भारत-पाकिस्तान एक बार फिर से आमने-सामने की भिड़ंत करने वाले हैं. दोनों देशों की जनता के जज़्बातों के साथ ही उनके गुस्से, ख़ुशी और उनके गम का भी वैसा ही नजारा देखने को मिलेगा, जो एक जंग जीतने के बाद दिखता है. आतंकवाद को पालने-पोसने और उसे हिंदुस्तान के खिलाफ लगातार इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान से मुकाबला करने के लिए दुबई के मैदान में 24 अक्टूबर को फिर से एक नया इतिहास लिखे जाने की तैयारी है. हम-आपसे ज्यादा भारत समेत दुनिया के सट्टेबाज़ इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं.
काफी लंबे समय के बाद दोनों टीमें आईसीसी के इस प्रमुख टूर्नामेंट में आपस में टकराएंगी. हालांकि क्रिकेट एक खेल है और खेलप्रेमी भी उसे इसी भावना से लेते हैं. लेकिन जब बात भारत-पाकिस्तान के मुकाबले की हो, तब यही दोनों मुल्कों के अवाम के लिए जज़्बातों का ऐसा तूफ़ान ले आती है, जिसे किसी तराजू पर नहीं तौला जा सकता.
इस हक़ीक़त को मानने से कोई इनकार नहीं कर सकता कि हाल ही में सम्पन्न टोक्यो ओलिंपिक में पहली बार भारत के इतने मेडल लाने के बावजूद हमारे यहां क्रिकेट को लेकर दिवानगी का जो आलम देखने को मिलेगा, वो भी किसी नशे से कम नहीं होगा. हालांकि इसमें भारत से लेकर यूएई और अन्य कई देशों में अरबों रुपये नहीं बल्कि डॉलरों में होने वाला सट्टे का कारोबार भी बहुत बड़ी वजह है. पिछले करीब तीन दशकों में माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम की 'डी कंपनी' ने इसी तरह के सट्टे और नशीले पदार्थों की तस्करी से कमाये गए पैसों का बड़ा हिस्सा आतंकवादी संगठनों को दिया है, ताकि वे भारत समेत ईसाई आबादी वाले तमाम मुल्कों में इस्लाम का परचम लहरा सकें.
हालांकि सट्टा तो भारत में गैर कानूनी तरह से चलने वाली एक ऐसी इंडस्ट्री है जिसने लाखों लोगों को रोजगार दे रखा है. इसके बारे में सत्ता में बैठे मंत्री से लेकर लेकर देश के हर शहर के हर थाने के इलाके में बैठे संतरी को सब पता है. वे तो खुश हैं कि ऎसी 24 अक्टूबर हर महीने आया करे क्योंकि वो रात उनके भी जश्न की होगी क्योंकि तब सबसे ज्यादा हफ्तावसूली होगी. इससे समझा जा सकता है कि क्रिकेट और इस सफेदपोश जुर्म का चोली-दामन का साथ किस हद तक है. लेकिन इस बीच पाकिस्तान क्रिकेट टीम की एक हरकत भी सामने आई है. उम्मीद करनी चाहिए कि मैच होने से पहले ICC शायद इसको सुलझा दे.
दरअसल इस टूर्नामेंट का मेजबान भारत है, लेकिन कोविड-19 की वजह से इसे अब यूएई और ओमान में खेला जाएगा और भारत के अनुरोध पर ही ये फैसला हुआ. विवाद ये उठा है कि पाकिस्तान ने अपने खिलाड़ियों की पोशाक पर आयोजकों में भारत के नाम की जगह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का नाम लिखवाया है. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के नियमों के मुताबिक, टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीमों को अपनी जर्सी पर दाईं ओर मेजबान देश का नाम लिखवाना होता है. पर पाकिस्तान ने 'आईसीसी मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप इंडिया' (ICC MEN's T20 World Cup India) लिखवाने की बजाय 'आईसीसी मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप यूएई' (ICC MEN's T20 World Cup UAE 2021 लिखवाया है.
वैसे बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच टी 20 विश्व कप में अब तक कुल पांच मैच खेले गए हैं. 50 ओवर के विश्व कप के समान टी 20 विश्व कप में भी भारत का दबदबा हमेशा बरकरार रहा है क्योंकि उसने इन सभी में जीत दर्ज की है.
टी 20 क्रिकेट की लोकप्रियता का काफी हद तक श्रेय 2007 में हुए फाइनल मैच को जाता है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच सांस थाम देने वाला मुकाबला खेला गया था. तब भारत ने बॉल आउट के जरिये पाकिस्तान को हराया था.
डरबन में यह हाई वोल्टेज मैच खेला गया था, जहां पाकिस्तान की टीम भारत द्वारा मिले 141 रन के लक्ष्य को पार करने में असफल रही थी, जबकि उसके हाथ में तीन विकेट बचे थे. तब मैच टाई होने की स्थिति में सुपर ओवर केआ नहीं बल्कि बॉल आउट का नियम था. भारत के तीन खिलाड़ियों ने स्टंप पर गेंद मारी जबकि पाकिस्तान का एक भी गेंदबाज ऐसा नहीं कर पाया. महेंद्र धोनी की युवा टीम ने पाकिस्तान को रोमांचकारी मुकाबले में पहली बार इस तरह शिकस्त देकर तब पाकिस्तान को 5 रन से हराया था.
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