110 रन का लक्ष्य हासिल करने में टीम इंडिया के आधे बल्लेबाज पवेलियन लौट गए. तीन बल्लेबाज दहाई के आकड़े तक को नहीं छू पाए. दिनेश कार्तिक और क्रुणाल पांड्या ने मोर्चा संभाल लिया वरना इसके बाद तो विशुद्ध गेंदबाजों को जीत के लिए संघर्ष करना पड़ता. वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता के इडेन गार्डेन्स में पहले टी-20 में टीम इंडिया की कुछ ऐसी ही हालत थी. खैर, अंत भला तो सब भला.
टीम इंडिया मैच खत्म होने से 13 गेंद पहले 5 विकेट से जीत गई. गेंदबाजों की मेहनत का मान रह गया. इस जीत ने एक बार फिर खतरे की घंटी बजाई. वेस्टइंडीज की इस सीरीज के बाद भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाना है. ऑस्ट्रेलिया का सपोर्ट स्टाफ इस सीरीज में भारतीय टीम के प्रदर्शन को हर हाल में देख रहा होगा. खिलाड़ियों के प्रदर्शन का आंकलन करना भी उनका काम है. रविवार को खेले गए टी-20 मैच को देखने के बाद उन्हें समझ आ गया होगा कि अभी भी टीम इंडिया के खिलाफ अगर कोई गेंदबाज रफ्तार के साथ शॉर्ट पिच गेंदबाजी करे तो हमारे बल्लेबाज असहज हो जाते हैं.
वेस्टइंडीज की तरफ से ओशेन थॉमस करीब डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे और टीम इंडिया के बल्लेबाज उसके सामने घबराए हुए थे. ओशेन थॉमस के साथ साथ ब्रेथवेट ने भी शानदार गेंदबाजी की.
भारत में ये हाल है तो ऑस्ट्रेलिया में क्या होगा?
ब्रेथवेट ने शॉर्ट पिच गेंदबाजी से पहले केएल राहुल को पवेलियन भेजा. राहुल ने पुल खेलने की कोशिश की थी लेकिन वो डीप स्कवायर लेग पर लपक लिए गए. रोहित शर्मा भी गलत शॉट खेलकर आउट हुए. शिखर धवन भी रफ्तार से मात खा गए. कुल मिलाकर तेज गेंदबाजों का सामना करने में टीम इंडिया में पूरी तरह तैयार नहीं दिखी. ऑस्ट्रेलिया में पिचें अपेक्षाकृत तेज होंगी. ऑस्ट्रेलिया के पास तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क, पैट कमिन्स, बिनी स्टैनलेक जैसे तेज़ गेंदबाज हैं. वो टीम इंडिया को आसानी से जीने नहीं देंगे.
दिक्कत ये भी है कि शिखर धवन और केएल राहुल का बल्ला अपनी लय पकड़ने में कामयाब ही नहीं हो रहा है. दोनों ही बल्लेबाज ‘नैचुरल’ स्ट्रोकप्लेयर हैं. लेकिन दोनों का ही बल्ला लंबे समय से खामोश है. दोनों ही बल्लेबाजों को उनकी पुरानी साख की वजह से टीम में मौका मिल रहा है. शिखर धवन को हाल ही में टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. वेस्टइंडीज के खिलाफ हालिया खत्म हुई वनडे सीरीज में भी उनकी हालत पतली थी. कुछ ऐसा ही हाल केएल राहुल का है. जो इन दिनों रनों के लिए तरस रहे हैं.
कीपिंग को लेकर भी हुई किचकिच
कोलकाता में टी-20 मैच में कीपिंग को लेकर भी किचकिच हुई. टीम मैनेजमेंट ने ऋषभ पंत के प्लेइंग 11 में होने के बाद भी दिनेश कार्तिक से विकेटकीपिंग कराई. ऋषभ पंत ने हाल ही में वनडे करियर की शुरूआत भी की थी. तब वो टीम में बतौर बल्लेबाज खेले थे क्योंकि विकेट के पीछे का जिम्मा धोनी संभाल रहे थे. अब टी-20 में भी उन्हें विकेट के पीछे खड़े होने का मौका नहीं मिला. पूर्व भारतीय कप्तान अजहरूद्दीन ने इससे नाराजगी भी जताई. ऋषभ पंत को विकेट के पीछे ना खड़े करने पर कई सवाल खड़े होते हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या बतौर विकेटकीपर ऋषभ पंत अभी तक टीम मैनेजमेंट का दिल और भरोसा नहीं जीत पाए हैं.
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्होंने विकेट के पीछे का ‘डिपार्टमेंट’ संभाला था. इसके बाद से उन्हें ये जिम्मेदारी कम ही मिली है. 2019 विश्व कप सर पर है. टी-20 मैचों के बहाने विश्व कप की तैयारियों का जायजा भी लिया जा सकता है. आज की तारीख में ये जायजा लिया जाए तो ये सवाल उठना लाजमी है कि अगर ऋषभ पंत को सिर्फ बल्लेबाजी के लिए टीम में रखा जाएगा तो क्या ये न्योयचित फैसला होगा. कुल मिलाकर रविवार के टी-20 मैच ने टीम इंडिया मैनेजमेंट को अच्छा खासा होमवर्क दे दिया है.
BLOG: जीत अपनी जगह, कमियां अपनी जगह और खतरे की घंटी अपनी जगह
शिवेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकार
Updated at:
06 Nov 2018 03:42 PM (IST)
110 रन का लक्ष्य हासिल करने में टीम इंडिया के आधे बल्लेबाज पवेलियन लौट गए. तीन बल्लेबाज दहाई के आकड़े तक को नहीं छू पाए. दिनेश कार्तिक और क्रुणाल पांड्या ने मोर्चा संभाल लिया वरना इसके बाद तो विशुद्ध गेंदबाजों को जीत के लिए संघर्ष करना पड़ता.
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