई सड़कों का निर्माण काम हुआ है. अगर चुनाव में जीते तो महिलाओं और युवाओं के लिए प्लान बनाकर काम करेंगे.
प्रश्न - 2019 में आप और कांग्रेस दोनों अलग चुनाव लड़े थे, जिसमें आप को एक भी सीट नहीं मिली थी. अब दोनों पार्टियां साथ में चुनाव लड़ी है इसको कैसे देखते हैं ?
उत्तर - इस चुनाव में दोनों के एक साथ आने से दोनों पार्टियों को फायदा होगा. इंडिया गठबंधन के तहत जो भी पार्टियां है, वो एक साथ विचारधारा पर काम कर रही है. 2014 और 2019 के चुनाव में जुमले के दम पर भाजपा ने वोट मांगे, उसमें अच्छे दिन के सपने दिखाए गए, कालेधन की वापसी की बात कही गई, युवाओं को बेहतर नौकरी देने की बात हुई, सभी के खाते में 15 लाख रुपये देने की बात हुई, ये सब बातें झूठी साबित हुई. बाद में भाजपा के लोग ने ही ये कहा कि ये तो चुनावी जुमला था.
2019 में राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव लड़ा गया, लेकिन अब जनता पूरी तरह से समझ चुकी है कि चुनाव में सिर्फ जुमला फेंका जाता है, उनके लिए काम नहीं किया जाता है. आज दिल्ली में केजरीवाल ने आम जनता को बिजली और पानी फ्री देकर जनता के दुख को कम किया है. मोहल्ला क्लिनिक के अंतर्गत लोगों को स्वास्थ्य और जांच की व्यवस्था मुफ्त में मिल रही है. महिलाओं को बस में फ्री की यात्रा मुहैया हो पा रही है. बुजुर्गों को तीर्थयात्रा फ्री में करायी जा रही है. केजरीवाल की गारंटी पूरे समाज में दिख रही है और भाजपा की गारंटी चुनावी जुमला है. ये जनता को समझ आ चुकी है इसलिए देश की जनता परिवर्तन की ओर देख रही है.
प्रश्न - इस चुनाव में मंगलसूत्र और विरासत टैक्स जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं, आप इसको कैसे देखते हैं?
उत्तर- देश की जनता को ये सब दिख रहा है कि किस तरह से आपसी सौहार्द को खराब किया जा रहा है. जो भारत में पैदा हुआ है वो भारतीय है. इसमें तो कोई भी शक नहीं है. देश में सब अपने धर्म के अनुसार पूजा-पाठ करते हैं. अपने लाभ के लिए भाजपा आपसी सौहार्द को खराब कर रही है और इसको जनता अच्छे से समझ चुकी है. जब सौहार्द खराब होगा तो देश के बच्चे आपस में लड़ते रहेंगे तो देश का विकास और उनका उत्थान कहां से हो पाएगा. इससे देश पीछे चला जाएगा.
धर्म के नाम पर चुनाव में बांटने का काम किया जाता है. चुनाव में एजेंडा आना चाहिए कि देश का उत्थान कैसे हो, बेरोजगारी दूर कैसे हो, व्यापार को कैसे बढ़ाया जाए आदि पर काम करने के बजाए. देश को बांटने वाला काम भाजपा करती है. मुद्दा महंगाई का छोड़कर मंगलसूत्र का लाते हैं. ये देश को बांटने और नफरत फैलाने का काम हो रहा है और ये जनता अब समझ चुकी है.
प्रश्न - 2019 के चुनाव और 2024 के चुनाव में क्या कुछ बदलाव आप क्या देख रहे हैं ?
उत्तर- तब के चुनाव और आज के चुनाव में काफी अंतर है. आज जनता के अंदर काफी रोष है. अरविंद केजरीवाल को जो जेल में डाला गया है उसके प्रति गुस्सा है. पब्लिक को जो लाभ दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी मिल रहा है, उसको खत्म करने के लिए एक साजिश है, इसके लिए उनको जेल भेजा गया. जो जेल में बंद था उसको शराब मामले में सरकारी गवाह बना लिया और बाद में उससे इलेक्टोरल बांड खरीदवा लिया, ये एक तरह की घूस ही हुई.
70 हजार करोड़ रुपये का घोटाला अजीत पवार पर है वो आज भाजपा के साथ है. प्रफुल्ल पटेल, हेमंत विश्वा सहित अन्य जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे, वे आज भाजपा की वॉशिंग मशीन में जाकर धुल गए हैं. भाजपा के जो इलेक्टोरल बांड हैं वो ईडी और सीबीआई के दबाव में खरीदा गया है. ऐसे में देश की जनता जान गई है कि भ्रष्टाचारी कौन है.
प्रश्न - वोटर के मन में क्या भ्रष्टाचार, इलेक्टरोल बांड आदि की ये सब बातें है?
उत्तर- निश्चित तौर पर जो जनता वोट देने जा रही है उनके मन में ये सारी बातें हैं. कुछ लोग अंधभक्त है. उनके बच्चे भी अब ये कहेंगे कि उनके पिता अंधभक्त होकर वोट दिए, लेकिन देश के निर्माण और बच्चों का भविष्य को ध्यान में रखकर वोट नहीं किए. बुजुर्गों को इस पर खासकर ध्यान देना होगा कि वो इन सब चीजों से बचें. इस बार समाज के विकास, आपसी सौहार्द और बच्चों के भविष्य को लेकर समाज के लोगों को वोट करना चाहिए ना कि किसी खास नारे के चक्कर में पड़कर वोट दें.
प्रश्न - भाजपा कहती है कि इंडिया गठबंधन सरकार में आई तो देश के संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का होगा, इसको आप कैसे देखते हैं?
उत्तर- ये भाजपा का एक मात्र नारा और जुमला है. आज क ऐसा नहीं हुआ है. सबका अपना मौलिक अधिकार है. संविधान किसी को गलत काम करने और किसी एक वर्ग को विशेष ध्यान देने की इजाजत नहीं देता. इसलिए ये मात्र सिर्फ नारा है और ये नारा की तरह ही रह जाएगा.
प्रश्न - बीजेपी ने कहा है कि वो राममंदिर बनवा दिया, 370 को समाप्त किया और अब UCC लाने का वादा कर रहे हैं. कैसे देखते हैं आप इसको ?
उत्तर- राममंदिर को लेकर बीजेपी श्रेय ले रही है, जबकि मंदिर का पट राजीव गांधी ने पहली बार खुलवाया था. उसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ था. राम मंदिर का निर्माण कोर्ट के फैसले के बाद हुआ था, जबकि उसमें पैसे पूरे देश के जनता के लगे हैं. राम मंदिर के निर्माण में सरकार का क्या योगदान है. उनकी सरकार के समय ये हुआ है तो उसका क्रेडिट बीजेपी ले रही है. सरकार के बड़े नेता ने फीता काटकर अपनी राजनीति चमकाई. बीजेपी तो यहां तक कहती है कि जो राम को लाया है, हम उसको लाएंगे, तो क्या अब नेता भी भगवान को लाने लगे?. भगवान सबको लाए हैं, इंसान भगवान को नहीं लाया है.
प्रश्न - पूर्वांचल का बड़ा चेहरा आप माने जाते हैं उसके बावजूद तीन बार जीतने के बाद भी कभी मंत्री नहीं बनाए गए ऐसा क्यों ?
उत्तर- पूर्वांचल के लोगों ने बड़ा सहयोग किया और चुनाव जिताकर भेजा. मंत्री किसको बनाना है या नहीं बनाना है ये पार्टी का काम है. इसका मलाल आज तक मुझे नहीं है. दिल्ली में छठ पूजा की शुरुआत हुई, उसके बाद छठ पूजा की छुट्टी दिलाना शुरू किया. अब केजरीवाल ने भी छठ को काफी प्रमोट किया है. जीतने के बाद से जनहित का काफी काम किया है.
प्रश्न - इस चुनाव में आप जीत दर्ज करते हैं तो आप जनता के लिए क्या काम करेंगे?
उत्तर- पहली प्राथमिकता है कि पश्चिमी दिल्ली में एक यूनिवर्सिटी बने. जनसंख्या के आधार पर हॉस्पिटल लाने का प्रयास किया जाएगा. युवाओं को रोजगार-व्यापार की व्यवस्था की जाएगी और उनके स्किल्स को डेवलप करने का काम होगा. महिलाओं के विकास के लिए काम किया जाएगा.
प्रश्न - आजकल ED विपक्ष के नेताओं को पर कार्रवाई कर रही है और BJP आरोप लगा रही है कि विपक्ष भ्रष्टाचार की है. इसको आप कैसे देखते हैं ?
उत्तर- अजीत पवार पर 70 हजार करोड़ रुपये का घोटाला है. प्रफुल्ल पटेल और हेमंत विश्व सरमा का नाम भी ईडी से जुड़ा हुआ आया. लेकिन वो अब बीजेपी में शामिल हो गए, सभी के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही वो वॉशिंग मशीन में धुल गए. बीजेपी ने जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और आज वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ये सब जनता को दिख रहा है.
बीजेपी की बात अगर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, और सत्येंद्र जैन मान जाते तो इनको भी जेल नहीं जाना पड़ता, लेकिन ये राष्ट्रवाद के नेता हैं. जनता के लिए काम करना चाहते हैं, इस लिए बीजेपी के सामने इन्होंने सरेंडर नहीं किया. जो बीजेपी में है वो दूध का धुला है वो विपक्ष में है वो सभी भ्रष्टाचारी है. जो नेता जेल में बंद है उनके पिता को बीजेपी ने टिकट दिया है. 40 ऐसे लोग हैं जिस पर ईडी का केस है उनको बीजेपी ने टिकट दिया है. भाजपा का इलेक्टोरल बांड भी ईडी के दबाव में सभी ने खरीदा है.
प्रश्न - पश्चिमी दिल्ली में भाजपा ने दो बार के प्रत्याशी का टिकट काटकर नया प्रत्याशी उतारा है. इससे क्या आपको फायदा होते दिख रहा है?
उत्तर- इसको गंभीरता से देखने की जरूरत नहीं है. सर्विस के साथ राजनीतिक जीवन में रहा हूं. तीन बार विधायक और एक बार सांसद भी रहने का सौभाग्य मिला. 12 सालों तक डीडीए का सदस्य भी रहा हूं. जनता ने काम करने का तरीका देखा हुआ है. महाबल मिश्रा को राजनीति और कार्य का अनुभव है जबकि भाजपा के उम्मीदवार एक साल के मेयर रहे हैं. जनता भी मानती है कि महाबल मिश्रा को कार्य का अनुभव है जबकि प्रतिद्वंदी को अभी चार से पांच साल तक काम करने के लिए सीखना पड़ेगा. अनुभव के दम पर जनता हमारे साथ खड़ी है.
प्रश्न - पूर्वांचल के लोगों के लिए क्या कुछ आपने अभी तक किया है?
उत्तर- डीडीए की ओर से पॉलिसी बनाकर सभी को बिजली-पानी मुहैया कराया गया है. पांच मंजिल तक मकान बनाने की जो पॉलिसी बनी उसका लाभ सभी को मिल रहा है. अनधिकृत कॉलोनी के क्षेत्रों में विकास किया गया. अब पहले जैसे पूर्वांचली नहीं है जो पहले कभी 80 से 90 के दशक में थे. पूर्वांचल अब दिल्ली को एक नई दशा और दिशा दे रहा है. वहां के रहने वाले लोग अब नौकरी में जा रहे हैं. सभी लोगों में ये अब भावना है कि आपसी सौहार्द रहेगा तभी बच्चे पढ़ पाएंगे और उनका भविष्य बेहतर हो सकेगा.
प्रश्न - बीजेपी 370 और एनडीए 400 का पार का नारा दे रही है तो ऐसे में दिल्ली और पंजाब में मिलाकर आम आदमी पार्टी कितनी सीटों पर आने की संभावना है ?
उत्तर- फिलहाल तो ये लग रहा है कि इंडिया गठबंधन दिल्ली की सातों सीट पर जीत दर्ज करेगा. इसके साथ ही पंजाब में भी अच्छी खासी सीट आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन को मिलेगी. जहां तक बीजेपी के नारा की बात है तो वो सिर्फ एक नारा है. अगर ऐसा है तो भाषण में मोदी जी की बौखलाहट क्यों दिख रही है. जैसे-जैसे चुनाव होते जा रहा है वैसे वैसे पीएम और भाजपा के नेताओं की भाषा बदलते जा रही है.
इससे जाहिर होता है कि देश किस दिशा में जा रहा है. इस बार तो ऐसा लग रहा है कि पूरे देश भर में इंडिया गठबंधन को अच्छी सीट आ रही है और इस बार सरकार बनाएगी. 370 सीटों का नारा सिर्फ भाषणों में है. दक्षिण भारत से बीजेपी इस बार साफ है. उतर भारत के कुछ राज्यों में थोड़े बहुत सीटें आने की उम्मीद है.