Opinion: इजरायल पर हमास के बड़े हमले की खबर से कैसे चूक गई मोसाद? क्या होगा अटैक का अंजाम?
इजरायल पर हमास ने करीब 5 हजार रॉकेट से शनिवार को बड़ा हमला किया. इसमें सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. हमास के हमले के दूसरे दिन रविवार को इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इसमें अटैक में 30 सैनिक समेत 600 लोग मारे गए. इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने इसे युद्ध करार दिया और जोरदार पलटवार किया. इजरायल के इस एक्शन में जहां 370 लोग मारे गए तो वहीं इजरायली सेना ने 400 हमास लड़ाकों को मारने का दावा किया. इन सबके बीच एक सवाल लगातार ये उठ रहा है कि जिस अभेद सुरक्षा की बात इजरायल कर रहा था, उसमें आखिर कैसे हमास ने सेंधमारी कर दी? दूसरा ये कि जब हमास इतने बड़े हमले की साजिश रच रहा था, उस समय इजरायल की खुफिया एजेंसी कैसे इस खबर से चूक गई?
दरअसल, शनिवार तड़के हमास ने इजरायल के कई शहरों में मिसाइल दागे, बमबारी की. इतना ही नहीं, हमास के कई लड़ाके इजरायल के शहरों में घुस गए और एक भीषण युद्ध की शुरुआत कर दी. कई लोगों का ऐसा कहना है कि हमास ने जो इतना बड़ा आतंकी हमला किया, ये वर्षों से जिस तरह से इजरायल की तरफ से उन्हें उत्पीड़ित किया जा रहा है, इजरायल जिस तरीके से एक कोने में बंद करके रखा हुआ है, जिस तरह से उनके साथ भेदभाव होता है, उसके जवाब में हमास ने बहुत ही तैयारी के साथ ये हमला किया.
कौन कर रहा हमास की मदद?
जहां तक हमास को मदद की बात है तो उसे ईरान की तरफ से अस्त्र-शस्त्र और आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा रही है. इसके साथ ही, तुर्की और कतर भी हमास की कई तरह से मदद कर रहे हैं. हमास की रणनीतिक मदद समेत कई चीजें तुर्की से आ रही हैं. ऐसे में जिस तरह से हमास ने इजरायल के ऊपर हमला किया है, उन बारीकियों को पहले समझें कि अचानक उसने हमले के लिए शनिवार का ही दिन क्यों चुना और इस तरह का हमला क्यों किया?
सामान्य रुप से इजरायल के लोग शनिवार से लेकर रविवार तक कोई काम नहीं करते हैं. वे बहुत ही भक्ति-भाव से सबथ का पालन करते हैं और उसमें वे कोई काम नहीं करते हैं. क्योंकि, बाइबल में लिखा हुआ है कि ईश्वर ने उनके कहा था कि सप्ताह में कई दिनों तक काम करने के बाद ईश्वर ने भी आराम किया था, इसलिए वे लोग भी आराम करते हैं.
शनिवार को ही क्यों किया गया हमला?
हमास ने बहुत ही सुनियोजित रणनीति के तहत पूरी तैयारी करके इजरायल पर शनिवार को इस हमले को अंजाम दिया. शनिवार को दिन इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण दिन इसलिए भी है क्योंकि फिलिस्तीन के ऊपर जदो 50 साल पहले अटैक हुआ था, शनिवार को उस हमले की सालगिरह भी थी. इसलिए, इस दिन को हमास ने काफी सोच समझकर चुना. साथ ही, हमास ने इजरायल पर जो इस तरह के हमले किया, उसकी एक वजह ये भी थी कि उन्हें ये पता था कि न तो इजरायल की सरकार और न ही इजरायल के लोग और न ही इजरायल की सेना तरह के आक्रमण के लिए तैयार हो. हमास ने जिस तरह से पूरे इजरायल पर धावा बोल दिया है, इजरायल निश्चित रुप से इसके लिए तैयार नहीं था.
मोसाद को क्यों नहीं लगी भनक?
हमें ये भी समझना होगा कि ऐसा कहा जाता है कि मोसाद बहुत बड़ी खुफिया एजेंसी है और उन्हें सारी चीजों की खबर होती है. वे सेकेंड के अंदर हर चीज को तहस-नहस कर सकते हैं. हमास ने ये भी दिखा दिया कि मोसाद चाहे जो भी दावा करते हों, लेकिन मोसाद की वो ताकत नहीं है. क्योंकि हमास ने जिस तरह से किया, उसके लिए उसने महीनों से मिसाइल इकट्ठे किए, कई तरह के घातक हथियार इकट्ठे किए, सप्लाई की, लोगों को इसके लिए तैयार किया. किसी भी चीज की भनक न तो इजरायल की सरकार को हुई और न ही मोसाद को हुई.
इन सारी चीजों के बाद इजरायल की सरकार के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया. ये अच्छी बात तो है लेकिन युद्ध में सबसे पहली बात होती है कि पहला हिट कौन करता है तो पहला हिट हमास ने किया. सवाल है कि क्या ये दूसरे युद्ध की शुरुआत है? यूक्रेन में एक वॉर पहले से चल रहा है. अब पश्चिम एशिया में फिर से इजरायल और गाजा पट्टी की लड़ाई दोबारा शुरू हो गई है. साल 2021 में भी हमास के साथ इसी तरह के लड़ाई हुई थी, उसमें हमास से इजरायल को सीजफायर करना पड़ा था.
इसलिए, जितना लोग हमास को कमजोर समझते हैं, उतना कमजोर वो नहीं है. ये उन्होंने बार-बार दिखाया. साल 200-06 में भी फिलिस्तीन के साथ जिस तरह की लड़ाई हुई थी, उसमें भी हमास के लड़ाके थे. इसमें इजरायल को सीजफायर करना पड़ा था. उस युद्ध को बाद इजरायल की सरकार को काफी नुकसान हुआ था.
कब तक चलेगी जंग?
सवाल ये है कि हमास और इजरायल की ये जंग कब तक चलेगी? क्या पूरे दमखम के साथ इजराय अब हमास को खत्म कर देगा या फिर हमास, इजरायल को करेगा. आगे क्या होगा ये तो कहना इस वक्त मुश्किल है लेकिन ये लड़ाई अभी कुछ समय तक चलती रहेगी. हो सकता है कि कुछ समय बाद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ इसमें हस्तक्षेप करे और बातचीत के जरिए कोई रास्ता निकाले. लेकिन, ये हकीकत है कि जो कुछ भी हमास ने किया वो किसी देश ने ऐसा नहीं सोचा था. इजरायल पर हमला अपने आप में अभूतपूर्व है.
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