ह्यूस्टन शहर में हाउडी मोदी...विश्वभर के लिये बड़ा संदेश
अमेरिकी शहर ह्युस्टन में मोदी-ट्रंप की जुगलबंदी दुनिया ने देखी। इस मंच से दुनिया को बड़ा संदेश मिला। विश्व के सबसे ताकतवर मुल्क के साथ हिंदुस्तान की अहमियत क्या है...इस अब बताने की जरूरत नहीं
हिंदुस्तान के साथ ही दुनिया के इतिहास की बड़ी तारीख के रूप में 22 सितंबर 2019 दर्ज हो गई...इस तस्वीर को ऐतिहासिक बनाया हाउडी मोदी के मौके ने...जब दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया भारत के प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक साथ नजर आए...जाहिर है ऐसी तस्वीर दुनिया की सियासत के लिए बड़े संकेत लेकर आई है।
और इसी मंच पर जब दोनों देशों के मुखिया ने आतंकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ने की वकालत की...तो केंद्र में एक मुल्क की तस्वीर अपने आप साफ हो गई....ये कहने की जरूरत किसी को नहीं पड़ी कि वो मुल्क कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान है...और अब यूएन में भी एक बार फिर आतंक की सरजमीं पाकिस्तान का हिसाब होना है...पीएम मोदी खुद इस बार पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का नकाब उतारेंगे और यूएन में वो खूंखार आतंकियों की सूची सौंप सकते हैं...जो पाकिस्तान की मदद से हिंदुस्तान में सक्रिय हैं...ये पहला मौका होगा जब कोई हिंदुस्तानी पीएम खुद सबूत देगा पाकिस्तानी करतूतों का...हिंदुस्तान के खिलाफ प्रोपैगैंडा फैलाने वाले पाकिस्तान का जवाब भारत अपने ही अंदाज में देगा...क्योंकि कश्मीर के मुद्दे पर जिस तरह से दुनिया में हिंदुस्तान के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश पाकिस्तान की हुकूमत ने की और मुंह की खाई...उसने उसी के अपने मुल्क में विद्रोह की चिंगारी जला दी...और इसी की आंच में पीओके झुलस रहा है...वहीं भारत ने भी साफ कर दिया है कि कश्मीर तो अपना है ही अब पीओके भी अपना होगा...जाहिर है भारत का ये प्रहार पाकिस्तान के लिए झेल पाना आसान नहीं होगा...ऐसे में सिवाय इसके कि इमरान अपने आतंकी अड्डों को कबूल करें उनके पास दूसरा रास्ता नहीं होगा।
आतंकवाद का जख्म हिंदुस्तान जहां लंबे अरसे से झेल रहा है...तो वहीं अमेरिका भी कई बड़े जख्मों के निशान ढोने को मजबूर है....यही वजह है कि अमेरिका का रूख इस मसले पर साफ है..और भारत के साथ है...खुद ट्रंप इसके लिए ह्यूस्टन में करते नजर आए।
रविवार को अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में रंगारंग माहौल को देख कर यकीन हो चला था कि हिंदुस्तान के पीएम यहां नई इबारत लिखने वाले हैं। हाउडी मोदी के इस भव्य कार्यक्रम में...जब पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एक साथ हाजिर हुए...और पीएम ने अमेरिका के साथ ही ट्रंप से अपने बेहतर रिश्तों का हवाला दिया तो यकीन था कि ट्रंप हिंदुस्तान के साथ अपने बेहतरीन रिश्तों का एक नया पन्ना खोलेंगे। ऐसा हुआ भी...ट्रंप ने न केवल हिंदुस्तान को अपना बेहतरीन दोस्त बताया...बल्कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में साथ देने का भरोसा भी दिलाया...जाहिर है आतंक के खिलाफ भारत की कूटनीतिक जीत का ये अहम पड़ाव कई बार आया है फिर आएगा...एबीपी नेटवर्क के हाथ लगी एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक अब खुद पीएम मोदी...UN के मंच पर उन सबूतों के साथ खड़े होंगे...जिसमें भाड़े के टटुओं की पूरी लिस्ट है...इस लिस्ट में संगठन और उससे जुड़े स्थानीय और सरहद पार के आतंकियों का ब्यौरा है...जो घाटी के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय हैं।
हिजबुल मुजाहिदीन के 100 आतंकी घाटी में सक्रिय हैं। इसमें उत्तरी कश्मीर के इलाके में सक्रिय 18 आतंकियों में से हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 15 स्थानीय आतंकी हैं तो 3 बाहर के हैं...लश्कर ए तैयबा के 10 स्थानीय आतंकी तो बाहरी आतंकियों की संख्या 48 है...बात दूसरे खूंखार संगठन जैश ए कश्मीर की बात करें तो उसके दो लोकल आतंकी डेरा जमाए हुए हैं जबकि सरहद पार के आतंकियों की संख्या 17 है अल बदर का जहां एक लोकल आतंकी सक्रिय है जबकि तहरीक उल मुजाहिद्दीन जैसे संगठन निष्क्रिय हो चुके हैं।
सेंटर कश्मीर की बात करें तो हिज्बुल मुजाहिदी के असर से 6 लोकल आतंकी मौजूद हैं....इसी तरह लश्कर ए तैय्यबा के स्थानीय 4 आतंकी सक्रिय हैं...जबकि 8 बाहरी आतंकी इस दस्ते के शामिल हैं..जैश ए मोहम्मद का सिर्फ एक आतंकी यहां सक्रिय है..वो भी लोकल..तो अलबदर और तहरीक उल मुजाहिद्दीन जैसे संगठन का कोई भी सदस्य सक्रिय नहीं है।
दक्षिण कश्मीर की अगर बात करें तो यहां हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सबसे ज्यादा दस्ते यहीं सक्रिय हैं...यहां 73 लोकल आतंकियों की जमात में शामिल हैं...तो 3 बाहरी...लश्कर ए तैयबा के जहां 36 आतंकी मौजूद हैं और 6 बाहरी तो जैश ए मोहम्मद के इकलौते आतंकी होने का दावा किया जा रहा है...अल बदर और तहरी उल मुजाहिदीन जैसे संगठन यहां भी सक्रिय नहीं हैं।
पाकिस्तान के तमाम दावों के उलट सच यही है कि इस्लामिक आतंकवाद की जड़ को हर मुल्क समझ रहा है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का मतंव्य भी यही है । हाउडी मोदी की तस्वीर न केवल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया मोदी का सम्मान नहीं, बल्कि बदलते इंडिया और उभरते न्यू इंडिया का सम्मान है । ऐसी तस्वीरें भारत की बढ़ती साख को ही नहीं दिखाती, बल्कि पाकिस्तान की हैसियत को आईना भी ।