ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टी-20 सीरीज ड्रॉ रही. टेस्ट सीरीज में ऐतिहासिक जीत मिली. वनडे सीरीज में जीत का पूरा भरोसा था. वो भरोसा टूटा. भारत को पहले वनडे में 34 रनों से हार का सामना करना पड़ा. अब मंगलवार को वनडे सीरीज का दूसरा मैच है. भारतीय टीम सीरीज बचाने के लिए मैदान में उतरेगी. आईसीसी रैंकिंग्स से लेकर मैदान तक, इस दौरे में कई बार ये बात साबित हुई है कि भारतीय टीम हर मामले में कंगारुओं से बेहतर टीम है. बावजूद इसके पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा. अब वनडे सीरीज हाथ से फिसल ना जाए इसके लिए टीम मैनेजमेंट को ‘प्लानिंग’ थोड़ा सोच समझकर करनी होगी. विराट कोहली को बेवजह एक्सपेरिमेंट्स से बचना होगा. पिछले मैच में जिस तरह वो आउट हुए उससे भी समझ आया कि कंगारुओं ने उनकी बैटिंग स्टाइल को ध्यान से परखा है. विराट को बतौर बल्लेबाज वहां सावधान रहने की जरूरत है. इसके अलावा बतौर कप्तान उन्हें इस बात पर सलाह मश्विरा करना होगा कि क्या वाकई टीम इंडिया सही प्लेइंग 11 के साथ मैदान में उतर रही है? इस सवाल के जवाब का आंकलन करने के बाद ही मैदान में उतरना ठीक होगा. भूलना नहीं चाहिए कि अपने घर में टेस्ट सीरीज में मात खाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जीत के लिए छटपटा रहे हैं. वनडे सीरीज की जीत उनके हार के जख्मों पर मरहम जरूर लगाएगी.
प्लेइंग 11 में कहां हो रही है गड़बड़
भारत की वनडे टीम की समस्या भी वही है जो टेस्ट टीम की है. बल्लेबाजी में पहली चार जगह तो अब तय है. रोहित शर्मा, शिखर धवन, खुद कप्तान विराट कोहली और अंबाती रायडू ये चार खिलाड़ी हैं जो टॉप ऑर्डर की जिम्मेदारी संभालते हैं. सारा कन्फ्यूजन इसके बाद शुरू होता है. धोनी को लेकर स्थिति फिर भ्रामक हो गई है. पहले वनडे में वो पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे. दिनेश कार्तिक से पहले. क्या विराट कोहली विश्व कप में भी धोनी को लेकर यही रणनीति अपनाएंगे? अगर विश्व कप में धोनी को नीचे उतरना है तो उनके साथ प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. केदार जाधव को टीम इंडिया में जब भी मौका मिला है उन्होंने खुद को साबित किया है. बावजूद इसके उन्हें प्लेइंग 11 में क्यों नहीं चुना जा रहा ये बात समझ से परे है. खलील अहमद बाएं हाथ से गेंदबाजी करते हैं. इससे गेंदबाजी में एक वेरिएशन जरूर आता है. लेकिन अब तक वो अपनी गेंदबाजी में प्रभाव छोड़ने में कामयाब नहीं हुए हैं. हालांकि इस बात को भी स्वीकार करना होगा कि पहले वनडे में जिस तरह शुरूआती तीन बल्लेबाज एक के बाद एक आउट हुए वैसा हाल के दिनों में टीम इंडिया के साथ कम ही होता है. बावजूद इसके ऐसी परिस्थितियों के लिए रणनीति तैयार रखनी होगी.
सीरीज दर सीरीज बढ़ाए कदम
दुनिया भर की क्रिकेट टीमें इस वक्त 2019 विश्व कप को लेकर तैयारियां कर रही हैं. इन तैयारियों में खिलाड़ियों के रोल को लेकर प्रयोग भी किए जाते हैं. ये प्रयोग टीम इंडिया में भी चल रहे हैं. मिडिल ऑर्डर में और गेंदबाजी में थोड़ा ‘स्कोप’ है जहां विराट कोहली कुछ नए प्लान बना सकते हैं. लेकिन इन सारी प्लानिंग में जिस बात का सबसे ज्याजा ध्यान रखना है वो है विश्व कप का बुखार. खिलाड़ियों के सिर पर अभी से विश्व कप का बुखार नहीं चढ़ना चाहिए. अभी तक तो मैदान में ऐक्शन से खिलाड़ियों को बाहर होना पड़ता था. के एल राहुल और हार्दिक पांड्या तो अपनी बेवकूफी से बाहर हुए हैं. लिहाजा बुद्धिमानी इसी में है कि अनिश्चताओं से भरे इस खेल में फिलहाल सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस वनडे सीरीज में जीत. टी-20 सीरीज में भी भारत को पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा था. फिर दूसरे टी-20 का बारिश की वजह से नतीजा नहीं निकला. तीसरे मैच में भारत ने मैच जीतकर सीरीज को ड्रॉ किया था. टीम इंडिया ठीक उसी तरह अब अगले दोनों वनडे मैच को नॉकआउट की तरह लेने की तैयारी में है. ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में टेस्ट के बाद वनडे सीरीज में हराने से टीम इंडिया के खिलाड़ियों का जो मनोबल बढ़ेगा वो निश्चित तौर पर आगे भी काम आएगा.