एक्सप्लोरर

जीडीपी का गिरना और अर्थव्यवस्था पर छाये संकट के बादल

भारत एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है....अब इस परिकल्पना को बड़ा झटका लगा है। जीडीपी का गिरना इस ओर इशारा करता है कि औद्योगिक या फिर कृषि क्षेत्र सभी जगह हालात सही नहीं है।

इस वक्त देश में सबसे बड़ा मुद्दा देश की अर्थव्यवस्था है...क्योंकि इसी से जुड़े हैं करोड़ों युवाओं के सपने...हमारा-आपका भविष्य...प्रधानमंत्री मोदी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए और तमाम कड़े फैसले लेकर पूरे देश और सारी दुनिया में अपनी धाक जमाई लेकिन विकास के मोर्चे पर पिछले दिनों सरकार के ही कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जिसने कारोबारियों, युवाओं, किसानों और महिलाओं सभी को फिक्र में डाल दिया है...हालांकि हर किसी को भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुश्किल दौर से भी देश को निकालना बखूबी जानते हैं, लेकिन फिलहाल जो हालात हैं वो सरकार के दावों से बिल्कुल उलट हैं।

तो सबसे पहले हम आपको देश के विकास यानी अर्थव्यवस्था के ताज़ा हालात के बारे में बताते हैं..सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के जो आंकड़े खुद सरकार ने शुक्रवार की शाम जारी किए थे उनके मुताबिक जीडीपी 6 साल में सबसे नीचे 5 फीसदी पर पहुंच चुकी है...जबकि सरकार का अनुमान विकास दर 5.8 फीसदी रहने का था...विकास दर की ये गिरावट हर क्षेत्र में देखने को मिली है।

2014 में मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तब जीडीपी 6.4 फीसदी थी... जो 2015-16 में 8 प्रतिशत के आंकड़े पर पहुंच गई.... और 2016-17 में जीडीपी की वृद्धिदर 8.2 फीसदी हो गई, और 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने देश में नोटबंदी लागू की... जिसके बाद 1 फीसदी गिरकर 2017-18 में जीडीपी का 7.2 प्रतिशत हो गई... और 1 जुलाई 2017 में ही मोदी सरकार ने देश में जीएसटी कानून लागू कर दिया.. जिसके बाद जीडीपी और गिरकर 2018-19 में 6.8 तक पहुंच गई..और अब ये 6 साल में अपने सबसे निचले स्तर पर 5 फीसदी पर पहुंच चुकी है।

देश के कृषि क्षेत्र भी सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है..साल 2016-17 में देश की कृषि विकास दर 6.3 फीसदी थी.. 2017-18 में ये 5 फीसदी पहुंची और अब कृषि विकास दर 2.9 हो चुकी है... यही हाल देश के औद्योगिक क्षेत्र का है जो मंदी की चपेट में बताया जा है...2016-17 में देश के औद्योगिक क्षेत्र में 7.7 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही थी... 2017-18 में ये घटकर 5.9 फीसदी हो गई... 2018-19 इस क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र की 6.9 फीसदी रहा।

आर्थिक मंदी की वजह देश के बड़े सर्विस सेक्टर का ग्राफ भी नीचे आता जा रहा है... 2016-17 में सर्विस सेक्टर में वृद्धि 8.4 फीसदी रही.. जो 2017-18 में घटकर 8.1 फीसदी हो गई... और 2018-19 सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर और लुढ़कते हुए 7.5 फीसदी पर जा पहुंची... ये आंकड़े बता रहे हैं कि जीडीपी को मजबूती देने वाले हर क्षेत्र में हालात गड़बड़ हैं। और अब ये भी समझ लीजिये कि जीडीपी में गिरावट का मतलब क्या है... जीडीपी गिरने से देश की प्रति व्यक्ति आय घट जाएगी... सालाना आर्थिक वृद्धि में कमी से आपकी कमाई घटेगी... कमाई घटने से आपकी उपभोग क्षमता घटेगी... जीडीपी घटने से रोजगार के मौके घटने लगेंगे... और अमीरों के मुकाबले गरीबों पर ज्यादा बोझ बढ़ेगा।

मोदी सरकार विकास दर में इस गिरावट की वजह तलाश रही है..लेकिन विपक्ष और खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसके लिए सीधे-सीधे सरकार के फैसलों को जिम्मेदार मान रहे हैं...मनमोहन सिंह जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और उनकी बातों की अपनी गंभीरता है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह यानी विपक्षी कांग्रेस मोदी सरकार के जिन फैसलों की ओर इशारा कर रहे हैं वो असल में पिछली मोदी सरकार के फैसले हैं..जिसमें पीएम मोदी का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक नोटबंदी का फैसला है। कांग्रेस हमेशा से मोदी सरकार को नोटबंदी पर घेरती रही है। मनमोहन सिंह ने उस वक्त भी इस बात का अंदेशा जताया था। 24 नवंबर 2016 को नोटबंदी के मुद्दे पर बहस के दौरान मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी की चोट का दर्द अभी नहीं बल्कि आने वाले कुछ सालों में महसूस होगा।

देश की अर्थव्यवस्था की गिरती सेहत पर सरकार कदम तो उठा रही है, लेकिन फिलहाल ठोस कुछ बताने को शायद उसके पास नहीं है इसीलिए रविवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन से जब पत्रकारों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर सरकार का रुख जानना चाहा तो वित्तमंत्री ने सवाल ही टाल दिया।

हालांकि ऐसा नहीं कि सरकार फिक्रमंद नहीं है...उसके पास कोई उपाय नहीं हैं...और ऐसा भी नहीं है कि अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के सवालों में राजनीति नहीं है...भारत की अर्थव्यवस्था हमेशा से पूंजीवाद और समाजवाद के बीच बेहतर संतुलन के साथ आगे बढ़ी है..लेकिन इसे पूंजीवाद की ओर तेज़ी से बढ़ाने का असली श्रेय कह लें या इल्ज़ाम कह लें...जो कुछ भी अर्थव्यवस्था का चेहरा आज है...वो गढ़ने वाले असल कारीगर डॉ. मनमोहन सिंह को ही माना जाता है। 1991 में उदारवाद के जिस मंत्र के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने का दावा किया जाता है...उसने धीरे-धीरे समाजवाद को हाशिये पर डालना शुरू कर दिया...बाद में आने वाली सरकारों ने भी तत्कालीन वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उसी राह पर कदम बढ़ाए...लेकिन आज की हकीकत ये है कि चमक-दमक से बढ़ती भारत की अर्थव्यवस्था पर ग्रहण लगता नज़र आ रहा है...तो सवाल ये है कि --370 और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर सुपरहिट मोदी सरकार आखिर विकास और रोजगार के मुद्दे पर क्यों पिछड़ रही है? ---आर्थिक मोर्चे पर सरकार के दावे और हकीकत अलग-अलग क्यों नज़र आ रहे हैं? --और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए क्या पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मंत्र ही कारगर है?

सामरिक और कूटनीति मोर्चे पर भले ही भारत की साख बढ़ रही है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर वाकई देश की हालत चिंताजनक है, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और कृषि समेत तमाम क्षेत्रों में आई गिरावट इसका इशारा है, मोदी सरकार को एक बार फिर पूंजीवाद और समाजवाद के बीच उसी संतुलन को साधना होगा जो भारत की अर्थव्यवस्था को बुनियादी तौर पर मजबूत बनाए।

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'छात्रों की मांग न्यायपूर्ण, नॉर्मलाइजेशन अस्वीकार्य', प्रयागराज में UPPSC के खिलाफ प्रदर्शन पर बोले राहुल गांधी
'छात्रों की मांग न्यायपूर्ण, नॉर्मलाइजेशन अस्वीकार्य', प्रयागराज में UPPSC के खिलाफ प्रदर्शन पर बोले राहुल गांधी
Live: दिल्ली मेयर चुनाव में वोटिंग जारी, कांग्रेस को झटका, पार्षद ने दिया इस्तीफा
Live: दिल्ली मेयर चुनाव में वोटिंग जारी, कांग्रेस को झटका, पार्षद ने दिया इस्तीफा
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
Ranveer-Deepika Anniversary: ‘दुआ’ की मॉम पर जान छिड़कते हैं रणवीर सिंह, ये तस्वीरें देती हैं दोनों के प्यार की गवाही
‘दुआ’ की मॉम पर जान छिड़कते हैं रणवीर सिंह, ये तस्वीरें देती हैं गवाही
ABP Premium

वीडियोज

UPPSC Protest: 'मेरे जाने की खबर मिलते ही छात्रों को हटाना शुरू किया'- Akhilesh Yadav | ABP NewsTop News: दोपहर की बड़ी खबरें | Maharashtra Elections | UPPSC Student Protest | Tonk | Naresh MeenaAjit Pawar Interview : महाराष्ट्र चुनाव के बीच अजित पवार से चित्रा त्रिपाठी के तीखे सवाल!Maharashtra Election 2024: नासिक में Ajit Pawar के हेलिकॉप्टर की हुई चेकिंग | ABP News | Breaking

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'छात्रों की मांग न्यायपूर्ण, नॉर्मलाइजेशन अस्वीकार्य', प्रयागराज में UPPSC के खिलाफ प्रदर्शन पर बोले राहुल गांधी
'छात्रों की मांग न्यायपूर्ण, नॉर्मलाइजेशन अस्वीकार्य', प्रयागराज में UPPSC के खिलाफ प्रदर्शन पर बोले राहुल गांधी
Live: दिल्ली मेयर चुनाव में वोटिंग जारी, कांग्रेस को झटका, पार्षद ने दिया इस्तीफा
Live: दिल्ली मेयर चुनाव में वोटिंग जारी, कांग्रेस को झटका, पार्षद ने दिया इस्तीफा
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
Ranveer-Deepika Anniversary: ‘दुआ’ की मॉम पर जान छिड़कते हैं रणवीर सिंह, ये तस्वीरें देती हैं दोनों के प्यार की गवाही
‘दुआ’ की मॉम पर जान छिड़कते हैं रणवीर सिंह, ये तस्वीरें देती हैं गवाही
स्विटजरलैंड में हिजाब पर लगा बैन तो पाकिस्तानियों पर क्यों बरस पड़ीं ब्रिटिश मुस्लिम यूट्यूबर? बोलीं- दूसरे मुल्कों में गंदगी मचाते हैं...
स्विटजरलैंड में हिजाब पर लगा बैन तो पाकिस्तानियों पर क्यों बरस पड़ीं ब्रिटिश मुस्लिम यूट्यूबर? बोलीं- दूसरे मुल्कों में गंदगी मचाते हैं
BSNL ने लॉन्च की भारत की पहली Satellite-to-Device सर्विस, अब नेटवर्क के बिना भी होगी कॉलिंग
BSNL ने लॉन्च की भारत की पहली Satellite-to-Device सर्विस, अब नेटवर्क के बिना भी होगी कॉलिंग
निक जोनास से लेकर हाले बेरी तक...डायबिटीज से जूझ रहे हैं ये सेलेब्स, ऐसे रखते हैं ब्लड शुगर को कंट्रोल
निक जोनास से लेकर हाले बेरी तक...डायबिटीज से जूझ रहे हैं ये सेलेब्स
'महाराष्ट्र चुनाव के बाद नहीं बचेगी CM योगी की कुर्सी', अखिलेश यादव का दावा बढ़ाएगा BJP की टेंशन
'महाराष्ट्र चुनाव के बाद नहीं बचेगी CM योगी की कुर्सी', अखिलेश यादव का दावा बढ़ाएगा BJP की टेंशन
Embed widget