एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

अखाड़ों का इतिहास, जिनका विवादों से है पुराना नाता

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के साथ ही एक बार फिर से अखाड़ों के बीच वर्चस्व की जंग खुलकर सामने आ गई है. और ये तब है, जब इसी वर्चस्व की जंग को रोकने के लिए ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई थी. सनातन धर्म. सबसे पुराना धर्म. अति प्राचीन. इसके विस्तार के लिए भारत में चार मठों की स्थापना की गई थी. उत्तर में बद्रीनाथ. दक्षिण में रामेश्वरम. पूर्व में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में द्वारका. इनको स्थापित किया था आदि गुरु शंकराचार्य ने ताकि धर्म की रक्षा की जा सके. इनका दृष्टिकोण पूरी तरह से आध्यात्मिक था.

लेकिन जब 8वीं शताब्दी के आस-पास विदेशी शक्तियों ने भारत पर आक्रमण शुरू किया तो उस वक्त जरूरत महसूस हुई आध्यात्मिकता के साथ शारीरिक ताकत की भी, ताकि विदेशी शक्तियों का मुकाबला किया जा सके. इसके लिए सनातन धर्म की दीक्षा में पारंगत लोगों को हथियार चलाने और शारीरिक तौर पर मजबूत होने की बात की गई. और इसके लिए ही अखाड़ों का गठन किया गया, जिसका श्रेय आदि गुरु शंकराचार्य को ही दिया जाता है.

यूं तो अखाड़े का मतलब ऐसी जगह से है, जहां पहलवानी का शौक रखने वाले लोग बदन पर मिट्टी लपेटकर अपनी ताकत के दांव-पेच आजमाते हैं. लेकिन धर्म की दीक्षा में पारंगत लोगों ने जब अखाड़ों की शुरुआत की, तो उनमें पहलवानी के दांव-पेच से ज्यादा धर्म के दांव-पेच सिखाए जाने लगे. खुद आदि गुरु शंकराचार्य ने कहा कि मठ, मंदिरों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर शक्ति का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और ये शक्ति ऐसे ही अखाड़ों के साधु-संतों से आएगी, जिन्हें शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र का भी ज्ञान हो. और इस तरह से अखाड़ों का जन्म हुआ, जहां धर्म के दांव-पेच आजमाए जाने लगे. हालांकि 1565 में मधुसूदन सरस्वती की पहल पर ही अखाड़ों में ऐसे लोग तैयार किए जाने लगे, जो हथियारों से लैस होने लगे और जो ज़रूरत पड़ने पर मठों-मंदिरों की रक्षा के लिए दूसरों से लड़ने-भिड़ने को तैयार होने लगे.

शंकराचार्य के दौर में महज सात अखाड़े ही थे. लेकिन अभी की बात करें तो पूरे देश में कुल 14 अखाड़े हैं. प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में लगने वाले कुंभ और अर्धकुंभ के आयोजन में इन्हीं अखाड़ों की सबसे बड़ी भूमिका होती है. कुंभ-अर्धकुंभ में शाही स्नान से लेकर धर्म-कर्म के लिए इन अखाड़ों को विशेष सुविधाएं भी मिलती हैं. और इसी वजह से इन अखाड़ों में वर्चस्व को लेकर लड़ाइयां भी होती रहती हैं. इस लड़ाई से बचने के लिए ही साल 1954 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई थी. उसी दौरान अखाड़ों के कुंभ और अर्धकुंभ में स्नान का वक्त और उनकी जिम्मेदारी तय कर दी गई थी, जिसे सभी अखाड़े अब भी मानते हैं.

हिंदू धर्म के ये सभी 14 अखाड़े तीन मतों में बंटे हुए हैं. शैव संन्यासी संप्रदाय, वैष्णव संप्रदाय और उदासीन संप्रदाय. इनमें भी सबसे बड़ा शैव संन्यासी संप्रदाय ही है. ये शिव और उनके अवतारों को मानते हैं. इनमें भी शाक्त, नाथ, दशनामी और नाग जैसे उप संप्रदाय हैं. इनके पास पास कुल सात अखाड़े हैं. प्रयागराज का श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, वाराणसी का श्री पंच अटल अखाड़ा, प्रयागराज का श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, नासिक का श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती, वाराणसी का श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, वाराणसी का ही पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और गुजरात के जूनागढ़ का श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा शैव संन्यासी संप्रदाय के अखाड़े हैं. इसके अलावा 2019 कुंभ से जूना अखाड़े में ही एक और अखाड़े को शामिल किया गया है, जिसका नाम है किन्नर अखाड़ा.

वहीं वैष्णव संप्रदाय के भगवान विष्णु को मानते हैं. इनमें भी बैरागी, दास, रामानंद, वल्लभ, निम्बार्क, माधव, राधावल्लभ, सखी और गौड़ीय उप संप्रदाय हैं. इनके पास तीन अखाड़े हैं. गुजरात के साबरकांठा का श्री दिगंबर अनी अखाड़ा, अयोध्या का श्री निर्वाणी अनी अखाड़ा और मथुरा-वृंदावन का श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा. उदासीन अखाड़ा सिख-साधुओं का संप्रदाय है, जो सनातन धर्म को मानते हैं. इनमें प्रयागराज का श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, हरिद्वार का श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन और हरिद्वार का ही श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा है.

इन सभी अखाड़ों में  महामंडलेश्वर का पद सबसे ऊपर होता है. महामंडलेश्वर ऐसे व्यक्ति को बनाया जाता है, जो साधु चरित्र और शास्त्रीय पांडित्य दोनों के देश-दुनिया में जाना जाता हो. पहले ऐसे लोगों को परमहंस कहा जाता था. 18 वीं शताब्दी में उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई. महामंडलेश्वर की पदवी धारण करने वाले जितने भी लोग होते हैं, उनमें जो सबसे ज्यादा ज्ञानी होता है, उसे आचार्य महामंडलेश्वर कहते हैं. हालांकि कुछ अखाड़ों में महामंडलेश्वर नहीं होते हैं. उनमें आचार्य का पद ही प्रमुख होता है. लेकिन बात अगर सभी अखाड़ों के प्रमुख की करें तो वो होता है अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद. इस अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष की एक तरह से सभी अखाड़ों और उनके प्रमुखों के ऊपर होता है.

अभी जिन महंत नरेंद्र गिरि की मौत हुई है और जिनकी मौत की गुत्थी को सुलझाने में उत्तर प्रदेश की पुलिस लगी हुई है, वो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे. यानी कि महंत नरेंद्र गिरि सभी अखाड़ों के प्रमुखों से भी ऊपर थे. और यही वजह है कि उनकी मौत की गुत्थी सुलझाना यूपी पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द है, क्योंकि मौत किसी आम आदमी की नहीं, हिंदू धर्म के नीति-नियंता माने जाने वाले अखाड़ों के प्रमुख की हुई है. हालांकि अखिल नरेंद्र गिरि के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनना भी विवादों में रहा है और ये मामला हाई कोर्ट तक पहुंच चुका था.

दरअसल 1954 में जब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद बना था तो उस वक्त तय किया गया था कि हर अर्धकुंभ से पहले अखाड़े के अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. साल 2004 तक ये परंपरा चलती रही. 2004 में चुनाव हुए तो महंत ज्ञान दास को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया, जो अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत थे. लेकिन उसके बाद चुनाव ही नहीं हुआ. 2010 में फिर से चुनाव हुआ. लेकिन तब 13 में से सिर्फ सात अखाड़ों ने ही चुनाव में हिस्सा लिया. जूना, आह्वान, अग्नि, दिगंबर , निर्वाणी और निर्मोही ने इस चुनाव का बहिष्कार कर दिया था. उस साल निर्मल अखाड़ा के महंत बलवंत सिंह को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था, जबकि आनंद अखाड़ा के शंकरानंद सरस्वती महामंत्री चुने गए.

महंत ज्ञानदास ने अखाड़े के चुनाव को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. 2013 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव पर स्टे लगा दिया. 2014 में चुनाव हुए तो महंत नरेंद्र गिरि को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया. इसको लेकर भी महंत ज्ञान दास हाई कोर्ट पहुंच गए. लेकिन अखाड़ों ने महंत नरेंद्र गिरि को ही अपना अध्यक्ष माना. सिंहस्थ कुंभ 2016 में भी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर महंत नरेंद्र गिरि को ही मंजूरी मिली थी. इसके बाद के भी अर्ध कुंभ और कुंभ में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर महंत नरेंद्र गिरि को ही मंजूरी मिली थी. 2015 में महंत नरेंद्र गिरि तब विवादों में आए थे, जब में नोएडा के एक शराब कारोबारी सचिन दत्ता को निरंजनी अखाड़े का 32वां महामंडलेश्वर घोषित कर दिया गया था. उस वक्त नाम रखा गया सच्चिदानंद गिरि. जब सचिन के कारनामे का खुलासा हुआ, तो महामंडलेश्वर का पद छीन लिया गया था. उस वक्त निरंजनी अखाड़े के सर्वे सर्वा महंत नरेंद्र गिरि ही हुआ करते थे.

अब जब महंत नरेंद्र गिरि की मौत हो गई है, तो एक बार फिर से अखाड़ों का विवाद खुलकर सामने आ गया है. लाखों-करोड़ों की संपत्ति, बेहिसाब दौलत और उसको लेकर वर्चस्व की जंग अखाड़ों में पुरानी है, जो अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की मौत के साथ ही पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
UP By-Election Results 2024 Live: यूपी उपचुनाव रिजल्ट के लिए थोड़ी देर में शुरू होगी मतगणना, मिशन-27 की रणनीति पर फोकस
Live: यूपी उपचुनाव रिजल्ट के लिए थोड़ी देर में शुरू होगी मतगणना, मिशन-27 की रणनीति पर फोकस
Zomato In Sensex: जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
IND vs AUS 1st Test 2nd Day Live: दूसरे दिन का खेल शुरू, कप्तान बुमराह ने हर्षित राणा को थमाई गेंद
दूसरे दिन का खेल शुरू, कप्तान बुमराह ने हर्षित राणा को थमाई गेंद
ABP Premium

वीडियोज

Assembly Election Result : महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव के सबसे तेज नतीजे सिर्फ Abp News पर | CongressMaharshtra Assembly Election Result : सुबह 8 बजे से विधानसभा चुनाव के नतीजों की गिनती होगी शुरूMaharshtra Assembly Election Result : विधानसभा चुनाव के नतीजों के पहले रुझान में 1 घंटे का समयMaharashtra Assembly Election Result : विधानसभा चुनावों का नतीजे से पहले Abhay Dubey का विश्लेषण

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
UP By-Election Results 2024 Live: यूपी उपचुनाव रिजल्ट के लिए थोड़ी देर में शुरू होगी मतगणना, मिशन-27 की रणनीति पर फोकस
Live: यूपी उपचुनाव रिजल्ट के लिए थोड़ी देर में शुरू होगी मतगणना, मिशन-27 की रणनीति पर फोकस
Zomato In Sensex: जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
IND vs AUS 1st Test 2nd Day Live: दूसरे दिन का खेल शुरू, कप्तान बुमराह ने हर्षित राणा को थमाई गेंद
दूसरे दिन का खेल शुरू, कप्तान बुमराह ने हर्षित राणा को थमाई गेंद
छत्तीसगढ़ के मंत्री रामविचार नेताम सड़क हादसे में घायल, कार पिकअप से टकराई, हालत गंभीर
छत्तीसगढ़ के मंत्री रामविचार नेताम सड़क हादसे में घायल, कार पिकअप से टकराई, हालत गंभीर
Study Abroad: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मिल रहा फ्री कोर्स का मौका, ये कोर्स हैं शामिल
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मिल रहा फ्री कोर्स का मौका, ये कोर्स हैं शामिल
ठंड शुरू होते ही ड्राई और डल स्किन से हैं परेशान तो करें ये आसान सा उपाय, सॉफ्ट और ग्लोइंग बनेगी त्वचा
अब ड्राई और डल स्किन से मिलेगा छुटकारा, सर्दियों में अपनाएं ये उपाय
दिल्ली मेट्रो में जा रहे हैं पहली बार, नहीं पता कहां से पकड़नी है कौन सी मेट्रो, तो यह ऐप आएगी काम
दिल्ली मेट्रो में जा रहे हैं पहली बार, नहीं पता कहां से पकड़नी है कौन सी मेट्रो, तो यह ऐप आएगी काम
Embed widget