एक्सप्लोरर

गुजरात: क्या सरकार वाकई नहीं चाहती थी कि 2002 के दंगों को रोका जाये?

गुजरात में चुनाव सिर पर हैं और आखिरी वक्त में इस बाजी को जीतने के लिए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का ऐसा तुरुप का पत्ता फेंक दिया गया है जो हारी हुई बाजी को भी जीत में पलट देने की ताकत रखता है. गोधरा की घटना और उसके बाद भड़की साम्प्रदायिक हिंसा को 20 बरस बीत चुके हैं. लेकिन सवाल उठता है कि अब अचानक उन पुराने जख्मों को ताजा करना क्या जरुरी है?

सियासत के महीन जानकार इसका जवाब "हां " में देते हुए कहते हैं कि राजनीति का न कोई चरित्र होता है और न ही मजलूम लोगों की संवेदना से कोई वास्ता. उसका एकमात्र मकसद होता है कि हर तरीके के द्वंद-फंद करके अपनी तिजोरी को वोटों से भरकर सत्ता पर आखिर कैसे काबिज़ हुआ जाये. 

दस साल पहले हुए गुजरात चुनाव के वक़्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मुद्दे को "Marchent of death" यानी 'मौत का सौदागर' कहते हुए जिस सियासी फायदा लेने के मकसद से उछाला था वो सबके सामने है और तब कांग्रेस को भी चुनावी-नतीजों ने इसका अहसास करा दिया था कि वो स्लोगन कितना बूमरैंग कर गया था. ये जरुरी नहीं कि सियासी जानकारों की इस सोच से सब लोग सहमत ही हो लेकिन देश के गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 के साम्प्रदायिक दंगों को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जो चौंकाने वाला है. उस बयान ने देश की सियासत के साथ ही न्यायपालिका के सामने भी एक सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उन दंगों को न रोक पाना सरकार की एक प्रायोजित रणनीति का हिस्सा था?

गुजरात में चुनावी प्रचार के दौरान अमित शाह ने हालांकि निशाना तो कांग्रेस पर ही साधा लेकिन उनके मुंह से निकली एक बड़ी बात ने ही सियासत को गरमा दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि "गुजरात में पहले असामाजिक तत्व हिंसा में लिप्त होते थे और कांग्रेस उनका समर्थन करती थी लेकिन साल 2002 में 'सबक सिखाने' के बाद अपराधियों ने ऐसी गतिविधियां बंद कर दीं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य में 'स्थायी शांति' कायम की."

उनके इस बयान को लेकर कुछ कानूनी जानकारों से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि राजनीतिक तौर पर आप इसे सही कह सकते हैं. लेकिन कानूनी लिहाज से देखेंगे तो उनका "सबक सिखाने" वाला शब्द बेहद आपत्तिजनक है क्योंकि वे फिलहाल तो देश के गृह मंत्री हैं लेकिन जब वहां दंगे हुए तब भी वे राज्य के गृह मंत्री थे. लिहाजा, इससे लगता है कि उस वक़्त की प्रदेश सरकार ने उन दंगों को रोकने की जानबूझकर कोई कोशिश नहीं की. इसलिये इस बयान के आधार पर आज भी कोई व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में ये चुनौती दे सकता है कि 2002 के दंगों को न रोकना सरकार की तरफ से प्रायोजित था और ये बयान ही उसका सबसे अहम सबूत है.

दरअसल, अमित शाह ने शुक्रवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ये आरोप लगाया कि, ''गुजरात में कांग्रेस के शासनकाल में (1995 से पहले), अक्सर साम्प्रदायिक दंगे होते थे. कांग्रेस विभिन्न समुदायों और जातियों के सदस्यों को एक-दूसरे के खिलाफ उकसाती थी. कांग्रेस ने ऐसे दंगों के जरिए अपने वोट बैंक को मजबूत किया और समाज के एक बड़े वर्ग के साथ अन्याय किया.’’ शाह ने दावा किया कि गुजरात में साल 2002 में दंगे इसलिए हुए क्योंकि अपराधियों को लंबे समय तक कांग्रेस से समर्थन मिलने के कारण हिंसा में शामिल होने की आदत हो गई थी.

राजनीति के लिहाज से बीजेपी के किसी नेता या देश के गृह मंत्री को विपक्ष पर आरोप लगाने का पूरा अधिकार है पर, "सबक सिखाने " वाला उनका ये बयान कानूनी लिहाज से भले ही कितना भी आपत्तिजनक हो लेकिन ये बीजेपी की झोली वोटों से भरने में काफी मददगार साबित हो सकता है. शायद इसीलिए अमित शाह ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत ये कहा कि, " साल 2002 में सबक सिखाए जाने के बाद ऐसे तत्वों ने वह रास्ता (हिंसा का) छोड़ दिया. वे लोग साल 2002 से साल 2022 तक हिंसा से दूर रहे." उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर गुजरात में स्थायी शांति कायम की है.

बता दें कीकि गुजरात में फरवरी, 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में आग लगने  घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, उन दंगों  में 790 मुसलमान और 254 हिंदू मारे गए थे. 223 लोग लापता हो गए और 2500 घायल हुए थे. इसके अलावा सैकड़ों करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुक़सान हुआ था. लेकिन ये भी सच है कि उसके बाद के इन 20 सालों में कभी कोई दंगा नहीं हुआ.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Thu Apr 17, 11:13 am
नई दिल्ली
40.6°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 22%   हवा: WSW 9.2 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

नेशनल हेराल्ड केस: ED के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, अशोक गहलोत बोले- '...धमकी की एक भद्दी कोशिश'
नेशनल हेराल्ड केस: ED के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, अशोक गहलोत बोले- '...धमकी की एक भद्दी कोशिश'
नासिक में अवैध सात पीर दरगाह पर चला बुलडोजर, संजय राउत बोले- 'दंगे कहां करवाएं यह...'
नासिक में अवैध सात पीर दरगाह पर चला बुलडोजर, संजय राउत बोले- 'दंगे कहां करवाएं, ताक में रहती है BJP'
बड़े अच्छे लगते हैं के सेट से वायरल हर्षद चोपड़ा की फोटो, किसी लड़की के साथ आए नजर
बड़े अच्छे लगते हैं के सेट से वायरल हर्षद चोपड़ा की फोटो, किसी लड़की के साथ आए नजर
IPL Points Table: टॉप 4 में शामिल PBKS, KKR की हार का 2 टीमों को हुआ नुकसान; जानिए किसके पास पहुंची ऑरेंज, पर्पल कैप
टॉप 4 में शामिल हुई PBKS, KKR की हार का 2 टीमों को नुकसान; जानिए किसके पास पहुंची ऑरेंज, पर्पल कैप
ABP Premium

वीडियोज

Top Headlines: बड़ी खबरें फटाफट  | Congress | Waqf law protest | Murshidabad | Breaking NewsMaharashtra News: नासिक में दरगाह पर बुलडोजर एक्शन से भारी बवाल, पुलिस पर पथरावआज  ED के खिलाफ प्रदर्शन करेगी कांग्रेसTop Headlines: देश-दुनिया की बड़ी खबरें | Congress | Waqf law protest | Murshidabad | Breaking News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
नेशनल हेराल्ड केस: ED के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, अशोक गहलोत बोले- '...धमकी की एक भद्दी कोशिश'
नेशनल हेराल्ड केस: ED के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, अशोक गहलोत बोले- '...धमकी की एक भद्दी कोशिश'
नासिक में अवैध सात पीर दरगाह पर चला बुलडोजर, संजय राउत बोले- 'दंगे कहां करवाएं यह...'
नासिक में अवैध सात पीर दरगाह पर चला बुलडोजर, संजय राउत बोले- 'दंगे कहां करवाएं, ताक में रहती है BJP'
बड़े अच्छे लगते हैं के सेट से वायरल हर्षद चोपड़ा की फोटो, किसी लड़की के साथ आए नजर
बड़े अच्छे लगते हैं के सेट से वायरल हर्षद चोपड़ा की फोटो, किसी लड़की के साथ आए नजर
IPL Points Table: टॉप 4 में शामिल PBKS, KKR की हार का 2 टीमों को हुआ नुकसान; जानिए किसके पास पहुंची ऑरेंज, पर्पल कैप
टॉप 4 में शामिल हुई PBKS, KKR की हार का 2 टीमों को नुकसान; जानिए किसके पास पहुंची ऑरेंज, पर्पल कैप
क्या है 6-6-6 वॉकिंग रूल? जानिए इसके फायदे और नुकसान
क्या है 6-6-6 वॉकिंग रूल? जानिए इसके फायदे और नुकसान
UPMSP UP Board Result 2025 Live: कब जारी होगा UP Board परीक्षा का रिजल्ट? इस आसान तरीके से कर सकेंगे चेक
कब जारी होगा UP Board परीक्षा का रिजल्ट? इस आसान तरीके से कर सकेंगे चेक
शादी के स्टेज पर जंग का ऐलान! एक दूसरे पर गुस्से में माला फेंकते दिखे दूल्हा दुल्हन, खौफ में यूजर्स
शादी के स्टेज पर जंग का ऐलान! एक दूसरे पर गुस्से में माला फेंकते दिखे दूल्हा दुल्हन, खौफ में यूजर्स
UP Weather: यूपी में फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, 3 दिन आंधी-तूफान के साथ बारिश का अलर्ट
यूपी में फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, 3 दिन आंधी-तूफान के साथ बारिश का अलर्ट
Embed widget