देश में अगले तीन से चार महीने में लोकसभा चुनाव हो जाएंगे. इस बार के चुनाव में मोदी सरकार को हराने में इंडिया गठबंधन की अहम भूमिका होने जा रही है. महंगाई और केन्द्रीय एजेंसियों के विपक्ष पर एक्शन इस चुनाव में अहम मुद्दे होंगे, जिन्हें जनता के बीच जोर-शोर से उठाया जाएगा. आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ इस बार का लोकसभा चुनाव दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुआई में लड़ने जा रही है. जहां तक अगले चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति का सवाल है तो ये इस वक्त काफी अहम है.


आम आदमी पार्टी की राजनीति सबसे अलग


आम आदमी पार्टी की राजनीति अलग रही है. आम आदमी पार्टी के द्वारा कभी भी धर्म की या जाति की राजनीति नहीं गई है. इकलौते नेता अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने हिंदुस्तान में एक नई परम्परा शुरू की, काम की राजनीति. इतिहास में ऐसा किसी ने नहीं कहा होगा. अरविंद केजरीवाल ने हर चुनाव में यह साफ-साफ कहा है कि अगर मैंने काम किया है तो वोट दो, काम नहीं किया है तो वोट मत दो. नरेंद्र मोदी दस साल से प्रधानमंत्री है, लेकिन आज तक उन्होंने ऐसा नहीं कहा है और न ही हमने सुना है.


जिन आशाओं के साथ जनता आपको वोट देती है, जिन संभावनाओं के साथ जनता आपको वोट देती है, कि अब तो बेरोजगारी खत्म हो जायेगी, उस पर बात होनी चाहिए. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दो करोड़ लोगों को नौकरी दी जायेगी, हर साल. महंगाई दूर होगी, महिलाओं की सुरक्षा पर काम किया जाएगा, भारत की जीडीपी बढ़ेगी और भी बहुत कुछ कहा था, लेकिन दस साल के बाद घुमफिर कर फिर से वही हो रहा है.



भगवान श्रीराम के भक्त सभी हैं, पूरा हिन्दुस्तान है और खासकर भगवान राम का भक्त होकर रामराज्य की बात न की जाए तो क्या फायदा. अरविंद केजरीवाल को राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने के लिए न्योता नहीं दिया गया था. आम आदमी पार्टी को दिखाने की जरूरत नहीं है वो करने वाले व्यक्ति हैं. जिस किसी ने राम राज्य की परिकल्पना करने का प्रयत्न किया, शिक्षा की बात हो, बिजली, स्वास्थ्य, पानी, महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा, रोजगार के अवसर सब केजरीवाल ने किया है. दिल्ली इकलौता राज्य है जहां महंगाई 4 प्रतिशत थी, गुजरात में नरेंद्र मोदी 20 साल तक मुख्यमंत्री रहे, वहां महंगाई 8 प्रतिशत है. 



अरविंद केजरीवाल का सत्ताधारी दल को डर


आम आदमी पार्टी की उत्पत्ति समस्याओं का समाधान करने के लिए हुआ है. आप पार्टी सिर्फ दो मॉडल से ही पूरे देश में जानी गई है. पहला है शिक्षा, यदि केन्द्र सरकार को ये बात अच्छी लगती तो वो सभी राज्य के शिक्षा मंत्रियों की बैठक कराते और कहते कि आप सब आपस में बात करें कि मनीष सिसोदिया ने ऐसा क्या कर दिया दिल्ली में कि एक साल के अंदर 2 लाख 75 हजार बच्चें प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में आ गए. अन्य राज्यों में सरकारी स्कूल को कबाड़ा बना दिया है.


आम आदमी पार्टी का दूसरा मॉडल स्वास्थ्य का रहा, मोहल्ला क्लिनिक विश्व भर में प्रसिद्ध हुआ. आज दिल्ली के हर गली मोहल्ले में क्लिनिक बना हुआ है जहां चार सौ से ज्यादा टेस्ट फ्री होते है, दवाइयां मुफ्त है, ऐसी सुविधा देने वाले व्यक्ति को जेल में डाल दो. जब आदमी काउंटर नहीं कर पाता है तो कमियां निकालने लगता है. मोहल्ला क्लिनिक के मॉडल में कुछ खराबी नहीं है.


बीजेपी के द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार किया जाता है. जब पीएमओ किसी केस में जुड़ा होता है तो उस केस की स्थिति कुछ और हो जाती है. आज के समय में सत्ताधारी दल को सिर्फ एक ही व्यक्ति से डर है वो है अरविंद केजरीवाल. केन्द्र सरकार के पास अरविंद केजरीवाल के काम की काट नहीं है. पिछले 10 सालों में नरेंद्र मोदी ने एक भी बार एजुकेशन पर बात नहीं की है. मनीष सिसोदिया हो या अरविंद केजरीवाल ऐसी पॉलिसी लेकर आए है जिससे देश सशक्त होगा. किसी ने यह कभी नहीं सोचा था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के रिजल्ट प्राइवेट स्कूल के बच्चों से ज्यादा बेहतर होंगे.  


आने वाले समय में भाजपा को शिकस्त देगा इंडिया गठबंधन 


इंडिया गठबंधन कहीं नहीं जा रहा है, जहां था वहीं रहेगा. आने वाले समय में भाजपा को शिकस्त देगा. कर्पूरी ठाकुर आज के जननायक नहीं है, लेकिन उन्हें अब सम्मानित किया जा रहा है, बीजेपी सारा तांडव चुनाव के लिए कर रही है. कर्पूरी ठाकुर अपने आप में ही बहुत बड़ी शख्सियत थे, ऐसे शख्स को भारत रत्न देने से भारत रत्न का ही सम्मान बढ़ता है. शिक्षा का मॉडल हो या स्वाय्थ्य का सारे मॉडल ने लोगों की खूब सहायता की है. आम आदमी पार्टी मुस्लिम का भी सपोर्ट करती है, कभी हिन्दू मुस्लिम नहीं करती है. आम आदमी पार्टी हमेशा गलत के खिलाफ खड़ी रही है. चाहें वो मुस्लिम की बात हो या हिन्दू की. आम आदमी पार्टी न तो धर्म की राजनीति करती है न ही जातीय राजनीति करती है. 


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