एक्सप्लोरर

देश को आज़ादी दिलवाने वाले 'तिरंगे' पर क्यों हो रही है ओछी राजनीति?

 हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की शान के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले शहीदों की शहादत को याद करने के मकसद से शुरु हुए "हर घर तिरंगा" अभियान पर भी अब राजनीति छिड़ गई है. गौरतलब है कि ये अभियान मोदी सरकार ने शुरू किया है, न कि किसी एक राजनीतिक दल ने. राष्ट्र की बात पर भी जहां राजनीति होने लगे, ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही संभव है, जो बेहद अफ़सोसजनक है.

हालांकि तिरंगा न तो पहले इतने सालों तक केंद्र की सत्ता में रही कांग्रेस की बपौती था और न ही वह आज बीजेपी की है. तिरंगा भारत की आन, बान और शान का ऐसा गौरवशाली प्रतीक है, जिसने देश को आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. इसे लहराते हुए ही खुदीराम बोस से लेकर भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे न जाने कितने रणबाँकुरों ने फांसी का फंदा चूम लिया और आने वाली नस्ल में अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ने का जज़्बा पैदा किया था.

देशभक्ति के लिए प्रेरित करने के मकसद से ही पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की थी कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल तस्वीर के रूप में 'तिरंगा' लगाएं. उनकी अपील करते ही तमाम मंत्रियों और बीजेपी के पदाधिकारियों से लेकर पार्टी के आम कार्यकर्ताओं ने तिरंगे को ही अपनी डीपी बना लिया. राहुल और प्रियंका गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने भी ऐसा ही किया लेकिन यहां उन्होंने इसे राजनीतिक एंगल देते हुए ये संदेश देने की कोशिश की है कि तिरंगे पर सिर्फ बीजेपी का हक नहीं है, बल्कि ये कांग्रेस की विरासत का अभिन्न हिस्सा है.

कांग्रेस नेताओं ने अपनी डीपी में जो तस्वीर लगाई है, उसमें तिरंगा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हाथ में नजर आ रहा है. ये तो हुई सोशल मीडिया पर तिरंगे को लेकर हुई राजनीति की बात लेकिन कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा न लेकर विरोध की राजनीति करने से बाज़ नहीं आये.

दरअसल, बुधवार को संस्कृति मंत्रालय ने दिल्ली में "तिरंगा बाइक रैली" का आयोजन किया गया था जिसमें सभी सांसदों को हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन कांग्रेस समेत विपक्ष के  अधिकांश सांसदों ने इसका बायकाट किया. उल्टे, उन्होंने निशाना साधा की ये सरकार का आयोजन नहीं बल्कि बीजेपी का इवेंट था.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अखबार (नेशनल हेराल्ड) के खिलाफ साजिश हो रही है. इस तिरंगा यात्रा को बीजेपी की यात्रा बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम को सामने रखकर बीजेपी राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रही है, इसलिए वो इसमें शामिल नहीं हो सकते हैं.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने भी कुछ यही राग अलापते हुए कहा कि 'तिरंगे से किसी को ऐतराज नहीं है, बल्कि बीजेपी जिस तरह की राजनीति करती है, परेशानी उससे है.' हालांकि आम आदमी पार्टी के सांसद हरभजन सिंह ने 'हर घर तिरंगा' अभियान का समर्थन किया.शायद इसलिए कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार 9 अगस्त को बच्चों के हाथों देश का सबसे ऊंचा तिरंगा स्थापित करने वाली है.

लेकिन समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क  ने तो एक कदम आगे बढ़कर ये कह डाला कि "ये मुल्क का झंडा है और मुल्क वाले इसे लगाते हैं. सत्ताधारी बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वे तो हमें मुल्क का नहीं मानते. राष्ट्रध्वज फहराने के अभियान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में कहीं भी तिरंगा घरों पर फहराए जाने को अनिवार्य नहीं किया गया है. फिर इस प्रकार के अभियान की क्या जरूरत?

बाइक रैली से विपक्ष के नदारद रहने पर बीजेपी ने उसे आड़े हाथों लिया. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'इस तिरंगा बाइक रैली का शुभारंभ उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हाथों से हुआ. क्योंकि ये कार्यक्रम किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं है, ये सरकार का कार्यक्रम है.हर सांसद को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया था लेकिन इस पर भी राजनीति हो रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. अब सवाल उठता है कि तिरंगे के नाम पर विपक्ष ऐसी राजनीति क्यों कर रहा है, जहां उसे लोगों की सहानुभूति मिलना तो दूर, उल्टे उनके गुस्से का ही शिकार बनना पड़ेगा?

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
Aaliyah Kashyap Wedding Reception: गोल्ड प्लेटेड ड्रेस में मॉडर्न ब्राइड बनीं आलिया, साड़ी में छाईं सुहाना खान, देखें तस्वीरें
आलिया कश्यप के वेडिंग रिसेप्शन में सजी सितारों की महफिल, सुहाना-शोभिता भी पहुंचे
Jungle Camps India IPO GMP: पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
ABP Premium

वीडियोज

विस्तार से देखिए बड़ी खबरेंPM मोदी ने की रणबीर-सैफ अली खान से बात, आलिया-रिद्धिमा-भरत साहनी भी दिखे साथ'सिस्टम'...ससुराल और सुसाइड , इंजीनियर अतुल का आखिरी वीडियोसिस्टम ने ली अतुल सुभाष की जान या पत्नी की प्रताड़ना से की आत्महत्या?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
Aaliyah Kashyap Wedding Reception: गोल्ड प्लेटेड ड्रेस में मॉडर्न ब्राइड बनीं आलिया, साड़ी में छाईं सुहाना खान, देखें तस्वीरें
आलिया कश्यप के वेडिंग रिसेप्शन में सजी सितारों की महफिल, सुहाना-शोभिता भी पहुंचे
Jungle Camps India IPO GMP: पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
Watch: आपस में ही भिड़ गए भारतीय खिलाड़ी, अंपायर को करना पड़ा बीच-बचाव
आपस में ही भिड़ गए भारतीय खिलाड़ी, अंपायर को करना पड़ा बीच-बचाव
Vastu Tips: तलवार घर में रख सकते हैं क्या ?
तलवार घर में रख सकते हैं क्या ?
किडनैपिंग के बाद सदमे में हैं सुनील पाल, मेरठ पुलिस को वाइफ सरिता पाल ने सुनाई पूरी दास्तान
किडनैपिंग के बाद सदमे में हैं सुनील पाल, वाइफ सरिता पाल ने सुनाई पूरी दास्तान
दिल्ली विश्वविद्यालय में निकली असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती, केवल इस डेट तक ही कर सकते हैं अप्लाई
दिल्ली विश्वविद्यालय में निकली असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती, केवल इस डेट तक ही कर सकते हैं अप्लाई
Embed widget