(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एलन मस्क के आने के बाद ट्विटर पर आखिर इतने क्यों बढ़ गए हैं हेट स्पीच के मामले?
दुनिया के सबसे चर्चित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को जब एलन मस्क ने खरीदा था तो उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बखान करते हुए अपने पहले ही ट्वीट में लिखा, "चिड़िया अब पिंजरे से आज़ाद हो गई है." उनके कहने का मतलब ये था कि लोग अब पूरी बेबाकी के साथ इस प्लेटफॉर्म पर अपने विचारों का इजहार कर सकते हैं. उनके इस ऐलान के बाद से ही ये आशंका जताई जा रही थी कि अब ट्विटर पर नफरत फैलाने वाली सामग्री यानी हेट स्पीच की बाढ़ आ जाएगी. यह आशंका सच साबित हुई और एक ताजा रिपोर्ट में एलन मस्क के इस दावे की पोल खोल दी गई है कि ट्विटर के नया मालिक बनने के बाद हेट स्पीच के मामलों में कोई कमी नहीं आई है.
बता दें कि एलन मस्क ने पिछले महीने ही ये दावा किया था कि उनके बागडोर संभालने के बाद से सोशल मीडिया साइट पर नफरत फैलाने वाले ट्वीट्स में काफी कमी आई है. ट्विटर को खरीदने के बाद एलन मस्क उसे पूरी तरह से बदलने में लगे हैं और वे इसे एक नई शक्ल देना चाहते हैं. कंपनी का नया मालिक होने के नाते ये उनका अधिकार भी है कि वे अपने हिसाब से नई नीतियां बनाएं और उसकी कार्य प्रणाली में अपने मन मुताबिक बदलाव करें. ये उन्होंने कर भी दिखाया.
कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी करने के साथ ही उन्होंने कामकाज के तौर तरीकों के माहौल को भी बदलकर रख डाला. हालांकि उनके इन तमाम कामों की खूब आलोचना भी हुई लेकिन उन्होंने कोई परवाह नहीं की. बल्कि हेट स्पीच में कमी होने का दावा करते हुए उन्होंने लिखा था कि 'हेट स्पीच इंप्रेशन प्री-स्पाइक लेवल से एक तिहाई कम हो गए. ट्विटर टीम को बधाई!' लेकिन उनके इस दावे की अब पोल खुल गई है.
दुनिया में दो संगठन है-सेंटर फॉर काउंटरिंग डिजिटल हेट और एंटी-डिफेमेशन लीग. ये सोशल मीडिया साइट पर नफरत फैलाने वाली सामग्री पर निगाह रखते हैं और फिर अपनी रिपोर्ट जारी करते हैं. इस एजेंसी की ताजा रिपोर्ट में एलन मस्क के दावों की हवा निकालते हुए कहा गया है कि मस्क ने जबसे ट्विटर का अधिग्रहण किया, इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट नाटकीय रूप से बढ़े हैं.
सेंटर फॉर काउंटरिंग डिजिटल हेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मस्क के नेतृत्व में ट्विटर पर हेट स्पीच 2022 के औसत से तीन गुना हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक समलैंगिक पुरुषों और ट्रांस व्यक्तियों के खिलाफ अपशब्दों का उपयोग क्रमशः 58 प्रतिशत और 62 फ़ीसदी तक बढ़ गया है.
वहीं, एंटी-डिफेमेशन लीग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इसका डेटा दिखाता है कि एंटीसेमिटिक सामग्री में वृद्धि हुई है, जबकि एंटीसेमिटिक पोस्ट के मॉडरेशन में कमी आई है. दोनों समूहों ने दुनिया के सबसे प्रभावशाली संचार प्लेटफॉर्मों में से एक, ट्विटर पर जो कुछ भी देखा है, उसके बारे में चिंता व्यक्त की है. एंटी-डिफेमेशन लीग ने बिगड़ते हालात को परेशान करने वाली स्थिति के रूप में दर्ज किया है. खास बात यह है कि ये दोनों रिपोर्ट कान्ये वेस्ट के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड किए जाने के कुछ ही घंटों बाद आई हैं.
हालांकि इससे पहले एलन मस्क की ओर से दावा किया गया था कि हेट स्पीच में कमी आई है. उन्होंने इससे जुड़ा एक ग्राफ भी शेयर किया था. मस्क की ओर से पोस्ट किए गए ग्राफ में साफ देखा जा सकता है कि ट्विटर पर हेट स्पीच से जुड़ी पोस्ट की संख्या 20 अक्टूबर 2022 तक एक करोड़ के पार पहुंच गई थी. ट्विटर की कमान मस्क के हाथ में आने के बाद, इसमें भारी गिरावट आई है. पोस्ट में देखा जा सकता है कि 22 नवंबर 2022 तक हेट स्पीच से जुड़े पोस्ट की संख्या गिरकर 25 लाख के आसपास पहुंच गई थी.
लेकिन उपरोक्त दोनों समूह एलन मस्क द्वारा शेयर किए गए ग्राफ को सही नहीं मानते और उनका दावा है कि शायद उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि ट्विटर की गिरती हुई साख को बचाया जा सके.
वैसे एलन मस्क ने हेट कंटेंट और फेक न्यूज को लेकर जो नई पॉलिसी बनाई है, उसके अनुसार अगर अब किसी ने ट्विटर (Twitter) पर नेगेटिव या भड़काऊ पोस्ट किया तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. हाल ही मस्क ने ट्वीट कर बताया था कि, 'ट्विटर की नई पॉलिसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन पहुंच की स्वतंत्रता नहीं है. नेगेटिव, हेट पोस्ट को अब स्वीकार नहीं किया जाएगा. पोस्ट को डिमोनेटाइज कर दिया जाएगा. ट्विटर पर कोई विज्ञापन या अन्य रेवेन्यू का साधन उपलब्ध नहीं होगा. जब तक आप इसे विशेष रूप से नहीं खोजेंगे, आपको ट्वीट नहीं मिलेगा, जो बाकी इंटरनेट से अलग नहीं है.'
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