एक्सप्लोरर

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की पहली भारत यात्रा से द्विपक्षीय संबंध और होंगे मजबूत, एक्सपर्ट से समझें हर पहलू

भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी 20 समिट में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले महीने दिल्ली आएंगे. बाइडेन की भारत यात्रा 7 से 10 सितंबर के बीच होगी. अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की ये पहली भारत यात्रा होगी.

बतौर राष्ट्रपति जो बाइडेन की पहली भारत यात्रा का मायने ये है कि अमेरिका, हिन्दुस्तान के साथ जो भी आर्थिक समझौता है और बाकी कई पहलू हैं, उनको लेकर अब अमेरिका गंभीरता के साथ विचार करने लगा है.

चाइना प्लस वन नीति में भारत महत्वपूर्ण

अमेरिका के लिए अर्थनीति के तहत जो महत्वपूर्ण है, एक तरफ तो भारत के लिए चाइना प्लस वन की बात हो रही है. उसमें ये लोग चाहते हैं कि भारत की भागीदारी काफ़ी हो. दूसरी तरफ फिलहाल जो अंतरराष्ट्रीय हालात हैं, उसकी वजह से बहुत सारी चीज़ों पर विचार करना है.

पैसिफिक सेंचुरी में एशिया पर फोकस

अभी का माहौल ट्रांजिशन का फेज़ है. एक ब्रिक्स के विस्तार का मसला है. बहुत सारे देश इसका सदस्य बनना चाहते हैं. एक बात तो तय है कि दुनिया का अभी जो इतिहास बन रहा है, वो एशिया में बन रहा है. जो पहले हम पैसिफिक सेंचुरी बोलते थे, वो अब एशिया  हो गया है. इसमें भारत की भागीदारी की बहुत जरूरी है, ये अमेरिका बखूबी समझता है.

अमेरिका के लिए बाकी सारे कंसीडरेशन भी हैं. उसमें पाकिस्तान भी है, बाकी कई देश भी हैं. रूस और चीन के साथ संबंध भी जुड़े हैं. सभी चीजों को लेकर संतुलन बनाना होता है और उसके मुताबिक एक्ट करना होता है. उसमें भारत की भूमिका यही है कि उसमें हम उसमें अपने हितों को, अपनी प्राथमिकता को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, ये कोशिश होती है, इस पर फोकस होता है.

भारत के लिए है एक अच्छा मौका

जो बाइडेन की यात्रा भारत के लिए एक अच्छा मौका है. बाइडेन भारत आएंगे, भारत को जानने की कोशिश करेंगे. इसके साथ हम ये सोच सकते हैं कि कोई भी अमेरिका के राष्ट्रपति आते हैं, वे कुछ न कुछ सिम्बॉलिक करके जाते हैं, ताकि लोगों को लगे कि दोनों देशों के बीच कुछ अच्छा हो रहा है.

दोस्ती निभाने के दो तरीके होते हैं. एक तो सॉलिड विषय पर बातचीत होती है. दूसरा सॉफ्ट पावर पर बात होती है. वो भी बहुत महत्वपूर्ण है. चाहे ओबामा हों, ट्रंप हों, कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति हों, इसके बारे में सोचते रहते हैं. उसको लेकर पूरा प्रोजेक्ट भी करते हैं. इसलिए ये अच्छा मौका है. भारत और अमेरिका दोनों के लिए विन विन सिचुएशन है. बाकी देशों की भी नज़र रहेगी कि क्या-क्या हो रहा है. ऐसे हालात में अमेरिकी राष्ट्रपति आ रहे हैं, वो हमारे हित में ही होगा, मुझे यही लगता है.

रक्षा सहयोग का मुद्दा बहुत गंभीर

रक्षा सहयोग का मुद्दा बहुत गंभीर है. अभी तक हम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से जितना रक्षा सामान खरीदते हैं, उसमें ज्यादातर रूस से आता है. ये बहुत लंबे वक्त से चल रहा है. अभी तुरंत इसको बदलना, मुझे नहीं लगता है कि संभव है. आहिस्ता-आहिस्ता भारत की कोशिश है कि रक्षा क्षेत्र में स्वावलंबी हो जाएं. इसके साथ ही इसको लेकर रूस के ऊपर जो पूरी निर्भरता है, उसको भी धीरे-धीरे कम किया जाए. भारत इस पर भी काम कर रहा है. इल लिहाज़ से अमेरिका और फ्रांस दोनों महत्व रखते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि ये काम तुरंत नहीं होगा. इसके लिए बहुत समय चाहिए. इस दिशा में बैलेंसिंग एक्ट शुरू हो गया है. स्वाभाविक है कि इसको लेकर कुछ द्विपक्षीय समझौता हो.

पाकिस्तान और क्वाड को लेकर रणनीति

पाकिस्तान को लेकर भारत की धरती से जो बाइडेन कुछ बोलेंगे,  इस तरह की कोई उम्मीद नहीं है. दूसरे देश का कोई भी राष्ट्रपति आता है, तो जिस देश में आता है, उस पर ही पूरा फोकस होता है. जी 20 का समिट है, 20 सदस्य होंगे. भारत और अमेरिका का संबंध काफ़ी अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है. मुझे नहीं लगता कि किसी दूसरे देश की बात अमेरिकन राष्ट्रपति या फिर हम लोग भी उठाएंगे.

जी 20 समिट से इतर क्वाड को लेकर भी बात हो सकती है, लेकिन अभी जो स्थिति है, उसमें क्वाड की पोज़ीशन काफ़ी धुंधली सी है. उसमें अभी क्लियरिटी नहीं है. अभी तक भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया, इन 4 देशों का जो एसोसिएशन है, उसको लेकर आगे कैसे बढ़ेंगे, ये अभी तय नहीं हुआ है. इसलिए मुझे नहीं लगता कि क्वाड के बारे में कुछ ख़ास बातचीत होगी. हो सकता है कि कुछ फ्यूचर प्लानिंग हो जाए. विस्तार से चर्चा की संभावना कम है.

बहुध्रुवीय दुनिया में भारत की बड़ी भूमिका

अभी मैं अमेरिकी डेमोक्रेट नेता बर्नी सैंडर्स का एक आर्टिकल पढ़ रहा था. एक चीज़ तो करीब-करीब तय है. दुनिया के लिए अभी जो चिंताएं हैं...क्लाइमेट चेंज और बाकी सारी जो चीजें हैं, उसको लेकर चीन और अमेरिका दोनों को ही बैठना पड़ेगा. अब ये मुमकिन नहीं है कि एक देश पूरा डिसाइड कर ले. यूनिपोलराइजेशन का पीरियड अब नहीं है. एक वक्त था ऐसा, लेकिन अब खत्म हो गया है.

अब बहुध्रुवीय दुनिया का वक्त है. उसमें चीन का सहयोग वैश्विक चिंताओं से जुड़े मुद्दों में लेना ही पड़ेगा. उसमें भी महत्वपूर्ण बात है कि अगर आप दुनिया के बारे में कुछ भी तय करना चाहते हो, तो अमेरिका और चीन को तो बहुत जरूरी रोल है हीं, भारत की भागीदारी भी अब काफी मायने रखता है. भारत पहले भी डेवलपिंग कंट्री की आवाज़ बनता रहा है, अब भी बनेगा. जी 20 समिट में 20 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकारी प्रमुख शामिल होंगे. उस समिट में काफ़ी बातें तय होंगी. उसमें एक चीज़ तकरीबन तय है. वर्तमान में जो स्थिति है, भारत की भागीदारी अब ज्यादा मायने रखेगी. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.] 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से पहले नाना पटोले का बड़ा दावा, 'हरियाणा में जो नुकसान हुआ वो...'
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से पहले नाना पटोले का बड़ा दावा, 'हरियाणा में जो नुकसान हुआ वो...'
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से पहले नाना पटोले का बड़ा दावा, 'हरियाणा में जो नुकसान हुआ वो...'
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से पहले नाना पटोले का बड़ा दावा, 'हरियाणा में जो नुकसान हुआ वो...'
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
हेयर कलर करने से तेजी में सफेद होने लगते हैं बाल, जानें क्या कहतें है एक्सरर्ट?
हेयर कलर करने से तेजी में सफेद होने लगते हैं बाल, जानें क्या कहतें है एक्सरर्ट?
कड़ाके की ठंड की होने वाली है एंट्री! यूपी-हरियाणा में घने कोहरे का अलर्ट तो इन 11 राज्यों में होगी भीषण बारिश
कड़ाके की ठंड की होने वाली है एंट्री! यूपी-हरियाणा में घने कोहरे का अलर्ट तो इन 11 राज्यों में होगी भीषण बारिश
ट्रंप का अमेरिका में मास डिपोर्टेशन का प्लान, लेकिन 1 करोड़ 10 लाख लोगों को निकालना नहीं आसान
ट्रंप का अमेरिका में मास डिपोर्टेशन का प्लान, लेकिन 1 करोड़ 10 लाख लोगों को निकालना नहीं आसान
Embed widget