एक्सप्लोरर

राहुल को बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन में कैसे बीते 4 दिन?

जब भी कोई पास जाता और कहता आप ही हैं राहुल की मां. हाथ जोड़कर आंखों में आंसू लिए मां केवल सिर हिलाते हुए हां का इशारा करती थी. लोग समझ जाते थे राहुल की मां से बात हो रही है. राहुल की दादी से जब पूछो तो हाथ जोड़कर बस एक ही बात कहती राहुल को बचा लो भइया और उसके बाद आंसू और दादी की भावनाओं के आगे दादी के शब्द बेबस हो जाते थे. राहुल का सगा छोटा भाई ऋषभ गड्ढे के ऊपर बैठे NDRF की टीम के साथ बैठकर माइक थामकर जब कहता था आजा राहुल फिर साथ खेलेंगे. पकड़ ले राहुल उस रस्सी को जिससे तुझे ऊपर आना है. मान जा राहुल. तब कलेजा फट जाता था. बुआ कहती थी बेटा राहुल नई साइकिल लाई हूं. उसको चलाना है न तुझे. बाहर आ जा बेटा.

और इन सबसे से ज्यादा NDRF के वो लोग जिन्होंने राहुल को अपना बच्चा मान लिया था उनकी लगातार राहुल को उठाने की आवाज ने हम सभी पत्रकारों को इस ऑपरेशन का हिस्सा बना दिया था. आज लिख इसलिए रहा हूं क्योंकि इस दर्द को बोलकर आपको नहीं बता सकता क्योंकि टीवी में लाइव देने के दौरान कई बार रोया. बहुत कोशिश की फिर भी खुद को नहीं रोक पाया. ऑपरेशन में हो रही देरी पर सिस्टम को कोसा. फिर खुद को समझाता था जो बेहतर प्रयास हो सकता है वो तो हो ही रहा है. उसके बाद भी मेरे जैसे दर्जनों पत्रकार चिंतित थे, परेशान थे. दरअसल राहुल की जिंदगी बचाने की मुहिम में वहां मौजूद सभी पत्रकार बस एक ही बात का इंतजार कर रहे थे की कब ये खबर आए की राहुल बाहर आ गया है और हम ये खबर देश को बताएं की राहुल सुरक्षित है. आप सभी की दुआओं का असर हो गया है.

राहुल को बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन में कैसे बीते 4 दिन?

ऑपरेशन से जुड़ी बात आगे बताऊंगा. पहले पत्रकारों से जुड़ी बातें जान लीजिए. 11 तारीख को दिन में करीब 2 बजे दफ्तर ने आदेश दिया की जिस जगह राहुल बोरवेल में गिरा है वहां जाना है. ग्राउंड रिपोर्ट चाहिए. जब तक बच्चा न निकले वहीं रहना है. मैंने कैमरापर्सन दुर्गेश साहू और रायपुर में मेरे सहयोगी रवि मिरी को फोन पर जांजगीर जाने की बात बताई. बहुत शॉर्ट नोटिस में ये दोनों साथी मेरे घर आए और हम लोग जांजगीर के पिहरीद के लिए रवाना हो गए. करीब शाम 6:30 बजे हम उस जगह पहुंच चुके थे जहां राहुल को बचाने का काम किया जा रहा था. जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल और एडिशनल कलेक्टर राहुल देव से जानकारी लेने पर ये बात पता लगी की राहुल को बचाने का काम बहुत तेजी से चल रहा है. लेकिन ये रास्ता आसान नहीं है. इस ऑपरेशन में वक्त लग सकता है. इस दौरान गड्ढे में डाले कैमरे के सहारे हम लोग ये देख पा रहे थे की राहुल की हालत कैसी है. राहुल केला खा रहा था. जूस पी रहा था. उसकी हलचल दिखाई दे रही थी. बचाव का काम जारी था और देखते ही देखते रात हो गई.

रात को ठहरने के लिए पिहरीद गांव में कोई होटल नहीं था. लेकिन रुकना उसी गांव में था और गड्ढे के आसपास था क्योंकि किसी भी वक्त कोई भी बड़ी खबर वहां से आ सकती थी. ऐसे में जुगाड़ का रास्ता क्या हो सकता है. इस दिशा में हम लोगों ने हाथ पैर मारना शुरू किया. राहुल के घर के सामने एक नया मकान बन रहा था. जिसकी छत में हमारे सोने का जुगाड़ हो गया. यहां से 2 मिनट की दूरी पर हम उस जगह पहुंच सकते थे जहां राहुल को बचाने का ऑपरेशन चल रहा था. घर मालिक से बात हुई और उन्होंने बिना चादर कम्मल वाली खटिया की व्यवस्था कर दी. बहुत मिन्नत करने के बाद 3 चादर भी मिल गई. रात आराम से कट गई. 

राहुल को बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन में कैसे बीते 4 दिन?

सुबह होते ही मैंने अपने सहयोगी रवि से कहा भाई फ्रेश होना है क्या करें? रवि ने कहा चलिए नदी चलते हैं. मैंने भी हां कह दी और नदी के लिए रवाना हो गए. खुले में शौच का अपराध करते हुए नदी में हल्का हुए मगर पानी की पहुंच दूर थी. पानी तक पहुंचने की कोशिश में मैं खुद नदी में गिर गया. कीचड़ से सन गया. चप्पल टूट गई. लेकिन अंतिम में सफल हो गया. उसी समय ये तय हुआ की अब नदी नहीं आएंगे. किसी घर चले जाएंगे. विनती कर लेंगे. कोई न कोई तो घुसने देगा. जहां रात में सोए थे उसके ठीक बगल में एक घर में पंप चल रहा था. सोचे यहीं नहा लेते हैं. वहीं गए. नहाया और काम के लिए निकल गए. चूंकि राहुल के घर के आसपास सभी घरों के पंप को प्रशासन ने चालू करवा दिया था. इसलिए पानी की कमी नहीं थी. दूसरे दिन एक भाई मिल गया. उसने कहा मैं आपको पहचानता हूं. अगर आपको इस गांव में कोई मदद चाहिए होगी तो मुझे बताइएगा. मैंने कहा काम तो कुछ नहीं है. खाना खिला दो भाई. भाई बहुत प्यार से अपने घर ले गया. खाना खिलाया. दूसरे दिन मैंने फिर कहा भाई खाना खिला दो. भाई बोला. पत्नी का पेपर है पर आ जाइए. इसके बाद फोन लगाने की गुंजाइश खत्म हो चुकी थी.

इसी तरह इस इंतजार में दिन बीत रहा था की राहुल कब बाहर आएगा और हम लोगों की वापसी रायपुर के लिए होगी. तीसरे दिन दुर्गेश, रवि और हर्षित के अलावा दर्जनों पत्रकारों ने गड्ढे के पास सोकर रात बिताई और रात भर हम लोग अलर्ट रहे. चूंकि चौथे दिन ऐसा लग रहा था आज रात तक राहुल को निकाल लिया जाएगा. इसलिए हम लोगों ने खटिया को ही गड्ढे के पास शिफ्ट कर दिया था. इस दौरान मेरे मित्र ANI के तन्मय और मनोज भी उस गांव पहुंच गए थे. टीम बढ़ गई थी. सभी अपनी-अपनी व्यवस्था में लग गए थे. दिन की धूप और गर्मी से बचने के लिए कभी पेड़ के नीचे खटिया में तो कभी गाड़ी के अंदर का सहारा लेकर खुद को सुरक्षित रखने का प्रयास जारी था. बस एक दिन की ही बात थी. उस दिन भी हम सब उसी घर में नहाने और फ्रेश होने पहुंच गए. जहां पिछले 3 दिन से जा रहे थे. उस दिन दीदी ने कहा आज हमारे शौचालय में आप लोग फ्रेश मत होना क्योंकि हमारी टंकी भर गई है. सुबह का वक्त था. कई साथी विचलित हो रहे थे. मैं अंदर गया और दीदी को समझाया आपने इतने दिन तक सहयोग किया है आज भर और इस्तेमाल करने दो दीदी. दीदी मान गई. तैयार होने के बाद हम लोगों की नजर दीदी के रसोई में बन रहे नाश्ते पर पड़ गई. बहुत बेशर्मी से मैंने कहा दीदी नाश्ता मुझे भी मिल सकता है क्या? दीदी बोलीं रात की सब्जी है. चलेगा. मैंने कहा सब चलेगा. आप ले आइए बस. मैंने नाश्ता मांगा ही था कि 4-5 पत्रकार साथी और टूट पड़े. दीदी ने बड़े प्रेम से हमें खाना खिलाया और अंतिम दिन रहने खाने और तैयार होने की व्यवस्था भी बन गई.


राहुल को बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन में कैसे बीते 4 दिन?

अब इंतजार था राहुल के बाहर निकलने की. सुबह से ऐसा लग रहा था कि राहुल कभी भी बाहर निकल सकता है लेकिन चट्टानों ने राहुल तक पहुंचने का रास्ता लंबा कर दिया था. उसके बाद भी बचाव कार्य में लगे साथियों ने हिम्मत नहीं हारी. लगातार लगे रहे. रात करीब 11 बजे राहुल को जैसे ही गड्ढे से निकाला गया. चारों तरफ खुशी की लहर दिखाई दे रही थी. नारे गूंज रहे थे. लोग हाथ जोड़कर भगवान को प्रणाम कर रहे थे. NDRF, जिला प्रशासन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में नारे लगा रहे थे. ऐसा लग रहा था राहुल हर किसी का बेटा है. राहुल इस ऑपरेशन के दौरान लोगों के मन में अपने लिए इतनी जगह बना चुका था की राहुल के बाहर निकलने की खुशी में लोग रो रहे थे. जिले के कलेक्टर रो रहे थे. NDRF के कमांडर रो रहे थे. रिपोर्टिंग के दौरान कई पत्रकार रो रहे थे. खुशी के इन आंसुओं से पूरा वातावरण रो रहा था. जिसकी आवाज वहां खड़े हर एक इंसान को सुनाई दे रही थी. राहुल निकल चुका था और बिलासपुर के अपोलो अस्पताल के लिए रवाना हो गया था. राहुल को जब बाहर निकाला गया तो 5 दिन से गड्ढे में पानी के बीच रहने वाला राहुल, बेसुध पड़े राहुल ने लोगों को ऐसी बड़ी आंखों से देखा मानो वो सभी को कह रहा हो. चिंता मत करो आप लोगों की मेहनत और दुआओं ने मुझे जिंदा बचा लिया है.

इस पूरे ऑपरेशन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री सचिवालय की टीम, जिला प्रशासन की टीम, SDRF, ARMY, NTPC , SECL, भिलाई स्टील प्लांट, बाल्को, पुलिस प्रशासन, पत्रकार मित्र, इसके अलावा वहां मौजूद ऐसे सैकड़ों लोग जिनका किसी से कोई लेना-देना नहीं था वो भी मदद के लिए तैयार खड़े इंसान के रूप में भगवान और सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाली NDRF की टीम को साधुवाद. आप लोगों के प्रयास और राहुल की जीवटता ने राहुल को दूसरा जन्म दिया है. राहुल की मां को उसका लाल, दादी को उसका नाती और छोटे भाई को उसका साथी लौटाया है. अंत में बस इतना ही कहूंगा न सुनने और बोलने वाले राहुल ने हम सब को कैसे बिना कुछ कहे अपना बना लिया था. ये अब तक नहीं समझ सका हूं.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

BJP President: योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन के ऐलान से पहले BJP ने कब-कब अपने फैसलों से चौंकाया?
योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन से पहले BJP ने कब-कब चौंकाया?
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
Sydney Shooting: 'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
Year Ender: सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
ABP Premium

वीडियोज

Bihar News: बिहार के नवादा में पुलिस को चकमा देकर कैदी फरार | ABP News
सिडनी में 'पहलगाम'? आतंकियों ने चुन-चुन कर मारा!
Janhit: PM मोदी ने फिर चौंकाया! | National Executive President | Nitin Nabin | BJP | PM Modi
UP Politics: यूपी BJP को मिला नया प्रदेश अध्यक्ष...27 का शुरू अभियान | CM Yogi
Sandeep Chaudhary: BJP के कार्यकारी अध्यक्ष बने  नितिन नबीन, विपक्ष में हलचल | Nitin Nabin |PM Modi

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
BJP President: योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन के ऐलान से पहले BJP ने कब-कब अपने फैसलों से चौंकाया?
योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन से पहले BJP ने कब-कब चौंकाया?
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
Sydney Shooting: 'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
Year Ender: सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
Sunday Box Office Collection: 'धुरंधर' के तूफान में डटी हैं 'अखंडा 2' समेत ये 3 बड़ी फिल्में, देखें संडे किसने कितना कमाया
'धुरंधर' के तूफान में डटी हैं 'अखंडा 2' समेत ये 3 बड़ी फिल्में, देखें संडे कलेक्शन
New BJP President: अटल बिहारी वाजपेयी से जेपी नड्डा तक... BJP की स्थापना के बाद पैदा होने वाले पहले अध्यक्ष होंगे नितिन नबीन
अटल बिहारी वाजपेयी से जेपी नड्डा तक... BJP की स्थापना के बाद पैदा होने वाले पहले अध्यक्ष होंगे नितिन नबीन
Black Box Warning: कोविड वैक्सीन पर जल्द लगेगी ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग? समझें कितना बड़ा खतरा माना जाता है ये संकेत
कोविड वैक्सीन पर जल्द लगेगी ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग? समझें कितना बड़ा खतरा माना जाता है ये संकेत
NCERT ने साल 2025 में सिलेबस में किए ये बड़े बदलाव, आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी
NCERT ने साल 2025 में सिलेबस में किए ये बड़े बदलाव, आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी
Embed widget