क्या पहले वनडे में हार से घबरा गया इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड
इस बात का डर पहले से था. पहले टीम इंडिया ने आयरलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज जीती. फिर इंग्लैंड को भी टी-20 सीरीज में धोया. इन सभी मैचों के दौरान इंग्लिश क्रिकेट टीम और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड लगातार एक ही कशमकश में था.
इस बात का डर पहले से था. पहले टीम इंडिया ने आयरलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज जीती. फिर इंग्लैंड को भी टी-20 सीरीज में धोया. इन सभी मैचों के दौरान इंग्लिश क्रिकेट टीम और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड लगातार एक ही कशमकश में था. ये कशमकश थी पिच को लेकर. इंग्लिश बोर्ड को समझ नहीं आ रहा था कि टीम इंडिया को इस दौरे पर कैसी पिच पर खिलाया जाए.
ऑस्ट्रेलिया को तो सपाट विकेटों पर अपने स्पिनर्स के दम पर इंग्लैंड टीम ने हरा दिया लेकिन भारत के खिलाफ वही चाल उलटी पड़ती दिख रही है. सपाट पिचों पर इंग्लैंड टीम को दोहरी मार पड़ रही है. अव्वल तो भारतीय टीम के स्पिनर्स इंग्लैंड के स्पिनर से ज्यादा करामाती हैं.
दूसरा भारतीय बल्लेबाज स्पिन खेलने में इंग्लिश बल्लेबाजों के मुकाबले ज्यादा परिपक्व हैं. कुल मिलाकर स्थिति ये है कि सपाट पिचों पर खेलने का प्लान तो इंग्लैंड को भारी पड़ चुका है. अब वनडे सीरीज भी हाथ से ना निकल जाए इसके लिए रणनीतियों में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है. तीन वनडे मैचों की सीरीज में शनिवार को खेले जाने वाले मैच में इंग्लैंड को हर हाल में जीतना है वरना टी-20 के बाद भारत के खिलाफ उसकी ये लगातार दूसरी हार होगी. जो निश्चित तौर पर खिलाड़ियों के मनोबर पर असर डालेगी. यही वजह है कि अब प्लान ‘बी’ पर काम किया जाएगा जिसका इशारा इंग्लैंड के कप्तान ने कर दिया है.
लॉर्ड्स में अलग दिखेगा पिच का रंग शुक्रवार को मैच में हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान इयन मॉर्गन ने इशारों इशारों में कह ही दिया कि लॉर्ड्स में कहानी दूसरी होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि घरेलू टीम के कप्तान पिच क्यूरेटर से पिच पर बदलाव की मांग करते रहे हैं. ये कोई नई बात नहीं है. लॉर्ड्स में भारतीय टीम को सीमिंग ट्रैक मिलेगा. वरना सीरीज में इंग्लैंड की टीम का टिकना मुश्किल है. ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार के मैच में हार का अंतर काफी बड़ा था. कुछ दिनों पहले इंग्लैंड के खिलाफ जो हाल कंगारुओं का था वही हाल अपनी पिचों पर अब इंग्लैंड का है. भारत ने पहले वनडे में इंग्लैंड के 269 रनों के लक्ष्य को ना सिर्फ 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया बल्कि भारतीय टीम ने जब जीत हासिल की तब करीब दस ओवर का खेल बाकि था. ये दिखाता है कि अगर भारतीय टीम के सामने साढे तीन सौ से ज्यादा का भी लक्ष्य रहा होता तो नतीजा यही रहता. मैच के दौरान कॉमेंट्री कर रहे खिलाड़ियों ने भी लगातार इस बात पर चर्चा की कि सपाट विकेटों पर भारतीय टीम के सामने टिकना इंग्लैंड के लिए मुश्किल है. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली तो बार बार यही कह रहे थे कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस विकेट पर इंग्लैंड के गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को आउट कैसे करेंगे. दादा के इस सवाल का जवाब संभव है उन्हें लॉर्ड्स में मिले.
सीमिंग विकेट पर भारत को होगी मुश्किल ये मुश्किल होती नहीं लेकिन अब एक पेंच आ गया है. ये पेंच इसलिए आया क्योंकि जसप्रीत बुमराह अनफिट हो गए. भुवनेश्वर कुमार भी पूरी तरह फिट नहीं है. ऐसे में तेज पिचों पर ना सिर्फ भारतीय बल्लेबाजों का इम्तिहान होगा बल्कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को उस तरह की चुनौती नहीं मिलेगी जैसी जसप्रीत बुमराह या भुवनेश्वर कुमार दे सकते थे. मौजूदा खिलाड़ियों में उमेश यादव सबसे अनुभवी हैं लेकिन वो अभी तक इस सीरीज में महंगे साबित हुए हैं. इसका एक कारण विकेट के दूसरे छोर से दबाव ना बन पाना भी हो सकता है. टी-20 सीरीज के बाद पहले वनडे में भी उन्होंने 7 से ज्यादा की इकॉनमी से रन दिए हैं. सिद्धार्थ कौल की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. पिछले मैच में उन्होंने 10 ओवर में 62 रन दिए थे. उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली थी. उनके पास अनुभव भी ज्यादा नहीं है. लिहाजा भुवनेश्वर कुमार अगर जल्दी फिट नहीं होते तो भारतीय टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण पूरे रंग में नहीं दिखाई देगा. पहले वनडे में हार से घबराया इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड भारत की इसी कमजोरी पर हमला करने की तैयारी में है.