एशिया कप में भी अब हॉट फेवरिट नहीं है टीम इंडिया
टेस्ट क्रिकेट में मुंह की खाने के बाद अब टीम इंडिया वनडे मुकाबलों के लिए तैयार है।
अगले दो हफ्ते तक एशियाई क्रिकेट टीमें आपस में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं. एशिया कप शनिवार से दुबई में शुरू हो रहा है. भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश के अलावा अफगानिस्तान और हॉंगकॉंग की टीमें इस बार एशिया कप का हिस्सा हैं. एशिया कप अब तक 13 बार खेला गया है. इसमें से 6 बार चैंपियन का ताज टीम इंडिया के माथे पर रहा है. इस बार कहानी जरा अलग है. बेहतरीन रिकॉर्ड्स, मजबूत टीम, अनुभवी खिलाड़ियों के बाद भी टीम इंडिया इस बार टूर्नामेंट की हॉट फेवरिट टीम नहीं है.
इसकी दो वजहें हैं अव्वल तो हाल ही में खत्म हुए टीम इंडिया के इंग्लैंड के दौरे की निराशा और दूसरी टीमों की बेहतर तैयारी. इसके अलावा टीम मैनेजमेंट का इस टूर्नामेंट के लिए विराट कोहली को आराम देना भी महंगा सौदा साबित हो सकता है. क्रिकेट फैंस भूले नहीं है कि इंग्लैंड में उनकी शानदार बल्लेबाजी के बाद भी भारतीय टीम को 4-1 से टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था. अब जब वो मैदान में नहीं होंगे तो कहीं बात और गंभीर ना हो जाए. विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा टीम की कमान संभाल रहे हैं.
बल्लेबाजों की फॉर्म अच्छी नहीं भारतीय गेंदबाजों ने हाल के दिनों में अपना काम बखूबी किया है. इसलिए फिक्र ज्यादा बल्लेबाजों की है. केएल राहुल ने आखिरी टेस्ट मैच में शतक लगाकर तालियां जरूर बटोरीं लेकिन उस शतक का कोई महत्व नहीं था. बेहतर होता अगर राहुल शतक लगाने के बाद मैच को ड्रॉ कराने की कोशिश करते. उस एक शतक को छोड़ दें तो पूरी सीरीज में राहुल रन बनाने के लिए तरसते रहे. शिखर धवन की भी स्थिति अच्छी नहीं है. पूरे इंग्लैंड दौरे में वो संघर्ष करते रहे. दिनेश कार्तिक को खराब बल्लेबाजी की वजह से टेस्ट सीरीज के प्लेइंग 11 से बाहर का रास्ता दिखाया गया. हार्दिक पांड्या भी कोई गुल नहीं खिला रहे. इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में शिखर धवन ने 20.25, दिनेश कार्तिक ने 5.25 और हार्दिक पांड्या ने 23.42 की औसत से रन बनाए थे.
इससे पहले वनडे सीरीज में भी इन तीनों ही खिलाड़ियों का प्रदर्शन औसत ही था. केदार जाधव और अंबाती रायडू पिछले काफी समय से अनफिट थे. फिटनेस के बाद वो टीम में वापसी तो कर रहे हैं लेकिन आते ही उन पर भी प्रदर्शन का दबाव होगा. ऐसे में फिलहाल कोई तीन या चार बल्लेबाज भी ऐसे नहीं है जिनकी हालिया फॉर्म ऐसी हो कि आप आंख मूंदकर भरोसा कर लें कि उसमें से तीन भी चल गए तो मैच को पार करा देंगे. बेहतर होता विराट कोहली दो हफ्ते की इस सीरीज को खेलने के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में आराम कर लेते क्योंकि वेस्टइंडीज के खिलाफ जीतने के ‘चांसेस’ कहीं ज्यादा हैं. ये जानकारी भारतीय बल्लेबाजों को सतर्क करने के लिए काफी है कि पाकिस्तान की टीम बाएं हाथ के 4 तेज गेंदबाजों के साथ तैयार है.
श्रीलंका, पाक और बांग्लादेश को हैं कुछ फायदे श्रीलंका की टीम एक बार फिर पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगी. टीम पर पिछले दिनों छाए संकट के बादल अब हट चुके हैं. एंजेलो मैथ्यूज ने एक बार फिर कप्तानी संभाल ली है. 2014 में जब आखिरी बार एशिया कप 50 ओवर के फॉर्मेट में खेला गया था तब श्रीलंका ही चैंपियन थी. पाकिस्तान के लिए फायदा इस बात का है कि दुबई उसके लिए घरेलू मैदान की तरह है.
पाकिस्तान की टीम साल भर दुबई में ही अलग अलग टूर्नामेंट्स खेलती रहती है. बांग्लादेश की टीम ने भारत को हमेशा परेशान किया है. मशरफे मुर्तजा की कप्तानी में बांग्लादेश की टीम अब किस्मत पर भरोसा नहीं करती बल्कि उसके खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंकाया है. इसी साल मार्च में निदहास ट्रॉफी में बांग्लादेश ने फाइनल में भारत को परेशान कर दिया था. विराट कोहली तब भी टीम का हिस्सा नहीं थे. फाइनल से पहले बांग्लादेश ने मेजबान श्रीलंका को हराया भी था.
बांग्लादेश की टीम एशिया कप के फाइनल में पहले भी दो बार पहुंच चुकी है. हाल ही में बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीती है. जाहिर है उनका आत्मविश्वास पहले से कहीं ज्यादा है. इसके अलावा अफगानिस्तान और हॉंगकॉंग की टीमें भी अपनी ताकत दिखाने की भरसक कोशिश करेंगी. मुजीबुर रहमान और राशिद खान जैसे दो करिश्माई स्पिनर अफगानिस्तान की टीम में हैं. यकीन मानिए इन बातों को ध्यान में रखते हुए रोहित शर्मा खुद भी टीम इंडिया को हॉट फेवरिट नहीं मान रहे होंगे.