अब कर हर मैदान फतेह...
इंग्लैड जहां अपने घर में ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह धोने के बाद जोश में है. वही विराट कोहली के पास जोश में रहने के लिए हालिया कई टी-20 सीरीजों के रिकॉर्ड्स हैं. जरा इन जीतों की यादें ‘रिवाइंड’ कर लेते हैं.
इंतजार खत्म हुआ. आज यानी मंगलवार से विराट कोहली और इऑन मॉर्गन अपनी अपनी सेनाओं के साथ मैदान में उतरेंगे. इंग्लैड जहां अपने घर में ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह धोने के बाद जोश में है. वही विराट कोहली के पास जोश में रहने के लिए हालिया कई टी-20 सीरीजों के रिकॉर्ड्स हैं. जरा इन जीतों की यादें ‘रिवाइंड’ कर लेते हैं.
भारत ने इंग्लैंड के दौरे की प्रैक्टिस के तौर आयरलैंड से टी-20 सीरीज जीती है. इससे पहले विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया ने श्रीलंका में एक ट्राएंगुलर टी-20 सीरीज जीती थी. उससे पहले भारत ने दक्षिण अफ्रीका में टी-20 सीरीज में उसी के घर में जीत दर्ज की थी. इससे थोड़ा और पहले भारत ने न्यूजीलैंड को 3 टी-20 मैचों की सीरीज में 2-1 से हराया था. उससे भी पहले टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज ड्रॉ की थी और श्रीलंका के खिलाफ जीती थी.
कुल मिलाकर इतनी सीरीजों के नतीजे आपको इसीलिए याद दिलाए कि आप समझ सकें कि पिछले करीब 10 महीने से भारतीय टीम टी-20 सीरीज में अपराजेय रही है. इसमें घर और बाहर दोनों की पिचों पर खेले गए मैच शामिल हैं. अब आप समझ सकते हैं कि इंग्लैंड के मुश्किल दौरे की शुरूआत में भी विराट कोहली क्यों चैन की सांस ले रहे हैं.
हर जीत में कौन सी एक बात है ‘कॉमन’ आयरलैंड के खिलाफ मिली जीत में प्लेयर ऑफ द सीरीज थे यजुवेंद्र चहल. इससे पहले श्रीलंका में हुई ट्राएंगुलर सीरीज में मिली जीत में सीरीज के हीरो थे वाशिंगटन सुंदर. 2018 में ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसी के घर में मिली जीत में प्लेयर ऑफ द सीरीज बने थे भुवनेश्वर कुमार. इससे पहले 2017 में श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज थे जयदेव उनादकट और न्यूजीलैंड के खिलाफ जसप्रीत बुमराह. अब आप बताइए कि इन तमाम नतीजों में कौन सी एक बात ‘कॉमन’ दिख रही है.
जवाब आसान है. पिछली पांच सीरीज जो भारत ने जीती है उसमें प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब भारतीय गेंदबाजों की झोली में आया है. यानी आम अवधारणा भले ही ये हो कि टी-20 फॉर्मेट में बल्लेबाजों की मौज रहती है लेकिन सच इससे ठीक उलट है. जिस भी टीम के गेंदबाज बेहतर लाइन लेंथ और सूझबूझ के साथ गेंदबाजी करते हैं नतीजा उसी के पक्ष में जाता है. इंग्लैंड की टीम को भारतीय टीम के बदलते तेवर वाले बॉलिंग लाइन अप का सामना करना होगा. जसप्रीत बुमराह चोट की वजह से बाहर जरूर हुए हैं. जिसका थोड़ा बहुत असर टीम इंडिया के बॉलिंग कॉम्बिनेशन पर जरूर पड़ेगा.
ऑस्ट्रेलिया वाली गलती नहीं दोहराएगा भारत इंग्लैंड की टीम को ये समझ आ रहा है कि टीम इंडिया वो गलती नहीं दोहराएगी जो कंगारुओं ने की थी. वनडे और टी-20 सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के पास कोई अच्छा स्पिनर प्लेइंग 11 में नहीं था. इंग्लैंड की पिचों पर बिना स्पिन गेंदबाजों के उतरने की सजा उसे उठानी पड़ी. इससे उलट विराट कोहली की टीम में कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल का नाम तय है. दोनों शानदार फॉर्म में हैं. आयरलैंड के खिलाफ पहले मैच में 7 और दूसरे मैच में 6 विकेट ले चुके हैं. इंग्लैंड की टीम वैसे भी परंपरागत तौर पर कलाई के स्पिनर्स के खिलाफ मानी जाती रही है.
विराट कोहली के ट्रंप कार्ड के तौर पर ये दोनों ही गेंदबाज इंग्लिश बल्लेबाजों का भरपूर इम्तिहान लेंगे. इंग्लैंड में जिस मौसम में ये सीरीज खेली जा रही है उसमें पिच का सूखापन इन स्पिन गेंदबाजों के लिए सोने पे सुहागा का काम करेगा. इंग्लिश टीम मैनेजमेंट इसीलिए परेशान है कि भारत को विकेट कैसे दिए जाएं? अगर स्पिन फ्रेंडली विकेट दिया तो आफत और अगर तेज विकेट बनाई तो भी आफत. बदलते वक्त में भारतीय गेंदबाजी की छवि विश्व भर में बदली है. अब चर्चा सिर्फ स्पिन गेंदबाजों की नहीं होती बल्कि तेज गेंदबाजों ने भी टीम इंडिया को आक्रामक बनाया है. इन सारे समीकरणों को समझने के बाद एक और टी-20 दौरे के लिए दावा तो अपना ही मजबूत दिखता है.