उभरते मध्यम वर्ग को बड़ी राहत और GDP पर बजट 2025 में खास फोकस, सबसे ज्यादा फायदे में रहा बिहार

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इतिहास रचते हुए लगातार आठवां बजट पेश किया, जो उनके किसी भी पूर्ववर्ती के मुकाबले भारतीय इतिहास में बैक-टू-बैक सबसे ज्यादा बजट है. मोदी सरकार के 3.0 कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट निर्मला सीतारमण के कार्यकाल का एक और मील का पत्थर है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले हफ्ते नए इनकम टैक्स बिल लाने का एलान किया है. अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. नौकरी-पेशा लोगों के लिए ये काफी महत्वपूर्ण एलान है. इसके साथ ही, बुजुर्गों के लिए टैक्स छूट 1 लाख रुपये तक की गई है.
उन्होंने आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए कई अहम घोषणाएं की है. जिसके बाद इलेक्ट्रिक व्हिकल, एलसीडी, मोबाइल फोन और उसकी बैट्री, कैंसर की 36 दवाईयों के साथ ही कपड़े के बने सामान सस्ते हो जाएंगे.
निर्मला ने अपने बजट भाषण में दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जोर और वित्तीय सेक्टर में सुधार के संकेत दिए. साथ ही, मछली उत्पादन में बढ़ावा देने, बिहार के किसानों को स्पेशल पैकेज देने का एलान किया. बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारत को फूड बास्केट बनाया जाएगा और किसानों के इनकम बढ़ाए जाएंगे. पूर्व भारत में यूरिया प्लांट खोलने की योजना है. बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एमएसएमई की क्षमता लगातार बढ़ रही है. स्टार्ट अप के लिए लोन की सीमा बढ़ाई जा रही है. कॉटन प्रोडक्शन पर जोर दिया जाएगा.
बजट पेश करते हुए निर्मला ने कहा कि ऋण तक पहुंच के लिए ऋण ऋण गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा. सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रीकल व्हीकल्स पर सरकार को जोर रहेगा. भारतीय खिलौने के लिए सपोर्ट स्कीम का भी एलान किया गया. मैन्यूफैक्चरिंग मिशन में क्लिन टेक को बढ़ावा दिया जाएगा. देश में आईआईटी संस्थानों की संख्या बढ़ाई जाएगी. न्यूक्लिय एनर्जी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए 2000 करोड़ रुपये, रीजनल कनेक्टिविटी पर जोर, नई उड़ान योजना से जुड़ेंगे 100 शहर.
बजट में कई बड़े फैसले
उत्पादन, कुशल आपूर्ति, प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक प्रोग्राम चलाया जाएगा. स्टार्टअप की सीमा बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये की जाएगी. किसान क्रेडि कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई है. सस्ते ब्याज दर पर किसानों को 5 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. कपास प्रोडक्शन मिनशन का एलान किया गया.
नए उद्योगपतियों को 2 करोड़ रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा. वैश्विक खिलौना केन्द्र बनाने की योजना है. पारंपरिक सूती उद्योग को बढ़ावा देने पर फोकस किया जाएगा. डेयरी और मत्स्य पालन के लिए 5 लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा. साथ ही, ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी पर जोर दिया जाएगा. मछुआरों के लिए स्पेशल जोन का एलान किया जाएगा. किताबें डिजिटल उपलब्ध कराई जाएगी.
ई-श्रम पोर्टल का गठन किया जाएगा. इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए डेढ़ लाख करोड़ के कर्ज का एलान किया गया है. अर्बन चैलेंज फंड के लिए एक लाख करोड़, जल जीवन मिशन 2028 तक बढ़ाने की घोषणा हुई है. देश में 50 टूरिज्म साइट बनाए जाएंगे. धार्मिक डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा. निजी क्षेत्रों के साथ मिलकर विकास करने पर जोर दिया जाएगा. वीजा नियम को आसान किया जाएगा. निजी सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए 20,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
बिहार पर खास फोकस
निर्मला सीतारमण के इस बजट में बिहार में खास फोकस दिखा. बजट में बिहार के लिए कई घोषणाएं की गई हैं. आईआईटी पटना में छात्रावास खोलने और बिहार को स्पेशल पैकेज देने का एलान किया गया है. साथ ही, पटना एयरपोर्ट की बढ़ाई जाएगी क्षमता, मिथिलांचल में पश्चिम कोसी नहर परियोजना के लिए मदद का एलान किया गया है. बिहार में नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट खोले जाएंगे.
पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल यानी 2019 में निर्मला सीतारमण को पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया. उसके बाद से उन्होंने 2024 के फरवरी में अंतरिम बजट समेत अब तक लगातार सात बजट पेश किए हैं. 1 फरवरी 2025 को उनकी तरफ से पेश किए गए बजट के बाद वे पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बेहद करीब पहुंच गई हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा 10 बजट पेश किए. हालांकि, उन्होंने 1959 से लेकर 1969 तक अलग-अलग कार्यकाल में बजट पेश किए.
मोरारजी देसाई ने बतौर वित्त मंत्री 1959 से लेकर 1964 तक छह बजट पेश किए और इसके बाद 1967 से लेकर 1969 तक चार बजट पेश किए. इसके अलावा, कई बजट पेश करने वालों में पी. चिदंबरम का भी नाम आता है, जिन्होंने 9 बजट पेश किए. जबकि, प्रणब मुखर्जी ने कुल आठ आम बजट पेश किए. पी.वी. नरसिम्हाराव सरकार के दौरान वित्त मंत्री के रुप में सेवा देने वाले मनमोहन सिंह ने 1991 से लेकर 1995 के दौरान कुल पांच बजट पेश किए.
निर्मला ने रचा इतिहास
लगातार बजट पेश करने वालों में इतिहास रचने वाली निर्मला सीतारमण के नाम इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक बजट भाषण भी है. साल 2020 में उनका बजट भाषण 2 घंटे 40 मिनट तक चला था, उसके बाद उसे उन्होंने बजट को कट किया और दो पेज बाकी रह गया था.
दूसरी तरफ, हीरुभाई मुल्जीभाई पटेल ने साल 1977 में सबसे छोटा बजट भाषण दिया था. उन्होंने अंतरिम बजट पेश करते हुए सिर्फ 800 शब्द ही बोल पाए थे. सालों बाद केन्द्रीय बजट पेश करने का तरीका बदलता गया. 1999 से पहले तक ये शाम को पांच बजे पेश किया जाता था. जो ब्रिटिश कालीन समय का था जब लंदन में घोषणाएं हुआ करती थी. लेकिन, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट भाषण का समय शिफ्ट कर सुबह 11 बजे कर दिया.
इसके बाद, 2017 में इसमें बड़ा सुधार किया गया और बजट पेश करने की तारीख को फरवरी के आखिर से बदलकर 1 फरवरी कर दी गई. इस बदलाव का मकसद मार्च के आखिर तक उस बजट को संसद से स्वीकृति मिल जाना था, ताकि नए 1 अप्रैल से शुरु होने वाले नए वित्त वर्ष में उसे आसानी के साथ लागू किया जा सके. निर्मला सीतारमण के इस आठवें बजट से लोगों की भारी अपेक्षाएं हैं, जैसे- आर्थिक रफ्तार को बढ़ावा देना, मध्य वर्ग पर वित्तीय बोझ को कम करना.
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