मैं लगभग 10 साल का था जब मैंने YouTube के बारे में जाना. मैं तुरंत इसकी क्षमता और संभावनाओं की ओर आकर्षित हो गया. जब मैं 13 साल का था तब मैंने इसे एक पूर्ण कैरियर के रूप में आगे बढ़ाने के बारे में सोचा. यह एक बहुत ही सहज निर्णय था और मैं तुरंत इसकी ओर बढ़ गया. मैं एक जिज्ञासु लड़का था जो हमेशा नई चुनौती के लिए तैयार रहता था.
मैं फुटबॉल के सारे मूवमेंट को रिकॉर्ड करता था, ताकि इसकी बेहतर समझ हो सके. हजारों बार रिकॉर्ड करता था, ताकि अच्छा खेल सकूं. उस वक्त मुझे इसका बहुत ही कम अंदाजा था कि मैं कमाने के लिए कंटेंट खोज रहा हूं. जब पीछे मुड़कर देखता हूं तो कभी-कभी डर भी लगता है कि उस वक्त मैं कॉलेज से बाहर होकर डिजिटल दुनिया के पीछे भाग रहा था, जिसका उस वक्त वैसा स्कोप नहीं था, जैसा अब है. मेरा जीवन किसी और की तरह बहुत अलग दिशाओं में जा सकता था क्योंकि आपके पास हमेशा बहुत सारे विकल्प होते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि कंटेंट क्रिएशन मेरे लिए एक पहले से तय रास्ता था.
शुरुआती दिनों में मैं खुद से कहता था कि अगर मैं सफल नहीं हो पाऊंगा, तब भी मैं ये या गेमिंग के बारे में कुछ करता रहूंगा. उस वक्त मेरी यही सोच थी. तब से कुछ भी नहीं बदला है. मैं नियमित कॉलेज जीवन और कैंपस में दोस्तों के साथ घूमने से चूक गया, लेकिन इन सबकी भरपाई सालों से मिल रहे मेरे प्रशंसकों के प्यार और सम्मान से हो गई. मेरे शुरुआती दिनों में मेरे माता-पिता मेरे समर्थन में मजबूती से खड़े रहे. उन्होंने मुझे इस शर्त के साथ कंटेंट क्रिएशन की अनुमति दी कि मैं डिस्टैंस लर्निंग से अपनी शिक्षा पूरी करूंगा.
कैरी मिनाटी (Carry Minati) उपनाम मेरे लिए सिर्फ एक अच्छा लगने वाला नाम है. मैं यह कहने के लिए अच्छी कहानियाँ बना सकता हूँ कि मैंने यह नाम क्यों रखा, लेकिन सच्चाई ये है कि इसके पीछे कोई कारण नहीं है. यह सिर्फ मुझे अच्छा लगता है. मैंने इसके बारे में कभी सोचा नहीं कि मैंने ऐसा क्यों किया. अजय नागर एक बहुत ही निजी गैर-विवादास्पद व्यक्ति है. मैं घर पर अपने अकेले समय का आनंद लेता हूं और मेरे पास बहुत ही क्लोज मित्र मंडली है. मेरा ऑल्टर ईगो मुझे एक नए दिन की प्रतीक्षा करने और इसके लिए आभारी होने के लिए प्रेरक शक्ति देता है. मुझे कैरी मिनाटी उपनाम से विश्वास मिला और इसने मुझे अपने आवरण से बाहर आने में मदद की. ऐसा लगता है जैसे मैं एक ही छत के नीचे दोहरा जीवन जी रहा हूँ.
छोटे शहरों और गांव-देहात से आने वाले छोटे बच्चों और किशोरों को मैं यही कहना चाहूंगा कि किसी की पृष्ठभूमि, पारिवारिक स्थिति और पैसे की परवाह किए बिना भी सब कुछ संभव है. अगर आपके पास मजबूत इरादे और प्रेरणा हैं, तो कुछ भी करना संभव है. मेरी पहली सलाह यही होगी कि लाइक और फॉलोअर्स की चूहा-दौड़ (rat race) का शिकार न हों और आपके द्वारा बनाया गया कंटेंट यूनिक होना चाहिए. अपने कंटेंट को चुनने के मामले में अलग तरह की सोच बनानी चाहिए. कुछ ऐसा हो जिसको लेकर आप पैशनट (passionate) और कॉन्फिडेंट हों. जिससे आपको दूसरों के मुकाबले बढ़त मिल सके.
अच्छे कंटेंट से ही आप ऑर्गेनिक और ऑथेंटिक सब्सक्राइबर बेस बना सकते हैं. अपने फॉलोवर और लाइक्स से अपने कंटेंट को प्रभावित होने नहीं दें. वैसा कंटेंट बनाएं जिसको लेकर आप पैशनट हों. आप जो दुनिया को दिखाना चाहते हैं, उसमें मेरिट होनी चाहिए. मैंने हाल के यूट्यूब वीडियो में सोशल मीडिया संस्कृति के बारे में बात की है और सामाजिक तुलना और ट्रोल जैसे विषयों को छुआ है. अपने दूसरे वीडियो में दर्शकों को कैंसिल कल्चर के बारे में जागरूक किया है. मुझे लगता है कि एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में यह आपका कर्तव्य है कि आप अपने दर्शकों को ऐसी प्रथाओं से अवगत कराएं जो सोशल मीडिया पर बहुत आम हैं और हम अक्सर ऐसे ऑनलाइन रुझानों पर विश्वास करते हैं जो 100% सच नहीं हैं.
2014 से अब कंटेंट क्रिएटर के लिए माहौल बहुत बदल गया है. तकनीक के बदलने से ऑनलाइन दुनिया का जोखिम दोगुना हो गया है और आज कंटेंट क्रिएटर क्रिकेटरों और बॉलीवुड सितारों की तरह ही महत्वपूर्ण हो गए हैं. हम एक उपभोक्ता केंद्रित अर्थव्यवस्था से एक बढ़ते क्रिएटर अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो गए हैं.
आज कंटेंट क्रिएटर्स वित्तीय इकोसिस्टम में वैल्यू ऐड हैं. क्रिएटर्स ने खुद को 'उत्पादों और सेवाओं' के रूप में बदल दिया है. प्रचार करके और अपने फॉलोअर्स के जरिए कमाई करने की क्षमता को अनलॉक कर दिया है. आज क्रिएटर्स अपनी प्रतिभा को खुद की शर्तों पर उद्योग के रूप में बदलने में सक्षम हैं.
पहले सप्लाई चेन कुछ लोगों तक सीमित था, जो अब बड़ी आबादी के लिए उपलब्ध है.
हालांकि यह सच है कि पारंपरिक सेलेब्रिटी का फैन बेस (fan base) बड़ा है, क्रिएटर्स के भी प्रशंसक हैं. क्रिएटर्स के पास मशहूर हस्तियों की तुलना में प्रभावित करने की क्षमता ज्यादा होती है, खासकर जब खरीदारी की बात आती है. सेलेब्रिटी की तरह लोग जीना चाहते हैं, लेकिन वे भरोसेमंद नहीं हैं. क्रिएटर्स का जीवन एक साधारण व्यक्ति जैसा दिखता है. क्रिएटर्स आगे आकर अपने व्यक्तिगत जीवन और अनुभवों के बारे में बात करते हैं, जिसके कारण वे अपने प्रशंसकों के साथ अधिक संवाद कर पाते हैं. इससे आपसी जुड़ाव ज्यादा होता है. क्रिएटर्स को लोग भरोसेमंद साथी की तरह महसूस करते हैं. आधुनिक उपभोक्ता एक स्मार्ट उपभोक्ता है. ये सेलिब्रिटी विज्ञापनों को तुरंत दरकिनार कर देतें हैं. उन्हें पता है कि ऐसे विज्ञापन सिर्फ पैसों के लिए किया गया है. वास्तविक जीवन में सेलेब्रिटी उन उत्पादों का समर्थन नहीं करते हैं,
एक ब्रांड को बनाए रखने के लिए सेलिब्रिटी का स्टेटस काफी नहीं है. आज के उपभोक्ता ब्रांड को वास्तविक होने की मांग कर रहे हैं और एक वास्तविक व्यक्ति से बात करने से ज्यादा भरोसेमंद क्या है! जब खरीदारी के निर्णय लेने की बात आती है तो उपभोक्ता मशहूर हस्तियों और अपने दोस्तों से भी ज्यादा क्रिएटर्स पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि क्रिएटर्स के पास ख़ास विशेषज्ञता होती है. क्रिएटर्स जिसके बारे में अच्छे जानते हैं, उसके बारे में ही बात करते हैं. यह इसे और अधिक प्रामाणिक और भरोसेमंद बनाता है. प्रशंसकों में अपने पसंदीदा सोशल मीडिया क्रिएटर्स के बारे में जानने की उत्सुकता तो होती ही है. इसके साथ ही प्रशंसक क्रिएटर्स को उन तरीकों से भी समर्थन देते हैं, जैसा सेलेब्रिटी को नहीं देते हैं. जब ये क्रिएटर्स सोशल मीडिया पर अपने पसंदीदा ब्रांड के बारे में बात करते हैं, तो प्रशंसकों को संदेश मिलता है, वे ब्रांड को फॉलो करते हैं और खरीदारी करना शुरू करते हैं. ब्रांड पहले से ही यह जानते हैं और क्रिएटर्स के साथ जुड़ाव हो जाने से उस प्रोडक्ट को लेकर कस्टमर का भरोसा बढ़ जाता है.
मैं यह बताना चाहता हूं कि क्रिएटर और इंफ्लुएंसर ये दोनों बहुत ही अलग-अलग कैटेगरी है. इंफ्लुएंसर पहले अपनी जीवन शैली को बढ़ावा देते हैं, जबकि क्रिएटर अपने ज्ञान और योग्यता के जरिए आगे बढ़ते हैं. इंफ्लुएंसर को फंडिंग कटौती की समस्या महसूस हो सकती है. लेकिन अच्छे क्रिएटर ब्रांड, स्टार्ट-अप और ऐसे अन्य भागीदारों से राजस्व अर्जित करेंगे. जब कोई गेमर या कॉमेडियन या संगीतकार दूसरों को कुछ सिखाने के लिए अपनी प्रतिभा का उपयोग करता है तो इससे सीधे वैल्यू क्रिएशन होता है और यह कभी भी फैशन से बाहर नहीं होगा, क्योंकि वैल्यू क्रीएशन से पैसा आएगा.
कंटेंट को लेकर कोई फिक्सड शेड्यूल नहीं है. किसी वीडियो को तैयार करने में आम तौर पर 3 से 4 हफ्ते लगते हैं. यह सब वीडियो के फॉर्मेट पर निर्भर करता है. अगर यह लगातार क्रिया-प्रतिक्रिया वाला वीडियो है तो इसमें मुझे दो सप्ताह का समय लगता है. अगर ये एक करेंट टॉपिक है तो इसमें एक महीने से अधिक का समय लग सकता है. पहले एक आधार बनाना होता है, उसके बाद उसकी रिकॉर्डिंग होता है. फिर प्रबंधन टीम से फीडबैक लेता हूं ताकि पता चल सके कि कितनी अधिक फाइन ट्यूनिंग की आवश्यकता है. मैं अपने वीडियो स्क्रैच से बनाता हूं. मैं खुद एडिट, लेखन और परफॉर्म करता हूं. मेरे पास कंटेंट क्रिएशन के लिए कोई टीम नहीं है, लेकिन मेरे पास एक टीम है जो मुझे ग्राफिक कार्य, थंबनेल, स्थिर पोस्ट जैसे कामों में मदद करती है. गेमिंग मेरे लिए स्वाभाविक रूप से आती है, न केवल मुझे गेम खेलना पसंद है बल्कि मुझे लगता है कि इससे मुझे बाहरी दुनिया से जुड़ने में मदद मिलती है. मुझे life of a cringe pop artist और cancel culture पर वीडियो बनाने में सबसे ज्यादा मजा आया. मैंने इसके स्क्रिप्टिंग और वीडियो को अंतिम रूप देने के दौरान बहुत कुछ सीखा.
रोचकता और जुड़ाव मेरा यूएसपी है. मेरा कंटेंट ऐसा है जिससे अधिकांश लोग प्रभावित हो सकते हैं. यह प्रामाणिक, प्रेरक और मनोरंजक है. मैं अपने दर्शकों की जगह पर आने की कोशिश करता हूं. वीडियो के जरिए किसी के विचारों को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं रखता हूं. मैं पूर्वाग्रह से दूर रहकर वीडियो बनाता हूं.
मेरा मंच एक ऐसी जगह है जहां आप अपने आप को स्वतंत्र रखकर सोच सकते हैं. खुद में फैसला कर सकते हैं. यहीं मेरी सबसे बड़ी खासियत है.
जहां तक आलोचकों का संबंध है, उनकी बातें अंतिम सत्य नहीं है. फिर भी मैं उनकी आलोचना को स्वस्थ तरीके से लेता हूं और अगर गुंजाइश है तो सुधार करने की कोशिश करता हूं. लेकिन अगर आलोचना संदर्भ से बाहर है या मेरी शैली से बाहर है या धारणाओं पर आधारित है तो यह काफी परेशान करने वाला है. मैंने पहले भी कहा है और हाथ जोड़कर फिर से कहूंगा कि मेरे रोस्टिंग को सकारात्मक तरीके से लिया जाना चाहिए क्योंकि मेरा कोई नकारात्मक इरादा नहीं है. कभी-कभी दुख होता है जब लोग मुझे या मेरी पिछली कहानी जाने बिना मेरी कला की आलोचना करते हैं. जब आप अपने काम पर कई स्तरों पर आलोचनाओं से घिर जाते हैं, तो यह वास्तव में किसी स्तर पर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है.
कई बार ऐसा हुआ है जब मैंने खुद को गलत समझे जाने के कारण एक कमरे में बंद कर लिया है जैसे YouTube बनाम टिक-टोक द एंड के मामले में. वो वक्त बहुत ही निराशाजनक था. अलगाव, कोरोना महामारी और मेरी दादी के निधन ने कहीं न कहीं मुझे बहुत ही अवचेतन स्तर पर प्रभावित किया और ऐसे दिन आए जब मैंने रचनात्मक रूप से खोया हुआ महसूस किया. मुझे लगता है कि संघर्षों ने मुझे यह समझने में मदद की कि आप अपने सबसे अच्छे आलोचक हैं और आपको बाहरी राय को चुप कराने और अपनी आंतरिक आवाज पर भरोसा करने की जरूरत है.
मैंने महसूस किया कि अच्छे कंटेंट क्रिएटर्स भारत में एक्टर्स और क्रिकेटर्स की तरह अपने पद और पावर का आनंद ले रहे हैं. फिलहाल मैं पूरी तरह से एक्टिंग जॉब के बारे में नहीं सोच रहा हूं. YouTube मेरा पहला प्यार था, है और हमेशा रहेगा. रनवे 34 की तैयारी के दौरान मैं बिना नींद के दिन में 48 घंटे काम कर रहा था क्योंकि साथ ही साथ मैं अपने यूट्यूब कंटेंट पर भी काम कर रहा था.
कैरी मिनाटी बहुआयामी है. मैं युवा हूं और मुझमें मल्टी-टास्क और एक्सपेरिमेंट करने की ललक है. फ़िल्म, कंटेंट क्रिएशन, संगीत और रोस्टिंग में मेरा पहला और आखिरी प्यार कंटेंट क्रिएशन होगा, मैं जो कुछ भी बीच में करने की कोशिश करता हूं वह एक जुआ है. कई बार मुझे लगता है कि यह मेरा आखिरी वीडियो होगा और अब मैं कुछ और करूंगा लेकिन वह दिन कभी नहीं आता. यह वह असली बंधन है जो मुझे चुंबक की तरह कंटेंट क्रिएशन में वापस खींचता रहता है, ऐसा लगता है जैसे इस पेशे ने मुझे चुना है. मेरा अंतिम लक्ष्य अपनी कला और जुनून के माध्यम से कई लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालना था. अन्य कलाकारों की तरह मैं यहां मनोरंजन करने के लिए हूं और आम आदमी को सांसारिक जीवन की समस्याओं से पल भर के लिए दूर ले जाना चाहता हूं. अगर आप चारों ओर देखें तो कैसे तनाव और अवसाद के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और लोग भूल गए हैं कि कैसे केवल संतुष्ट और खुश रहना है.
इन सभी के बीच सबसे संतोषजनक बात यह है कि मैं लोगों को आशावादी रूप से जीने के लिए प्रेरित कर सकता हूं. मैं दर्शकों का बहुत आभारी हूं क्योंकि उनके बिना मुझे नहीं लगता कि यह संभव हो पाता.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]