चिन्मयानंद से सात घंटे और छात्रा से 11 घंटे पूछताछ..आखिर शक क्यों न हो
पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद से एसआईटी ने पूछताछ की है। टीम ने चिन्मयानंद से 7 घंटे और छात्रा से 11 घंटे तक पूछताछ की। हालांकि पूरे मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं
पूर्व गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद इन दिनों सुर्खियों में हैं...जिन पर दूसरी बार उनकी कॉलेज की किसी छात्रा ने शारीरिक शोषण या दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध का आरोप लगाया है...इन आरोपों से जुड़े सबूत के दावे के तौर पर वीडिया भी वायरल हैं...एसआईटी मामले की जांच कर रही है छात्रा से 11 घंटे पूछताछ होती है...लेकिन चिन्मयानंद की 7 घंटे की सफाई काफी होती है...इसे शक के नजरिए से न भी देखा जाए...तो भी इंसाफ के तराजू पर दोनों वक्त की तुलना में चिन्मयानंद यहां भी भारी पड़ रहे हैं...हालांकि एसआईटी ने आश्रम के उनके एक कमरे को सीज कर दिया है...माना जा रहा है कि ये वो कमरा है...जिसमें चिन्मयानंद के राज दफन हो सकते हैं...और इन आरोपों की सच्चाई की तह तक एसआईटी जा सकती है...ऐसे में एसआईटी जब इस कमरे को खंगालेगी तो चिन्मयानंद आरोपी से बरी होंगे या उनके गुनाहों का राजफाश ये सब एक कमरे की तस्दीक पर है।
स्वामी चिन्मयानंद का रसूख किसी से छिपा नहीं है। इससे पहले उन पर लगे यौन शोषण के आरोप खारिज हो चुके हैं। अब एक बार फिर जब उन पर आरोप लगे हैं तो स्वामी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
वकील का फर्ज होता है अपने मुवक्किल का बचाव करना...वैसे स्वामी चिन्मयानंद अपनी सफाई में सभी आरोपों को नकार रहे हैं। एसआईटी को दिए अपने जवाब में स्वामी ने सभी इल्जामों को न केवल खारिज किया है बल्कि बेबुनियाद बताया है लेकिन स्वामी से हुई 7 घंटे की पूछताछ और 150 सवालों की फेहरिस्त बताती है कि स्वामी की मुश्किलें सिर्फ आरोपों को नकार देने से खत्म नहीं होने वाली है। सूत्रों की माने तो स्वामी ने छात्रा से जान-पहचान तो कबूल की है...लेकिन किसी नजदीकी संबंध से इनकार किया है।
चिन्मयानंद वाजपेयी की सरकार में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में उनका राजनीतिक रसूख समझा जा सकता है। एसआईटी जैसी जांच एजेंसियों के काम करने के तौर तरीके से वाकिफ हैं। ऐसे में एसआईटी के हाथ उनके खिलाफ कोई सबूत लगता है या नहीं।इसका इंतजार करना पड़ेगा।
24 अगस्त को छात्रा ने वायरल वीडियो कर अपना दर्द बताया...वीडियो में छात्रा ने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया और पूरे परिवार को जान मार देने की धमकी की जानकारी दी...इसके बाद चिन्मयानंद ने अज्ञात के खिलाफ 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया...जिसके बाद लड़की अचानक गायब हो गई...जिस पर लड़की के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद समेत अन्य लोगों पर लड़की के अपहरण करने का केस दर्ज कराया...30 अगस्त को लड़की राजस्थान के दौसा से बरामद कर ली गई...इस दौरान उसका दोस्त भी साथ था...मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने लड़की को पेश करने को कहा। इस मामले में एक वीडियो और सामने आया, इस वीडियो में चिन्मयानंद के होने का दावा किया गया और एक लड़की से मसाज के साथ अश्लील बातें करते हुए सामने आईं...गुरुवार को एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद से 7 घंटे तक पूछताछ की और शुक्रवार को कॉलेज बंद कर दिया साथ ही दिव्य धाम को सील कर दिया।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लगे संगीन आरापों का ये केस सामान्य नहीं है। सामान्य इसलिए भी नहीं है क्योंकि आरोपी समाज और जनता का नुमाइंदा रह चुका है और सामान्य इसलिए भी नहीं है कि क्योंकि वो एक रसूखदार शख्स है। सत्ता बेशक पूरी तरह निष्पक्ष भी हो जाए, लेकिन सिस्टम पूरी तरह से निष्पक्ष नजर नहीं आता। जांच प्रक्रिया में देरी, छात्रा की एफआईआर शाहजहांपुर में दर्ज ना होना इस बात के साफ सबूत हैं। जांच के लिए जिस कमरे और आश्रम की तफ्तीश अब की जा रही है वो भी अबतक स्वामी चिन्मयानंद के कब्जे में ही थे। स्वामी चिन्मयानंद के ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाने वाले पलटवार पर भी बात यही है कि बेवजह ब्लैकमेलिंग नहीं की जा सकती। अगर ब्लैकमेलिंग की बात सच भी है तो इससे स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोप खत्म नहीं हो जाते। ऐसे में बेहतर यही है कि यूपी सरकार खुद इस मामले में तेजी की पहल करे और रेप जैसे गंभीर आरोप में फंसे अपनी पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री से जुड़े मामले को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाए।