एक्सप्लोरर

Blog: जब भारत माता की जय कहने के बावजूद बदल जाती है पहचान!

बिहार विधानसभा चुनाव-2015 के कैंपेन में नीतीश कुमार हर रैली में एक नारा लगाते- बिहारी (वो खुद) या बाहरी (नरेंद्र मोदी). इस नारे के सहारे वे राज्य की जनता से इस बात की हामी भरवाते कि वो बिहारी को ही चुनेगी ना कि देश के प्रधानमंत्री को, जो विधानसभा चुनावों में नीतीश के हिसाब से बिहार के लिए बाहरी हो गए. सितम तो ये है कि ये वही बाहरी मोदी हैं जिन्होंने 2014 के आम चुनावों में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 34 सीटें पर जीत की पताका लहराई थी. इस भारतीय पहचान का समय और भूगोल के साथ भीतरी या बाहर हो जाना क्या खूब दिलफरेब है. उसी बिहार चुनाव के कैंपेन में मोदी ने मुसलमानों को ये कह कर बाहरी होने का अहसास दिलाया कि लालू-नीतीश दलित-पिछड़ों के आरक्षण से 5 फिसदी कोटा निकालकर दूसरे धर्म वालों को दे देना चाहते हैं. ये दूसरे धर्म वाले उसी मुल्क के वासी हैं जिस देश के ‘बाहरी मोदी’ अब पीएम हैं. यूपी में जारी विधानसभा चुनाव के कैंपेन में सपा-कांग्रेस ने ‘अपने लड़के बनाम बाहरी मोदी’ का राग छेड़ा है. साल 2014 में यहां भी मोदी का जलवा चला था और उनके नृत्व में एनडीए ने लोकसभा की 80 में से 73 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. अब बिहार की तरह यहां भी विधानसभा चुनाव आते-आते देश के पीएम बाहरी हो गए. आखिर भीतरी कौन है? इसे सितम न कहा जाए तो और क्या कि देश का वही पीएम दो बड़े राज्यों के विधानसभा चुनावों में बाहरी हो जाता है और एक राज्य में खुद एक धर्म विशेष के लोगों को बाहरी बना देता है, तब सवाल उठता है कि आखिर भीतरी कौन है? बाहरी कैंपेन के अकेले विक्टिम पीएम मोदी नहीं हैं. पंजाब विधानसभा के कैंपेन में NDA-UPA दोनों ने केजरीवाल को हरियाणा का बताकर उन्हें और उनकी पार्टी को खारिज करने की कोशिश की. पंजाब का हिस्सा रहे हरियाणा को लेकर दोनों राज्य के लोगों के बीच कई तरह का चरस बोया जाता रहा है जिनमें अलग राज्य की पहचान के अलावा पंजाब-हरियाणा पानी बंटवारा जैसे कई पहचान और ज़रूरत के मुद्दे शामिल हैं. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली में केंद्र सरकार की गद्दी संभाल रहे पीएम मोदी बिहार-यूपी में बाहरी हो जाते हैं तो वहीं दिल्ली के सीएम केजरीवाल पंजाब के लिए बाहरी हो जाते हैं. ये खेल पुराना है बिहार और उत्तर प्रदेश खुद इस पहचान वाली बाहरी पॉलिटिक्स का शिकार रहा है. शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के भतीजे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे की राजनीति का ये एक अहम हिस्सा रहा है. उन्होंने नॉर्थ इंडिया, खास तौर पर बिहार-यूपी के लोगों को बाहरी बातकर अपनी राजनीति चमकाई. उनकी इसी राजनीति में मुंबई जैसे कॉस्मोपॉलिटन सिटी के ऊपर इन राज्यों के लोगों के पर 2008 में हमले हुए, जो मुंबई के माथे पर एक बड़ा धब्बा है. बड़ी बात ये है कि इस घटना पर कभी कोई व्यापक बहस नहीं हुई. वैसे उनके चाचा बाल ठाकरे की राजनीति में भी बाहरी पहचान की एक अहम भूमिका रही है. 1988 के दौर में बाल ठाकरे ने दक्षिण भारतीयों पर मुंबई की हर समस्या का आरोप लगाते हुए मराठी कार्ड खेला था और उठाओ लुंगी, बजाओ पुंगी जैसे नारे उछाले गए थे. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के बाद जो हिंदू-मस्लिम दंगे हुए उनमें भी पहचान की राजनीति का नेतृत्व ठाकरे की पार्टी ने ही किया था जिससे दंगे की आग को खूब हवा मिली. पहचान का खेल सिर्फ यहीं तक नहीं है पहचान की राजनीति और पहचान की नफरत में सिर्फ नेता या पार्टियों के बीच विपक्षी या विरोधी को बाहरी बताने की होड़ नहीं है. आप भले ही राष्ट्रगान के समय आप देशभक्ति में ओत-प्रोत हो जाते हों या सच्चे दिल से भारत माता की जय चिल्लाते हों लेकिन आपको हमेशा ये डर रहता है कि कब आपकी पहचान समय और भूगोल के साथ भारत में भारतीय होने की पहचान से वंचित कर देगी. नॉर्थ ईस्ट के सात राज्यों के लोग जब देश की राजधानी या देश के अन्य हिस्सों में जाते हैं तब उन्हें चिंकी, नेपाली और चीनी कहकर उनका मज़ाक उड़ाया जाता है. वहीं पूरा साउथ इंडिया बाकी के भारत के लिए मद्रास है. अगर आप बिहार या उसके पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश या बिहार से अलग हुए हिस्से झारखंड से हैं तो बाकी के भारत के लिए बिहारी हैं जो एक ऐसा विशेषण है जैसे कोई गाली हो. गुजारत में इन राज्य के लोगों को भईया-भाई और महाराष्ट्र में भईया बुलाते हैं. महाराष्ट्र में तो भईया शब्द अपने आप में एक गाली है. 1960 तक महाराष्ट्र का हिस्स रहे गुजरात के लोगों को लेकर महाराष्ट्र के लोगों का नेचर बहुत वेलकमिंग नहीं है तो वहीं देश की राजधानी दिल्ली में कभी जाट-गुज्जर तो कभी सरदारों को लेकर इसी तरह का रवैया अपनया जाता है. इनसे तो बिहार-यूपी के वो लोग भी डिस्क्रिमिनेट करते हैं जो बाकी के भारत में कतई डिस्क्रिमिनेटेड हैं. कश्मीर, मुसलमान और दलित कश्मीर के लोगों के साथ पूरे भारत में आतंकियों जैसा सलूक होता है. देश के मुसलमानों को ज़्यादातर गैर-मुसलमान इलाकों में मकान नहीं मिलते. इन्हीं पहचानों में सबसे ज़्यादा भेदभाव झेलने वाली दलित, आदिवासियों और महिलाओं की पहचानें भी शामिल है. बड़ी बात ये है कि ये सारी पहचानें उसी समय और भूगोल के आधार पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी और राजनीति करती नज़र आती हैं. इन हज़ारों पहचानों में भारत कहीं धुंधला सा हो जाता है. इसलिए कनाडा के सिटिजन अक्षय कुमार भारतीय जवानों के नाम पर देशभक्ति जगाकर राष्ट्र निमार्ण के लिए कजारिया टाइल्स बेचते हैं लेकिन बाकी पहचानों में बहुत मशरूफ लोग इस बात पर गौर भी नहीं कर पाते.
और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
विनोद खन्ना ने बनाया था हिरोइन, सलमान खान संग दी  हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
सलमान खान संग दी हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
ABP Premium

वीडियोज

क्यों लेगी Central Government दूसरी छमाही में  ₹6.61 लाख करोड़ का उधार?Tax Rule Changes:Income Tax, STT, TDS Rates, आधार कार्ड को लेकर 1 अक्टूबर 2024 से बदल जाएंगे ये नियमबिना Bank Account के भी निकालें पैसे! NCMC कार्ड की पूरी जानकारी |UP Politics : यूपी टू बिहार...बैंड बाजा नाम विवाद | 24 Ghante 24 Reporter

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
विनोद खन्ना ने बनाया था हिरोइन, सलमान खान संग दी  हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
सलमान खान संग दी हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
IPL 2025: रिटेंशन अनाउंसमेंट पर बड़ा अपडेट, बेंगलुरु में मीटिंग के बाद आज हो सकती है घोषणा
IPL रिटेंशन अनाउंसमेंट पर अपडेट, बेंगलुरु में मीटिंग के बाद होगी घोषणा
Bhagat Singh Jayanti 2024: खून से सनी मिट्टी को घर पर क्यों रखते थे भगत सिंह? जो बन गई अंग्रेजों का काल
खून से सनी मिट्टी को घर पर क्यों रखते थे भगत सिंह? जो बन गई अंग्रेजों का काल
नॉर्थ-ईस्ट में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विरोध! प्रदर्शन करने वाले बोले- बीफ हमारे खाने का हिस्सा
नॉर्थ-ईस्ट में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विरोध! प्रदर्शन करने वाले बोले- बीफ हमारे खाने का हिस्सा
चाय के साथ सुट्टा खूब पीते हैं लोग, जान लीजिए कितना खतरनाक है ये कॉम्बिनेशन
चाय के साथ सुट्टा खूब पीते हैं लोग, जान लीजिए कितना खतरनाक है ये कॉम्बिनेशन
Embed widget