भारतीय टीम जब इंग्लैंड के दौरे पर रवाना हो रही थी तब विराट कोहली ने कहा था कि इंग्लैंड तो उनके लिए घर के बाहर घर जैसा है. आम तौर पर ये बात मौसम और बाकि बातों को लेकर कही जाती है. उस वक्त तक दरअसल विराट कोहली को भी नहीं पता था कि इस बार इंग्लैंड का दौरा वाकई उन्हें इस बात का अहसास नहीं होने देगा कि वो विदेश में खेल रहे हैं.
विराट कोहली के साथ साथ पूरी दुनिया के क्रिकेट फैंस को ये अहसास तो तब हुआ जब उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही वनडे और टी-20 सीरीज के खत्म होने के बाद आंकडे देखे. कहानी समझ आ गई आपको? दरअसल हुआ यूं कि पिछले कई सालों से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें जब भारतीय दौरे पर आती हैं तो उन्हें पिच से बड़ी तकलीफ होती है. हर खिलाड़ी पिच का रोना रोता दिखाई देता है. किसी को पिच बहुत सपाट होने से तकलीफ हो रही होती है. किसी का पेट इसलिए दर्द होता है क्योंकि पिच से स्पिनरों को बहुत मदद मिलती है.
वक्त का पहिया कुछ ऐसा घूमा है कि अब इस सीजन में इंग्लैंड ने भी बिल्कुल वैसी ही सपाट विकेटें तैयार कराई हैं. उनके यहां भी स्पिनर्स जीत दिला रहे हैं. विराट कोहली को भी ये बात वहां जाकर ही समझ आई है कि दरअसल गुरुवार से शुरू हो रही सीरीज में वो इंग्लैंड के मैदान में खेलेंगे जरूर लेकिन पिच हिंदुस्तानी ही होगी. ये बताने की जरूरत नहीं है कि इन पिचों पर खेलने का फायदा किसे ज्यादा होगा. वो वक्त अब जाता दिख रहा है जब इंग्लैंड के गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों के मुंह के सामने से शॉर्ट बॉल फेंकते थे या फिर उनकी गेंद लंबी स्विंग होती थी. अब तो वही होगा जैसा भारतीय पिचों पर होता है.
जानिए सपाट पिचों पर हालिया रिकॉर्ड
अभी एक महीने भी नहीं बीते हैं. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें आमने सामने थीं. इस सीरीज में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 5-0 से हराया. कंगारुओं के लिए ये शर्मनाक हार थी. इसी सीरीज में वनडे क्रिकेट में एक पारी में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड टूटा. इसके अलावा दो मैचों में तीन सौ के पार रन बने.
मुसीबत ये है कि इंग्लैंड की पिचों को किसी ने नहीं कोसा. पहले और पांचवे वनडे को छोड़ दीजिए जिसमें दो सौ से कुछ ही ज्यादा रन बने थे, वरना दूसरे वनडे में इंग्लैंड ने 342 रन बनाए. तीसरे वनडे में इंग्लैंड ने 481 रन बनाए. चौथे वनडे में भी इंग्लैंड ने 314 रन बनाए. इन पांच मैचों की सीरीज में दो बार ऑस्ट्रेलिया ने भी 300 से ज्यादा रन जोड़े. दिलचस्प बात ये भी है कि भारतीय टीम उसी मैदान से वनडे सीरीज शुरू कर रही है जिस मैदान में इंग्लैंड ने 481 रन ठोंक दिए थे. जाहिर है पिच सपाट है. तेज गेंदबाजों के लिए पिच में कुछ भी नहीं है. लेंथ से गेंद डालने की बजाए वेरिएशन पर फोकस करना होगा.
विराट कोहली की टीम इंडिया को ‘होम अवे होम’ इसलिए भी लगेगा क्योंकि पिचों पर स्पिनर्स को खासी मदद मिलेगी. आप इस बात को ऐसे भी समझ सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज में मोइन अली और आदिल राशिद को 12-12 विकेट मिले थे. पांच मैचों में 24 विकेट तो इन्हीं दोनों गेंदबाजों ने झटक लिए. भारत के पास कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल जैसे क्वालिटी स्पिनर्स हैं. विराट कोहली इसलिए और खुश हैं क्योंकि उन्हें पता है कि पिच ना सिर्फ उनके बल्लेबाजों के मुफीद है बल्कि उनके स्पिनर्स को भी खासा सपोर्ट करेगी.
टी-20 में भी जमकर बरसे थे रन
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ जो टी-20 सीरीज जीती उसमें भी जमकर रन बरसे. आयरलैंड के खिलाफ तो दोनों ही मैचों में 200 से ज्यादा रनों का स्कोर बना. इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टी-20 मैच में भी भारत ने 201 रन बनाए थे. वो भी मैच में 8 गेंदें फेंकी जानी अभी बाकी थीं. तीसरे टी-20 मैच की विकेट सवा दो सौ रनों की लग रही थी. जो बात सचिन तेंडुलकर ने भी कही थी. अब जब पिच भी भारतीय मैदानों की तरह खेलेगी तो मुसीबत तो इंग्लैंड की होनी तय है.