सेंचुरियन में मेजबान दक्षिण अफ्रीका ने दूसरा टी-20 मैच जीत लिया. दक्षिण अफ्रीका ने इस मैच को 8 गेंद रहते 6 विकेट के अंतर से जीता. इस जीत के बाद तीन टी-20 मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी हो चुकी है. सीरीज का तीसरा और अंतिम टी-20 मैच 24 फरवरी को केपटाउन में खेला जाना है. केपटाउन से ही टीम इंडिया के इस मुश्किल दौरे की शुरूआत हुई थी. जिसमें टेस्ट सीरीज पर दक्षिण अफ्रीका ने कब्जा किया और वनडे सीरीज में भारत ने धमाकेदार जीत दर्ज की.


कुल मिलाकर अब दोनों ही टीमें टी-20 सीरीज जीतना चाहेंगी. सेंचुरियन में भारतीय टीम ने जो मैच गंवाया उसमें से टीम इंडिया को कुछ सबक मिले हैं. सिर्फ एक हार से टीम के मनोबल पर कोई फर्क नहीं पड़ता बशर्ते वो अपनी गलतियों को जल्दी से सुधार लें. दरअसल, अगर पहले और दूसरे टी-20 मैच में जीत हार का फर्क देखा जाए तो वो रन ही हैं जो टीम इंडिया ने स्कोरबोर्ड पर जोड़े. आपको याद दिला दें कि पहले टी-20 मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने स्कोरबोर्ड पर 203 रन जोड़े थे जबकि दूसरे टी-20 मैच में टीम इंडिया 188 रन ही जोड़ पाई. विराट कोहली को इसी एक बिंदु पर ध्यान देना है. ये समझना है कि कहां चूक हो रही है.


पहले पावरप्ले में करना होगा और धमाका


अब तक खेले गए दोनों टी-20 मैच में भारत को दूसरे ही ओवर में झटका लगा है. पहले टी-20 में रोहित शर्मा दूसरे ओवर की पांचवी गेंद पर आउट हो गए थे. उन्होंने 9 गेंद पर 21 रन बनाए थे. दूसरे टी-20 में भी रोहित शर्मा दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर आउट हो गए. इस बार वो अपना खाता तक नहीं खोल पाए. वनडे सीरीज में भी रोहित शर्मा अपने पूरे रंग में नहीं दिखे. वनडे सीरीज के खत्म होते होते उन्होंने एक शानदार शतक जरूर जड़ा लेकिन टी-20 में अभी उनका जलवा दिखा नहीं है. उनके जल्दी आउट होने के अलावा भी भारतीय टीम पहले पावरप्ले के इस्तेमाल पूरी तरह नहीं कर पा रही है.


पिछले करीब दो साल में पहले पावरप्ले यानी मैच के पहले 6 ओवर में रन बनाने के मामले में भारतीय टीम छठे नंबर पर है. भारतीय बल्लेबाजों ने 8.09 की रनरेट से रन बनाए हैं. जबकि ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमें पावरप्ले में बेहतर रनरेट से खेल रही हैं. ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश की टीमों का रनरेट 9 से ज्यादा का है. टी-20 मैच में प्रति ओवर 1 या डेढ़ रन का फर्क मैच के नतीजे पर पड़ता है. भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर को इस बारे में सोचना होगा. रोहित शर्मा के फॉर्म में अगर ‘कंसिसटेंसी’ हो तो इन आंकड़ों में साफ अंतर नजर आएगा. पाठकों की सुविधा के लिए बता दें कि पहले 6 ओवर में नियमों के मुताबिक सिर्फ 2 खिलाड़ी 30 यार्ड के गोले के बाहर फील्डिंग कर सकते हैं. 6 ओवर के बाद 30 यार्ड के दायरे के बाहर फील्डिंग करने के लिए पांच खिलाड़ियों का नियम है. ऐसे में पहले 6 ओवर में बड़े शॉट्स खेले जा सकते हैं. जिसमें रोहित शर्मा और शिखर धवन दोनों माहिर हैं. बस उन्हें अपने दिमाग में इस ‘कैलकुलेशन’ को तैयार रखना होगा.


रैना का रंग में आना है जरूरी


अब तक खेले गए दोनों टी-20 मैचों में विराट कोहली ने सुरेश रैना को नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा है. सुरेश रैना ने पहले टी-20 में 15 रन बनाए थे जबकि दूसरे टी-20 में उन्होंने 31 रन बनाए. इस बात में कोई दोराय नहीं है कि सुरेश रैना टी-20 के शानदार खिलाडी हैं लेकिन उन्होंने लंबे समय के बाद टीम में वापसी की है. उनकी बल्लेबाजी में खुद को साबित करने की वो हड़बड़ाहट दिख रही है. टीम मैनेजमेंट की रैना से दरकार है कि अगर रोहित या शिखर में से कोई जल्दी आउट हो जाता है तो वो जाकर तेज गति से रन बनाएं. मान लेते हैं कि रैना भी आउट हो जाते हैं तो पारी को संभालने के लिए विराट कोहली हैं ही. इस 6 ओवर की थ्योरी में रैना को थोड़ा और आक्रामक बल्लेबाजी करनी होगी क्योंकि सारा खेल 10-15 रनों का है. जीत और हार का फर्क इन्हीं 10-15 रनों में है.