दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीदते ही भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को कंपनी के सीईओ पद से हटा दिया है. मस्क को 'फ्री स्पीच' का सबसे बड़ा हिमायती माना जाता है और अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक अब वे ट्विटर की नीतियों में कुछ ऐसे बड़े बदलाव कर सकते हैं, जो कई देशों को रास नहीं आने वाले हैं. एक अहम सवाल ये भी है कि ट्विटर के मालिकाना हक बदल जाने से भारत की उम्मीदों पर इसका क्या असर पड़ेगा? क्या भारत अपने नियमों में कोई ढील देगा?


हालांकि सरकार ने ऐसे तमाम सवालों का जवाब देते हुए साफ कर दिया है भारत के कानून में कोई बदलाव नहीं होगा. मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद आईटी व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि ट्विटर भारत में नए आईटी नियमों का पालन करेगा. उनके मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक चाहे कोई भी हो, लेकिन हमारे नियम और कानून पहले की ही तरह रहेंगे. इनमें कोई बदलाव नहीं होगा. केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा है कि भारत में सोशल मीडिया को लेकर अपने नियम हैं.  ट्विटर को भी इनका पालन करना होगा. 


उन्होंने कुछ भारतीयों के ट्विटर अकाउंट बैन होने के संबंध में कहा है कि एक-दो दिन में इस संबंध में नया आईटी नियम लागू किया जाएगा, जिसका सभी को पालन करना पड़ेगा. गौरतलब है कि बीजेपी की मुखर समर्थक समझी जाने वाली फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत व कुछ अन्य लोगों के एकाउंट ट्विटर ने बैन किये हुए हैं. इसे लेकर ही केंद्रीय मंत्री से ट्विटर की ओर से लगाई गई पाबंदियों पर सरकार के रुख़ के बारे में पूछा गया था,जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि देश में जल्द ही संशोधित आईटी नियम जारी किए जा सकते हैं. 


बता दें कि टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर में इंडस्ट्री की इस सबसे बड़ी डील फाइनल करते ही ट्वीट किया- 'पंछी आजाद हुआ.  मैं चाहता हूं ट्विटर पर लोग फिल्में देखें और वीडियो गेम खेलें. '


इस ट्वीट के जरिये उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं कि वे आने वाले दिनों में ट्विटर को ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना चाहते हैं,जहाँ किसी भी तरह से कोई सेंसरशिप न हो और लोग बेबाकी से अपनी राय रख सकें. यही भारत समेत अन्य लोकतांत्रिक देशों की सरकारों के लिये थोड़ी चिंता का विषय है क्योंकि अब "फ्री स्पीच" के नाम पर सरकार की हर तरह से आलोचना करने व उसे कटघरे में खड़ा करने वाले यूजर्स के ट्वीट की बाढ़ आ जायेगी. नियमों का पालन न करने की सूरत में ट्विटर और सरकार के बीच विवाद पैदा होना भी स्वाभाविक है. 


दरअसल,एलन मस्क ट्विटर को लोगों से अपनी बात कहने का एक ऐसा सार्वजनिक मंच बनाना चाहते हैं,जैसे किसी शहर के प्रमुख स्थान से जनता को संबोधित किया जाता है. इसीलिये वह ट्विटर पर आपत्तिजनक कंटेंट के नाम पर सामग्री ब्लाक किए जाने की प्रक्रिया को "फ्री स्पीच" की राह का सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं. इसीलिये वे इसके संचालन के तौर तरीकों को बदलने की इच्छा पहले ही जाहिर कर चुके हैं. 


यही वजह है कि भारत समेत अन्य कई देशों की सरकार को आशंका है कि फ्री स्पीच के हिमायती मस्क के आने से ट्विटर पर आपत्तिनजक सामग्री, भ्रामक सूचना और आनलाइन शोषण से संबंधित जो नियम-कानून बने हुए हैं,उन पर अवश्य ही असर पड़ेगा.  बीते कुछ साल में दुनिया के विभिन्न देशों में ये देखने को मिला है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके आम चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश हुई है.  मस्क के आने से अब इसका खतरा और भी ज्यादा बढ़ जायेगा क्योंकि उनकी तो सोच ही फ्री स्पीच की है,लिहाज़ा ट्विटर पर हर तरह की भड़ास निकालने पर अब कोई लगाम नहीं रहेगी. 


एक महत्वपूर्ण तथ्य ये भी है सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भारत एक विशाल बाजार है और ट्विटर भी इसे बहुत अहमियत देता है. आंकड़ों के लिहाज़ से देखें तो ट्विटर का इस्तेमाल करने में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. जनवरी 2022 में भारत में ट्विटर के यूजर्स की संख्या 2 करोड़ 40 लाख थी.  ट्विटर ल प्रयोग करने में पहले नंबर पर अमेरिका है,जहां 7. 7 करोड़ यूजर्स हैं जबकि दूसरे नंबर पर जापान में 5. 8 करोड़ लोग ट्विटर के प्रयोग करते हैं.  


ट्विटर के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार है, लेकिन मस्क के आने के बाद कंपनी इस बाजार में कैसे पांव पसारेगी और फ्री स्पीच और कानून के बीच खड़ी दीवार को कैसे तोड़ेगी, यह देखना रोचक होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि भारतवंशी पराग अग्रवाल को सीईओ पद से हटाकर मस्क ने अपना इरादा जाहिर कर दिया हैं कि वे ट्विटर को बेलगाम करने की दिशा में आगे ले जाने वाले हैं. 


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