रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टी-20 मैच में भारत को 6 विकेट से जीत मिली. इस जीत के साथ ही टी-20 सीरीज बराबरी पर खत्म हुई. भारत को जीत के लिए 20 ओवर में 165 रन बनाने थे जो उसने आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर ही हासिल कर लिया.


इस मैच में क्रुनाल पांड्या ने शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने 36 रन देकर चार विकेट लिए. विराट कोहली ने इस सीरीज के तीनों टी-20 मैच में क्रुनाल पांड्या को प्लेइंग 11 में शामिल किया था. पहले दोनों मैचों में उनकी गेंदबाजी औसत रही. पहले मैच में तो क्रुनाल पांड्या बहुत ज्यादा महंगे साबित हुए थे. उन्होंने अपने 4 ओवर में 13.75 की इकॉनमी से 55 रन दिए थे.


आपको याद दिला दें कि पहले मैच में भारत को डकवर्थ लुइस नियम के तहत चार रनों से हार का सामना करना पड़ा था. दूसरे मैच में उन्होंने 4 ओवर में 26 रन दिए थे. उन्हें सिर्फ एक विकेट ही मिला था. इस दोनों मैचों की भरपाई उन्होंने तीसरे मैच में की और शानदार चार विकेट लिए. तीसरे टी-20 मैच में ऑस्ट्रेलिया ने जो 6 विकेट गंवाए उसमें एक रन आउट और कुलदीप यादव का एक विकेट छोड़ दें तो बाकि सभी बल्लेबाजों को क्रुनाल पांड्या ने पवेलियन भेजा. क्रुनाल पांड्या के प्रदर्शन पर बात करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि विराट कोहली ने उन्हें जिस खिलाड़ी की जगह प्लेइंग 11 में शामिल किया है वो खिलाड़ी खुद भी एक बड़ा मैच विनर है. क्रुनाल पांड्या की वजह से यजुवेंद्र चहल पूरी सीरीज में बेंच पर ही रहे.


क्रुनाल पांड्या ने कैसे झटके चार विकेट


क्रुनाल पांड्या की कामयाबी का राज रहा परंपरागत स्पिन गेंदबाजी. उन्होंने आराम से धीमी रफ्तार से गेंदबाजी की. अपने स्पेल की. पहली गेंद पर ही क्रुनाल पांड्या को कामयाबी मिल जाती. उनकी गेंद पर एरॉन फिंच ने हवा में शॉट खेला था लेकिन रोहित शर्मा कैच लपकने में चूक गए. इसके बाद दबाव में आए क्रुनाल पांड्या ने एक दो गेंद तेज रफ्तार से फेंकी. उनकी गेंदबाजी की रफ्तार सौ के पार भी गई. लेकिन अगले ही ओवर में वो वापस अपनी धीमी गेंदबाजी पर लौटे. इसकी वजह ये थी कि उनके बाद वाले ओवर में कुलदीप यादव ने फिंच का विकेट लेकर सलामी बल्लेबाजों की जोड़ी को तोड़ दिया था. लिहाजा पांड्या को हिम्मत आई. उन्होंने धीमी गेंदबाजी की तो उसका फायदा भी हुआ.


दसवें ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने शॉर्ट को एलबीडब्लयू किया. अगली ही गेंद पर उन्होंने मैकडरमॉट को भी पवेलियन की राह दिखा दी. मैकडरमॉट उन्हें स्वीप करना चाहते थे लेकिन गेंद की रफ्तार से चूके और विकेट गंवा बैठे. क्रुनाल पांड्या ने लगातार दो गेंद पर दो विकेट झटके. इन दो बल्लेबाजों के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की रनों की रफ्तार धीमी पड़ी. अब खतरा था तो ग्लेन मैक्सवेल से. क्योंकि ग्लेन मैक्सवेल बड़े शॉट्स खेलने में माहिर हैं.


क्रुनाल पांड्या ने इस खतरनाक बल्लेबाज को भी अपनी गेंदबाजी में फंसा लिया. इस बार गेंद रोहित शर्मा के पास फिर से पहुंची और उन्होंने इस बार कोई गलती नहीं की. नतीजा क्रुनाल पांड्या ने तीसरा विकेट झटका. इसके बाद क्रुनाल पांड्या ने अपने आखिरी ओवर में कैरी को कोहली के हाथों कैच कराकर अपना चौथा शिकार बनाया. इन चार विकेटों के पीछे एक और दिलचस्प बात ये थी कि इन्हीं चार विकेटों ने ऑस्ट्रेलिया के गेमप्लान को पलट दिया. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जानते थे कि कुलदीप यादव के खिलाफ हमला बोलना जोखिम भरा काम है. इसलिए उन्होंने क्रुनाल पांड्या पर हमला करने की प्लानिंग की. लेकिन उनका वो प्लान नहीं चला और क्रुनाल पांड्या ने ही उनकी नाक में दम कर दिया.


ऑस्ट्रेलिया में बने सबसे कामयाब टी-20 स्पिनर


इन चार विकेटों के साथ ही क्रुनाल पांड्या ऑस्ट्रेलिया में सबसे कामयाब टी-20 गेंदबाज भी बन गए. उन्होंने 4 ओवर में कुल 36 रन देकर 4 विकेट लिए. उनके बाद ऑस्ट्रेलिया के ही ग्लेन मैक्सवेल हैं. जिन्होंने इसी साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मैच में 2 ओवर में 10 रन देकर 3 विकेट झटके थे. तीसरे नंबर पर आयरलैंड के गेंदबाज डॉकरेल हैं.