नई दिल्लीः देश में कोरोना की दूसरी लहर के काबू में आते ही लोगों ने फिर से लापरवाही बरतना शुरु कर दी है, जो आने वाले दिनों में ज्यादा घातक साबित हो सकती है. लोगों की इसी लापरवाही के चलते आज दिल्ली हाइकोर्ट को स्वत: ही संज्ञान लेते हुए केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके ये हिदायत देनी पड़ी है कि मास्क लगाने और सामाजिक दूरी जैसे नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाये. 


दरअसल, लॉकडाउन खुलते ही सार्वजनिक स्थानों पर लोग ठीक वैसे ही बेपरवाह नजर आ रहे हैं, जैसे पिछले साल पहली लहर के काबू में आते ही बेफिक्र हो गए थे. कोरोना के नये केस कम होते ही आम धारणा ये बनने लगी है कि अब ये वायरस चला गया, जो कि सबसे बड़ी भूल है. जबकि WHO समेत दुनिया के तमाम वैज्ञानिक कह चुके हैं कि कोविड वायरस अगले कई साल तक सक्रिय रहने वाला है. हर थोड़े अंतराल के बाद ये अपना रूप बदलकर इंसानों को शिकार बनाता रहेगा. लिहाजा वैक्सीन लगवाने के बावजूद पूरी सावधानी रखना जरुरी है, वरना ये दोबारा चपेट में ले सकता है.


अच्छी बात ये है कि पिछली 3 मई से कोरोना की रिकवरी दर में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है, जो अब 96 फीसदी तक जा पहुंची है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सक्रिय मामलों यानी एक्टिव केसों में भी लगातार कमी आ रही है. देश के 513 जिलों में 11 से 17 जून के बीच पॉजिटिव केस पांच प्रतिशत से भी कम थे. लेकिन इसका यह मतलब निकाल लेना कि कोरोना वायरस अब भारत से चला गया, बहुत बड़ी बेवकूफी होगी.


दुनिया के कई देशों ने तीसरी के बाद चौथी लहर का भी सामना किया है. लिहाजा हमें भी इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहना होगा. सिर्फ सरकार के स्तर पर ही नहीं, बल्कि अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में भी खुद को मानसिक रुप से तैयार करना होगा कि मास्क अब हमारे शरीर का ही एक हिस्सा है और सामाजिक दूरी बनाए रखना, एक आदत है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बिल्कुल सही कहा है कि कोरोना के नए वेरिएंट आते रहेंगे और बढ़ते रहेंगे. उसे कंट्रोल करने के फार्मूले में कोई बदलाव नहीं आएगा. लेकिन नए वेरिएंट आने से पहले ही हमें उससे बचने के लिए तैयार रहना होगा.


देश की राजधानी में लोगों की लापरवाही वाली तस्वीरें देखने के बाद आज दिल्ली हाइकोर्ट को भी यह कहने पर मजबूर होना पड़ा कि कोरोना की तीसरी लहर से हम ज्यादा दूर नहीं हैं. लिहाजा अभी भी सामाजिक दूरी रखने जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना-कराना होगा. दरअसल, एम्स के एक डॉक्टर ने हाइकोर्ट के जजों को कुछ तस्वीरें भेजी थीं, जिसमें दिखाई दे रहा है कि कैसे दिल्ली के सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. इन्हें देखने के बाद कोर्ट ने स्वयं ही इस पर संज्ञान लिया और मामले की सुनवाई की.


केंद्र व दिल्ली सरकार को कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी बाजारों में कोरोना से बचाव के नियमों को सख्ती से लागू कराना सुनिश्चित किया जाये. दोनों सरकारों को चेतावनी भरे लहज़े में हाइकोर्ट ने यह भी कहा कि इस वक़्त अगर इस महामारी को रोकने की कोशिशों में जरा भी लापरवाही बरती गई, तो आने वाली तीसरी लहर, इस दूसरी लहर से भी कहीं ज्यादा विकराल साबित हो सकती है.