क्या रूस दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के लिए मजबूर कर रहा है?
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आखिरकार रूस ने वही किया जिसका अंदेशा था लेकिन अब सारे पश्चिमी देश उसके खिलाफ एकजुट हो गए हैं और उन्होंने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की शुरुआत कर दी है. सबसे पहले जर्मनी ने नॉर्थ स्ट्रीम2 गैस पाइपलाइन को शुरू करने की प्रक्रिया रोक दी तो उसके तुरंत बाद ब्रिटेन ने भी ऐलान कर दिया है कि वह पांच रूसी बैंकों के खिलाफ प्रतिबंध लगायेगा. उधर,अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी कहा है कि वे जल्द ही रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने वाले हैं. कुल मिलाकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सनक ने पूरी दुनिया में उथल पुथल मचा दी है. ये सवाल उठ रहा है कि क्या रूस का यह फैसला दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की तरफ धकेल रहा है?
भारतीय समयानुसार सोमवार की देर रात पुतिन ने यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता देकर न सिर्फ पश्चिमी देशों को उकसाया बल्कि यूक्रेन-रूस के बीच उपजे संकट को एक वैश्विक संकट बना दिया है. चीन को छोड़कर सबने उसके इस फैसले की तीखी आलोचना करते हुए इसे बेहद शर्मनाक फैसला करार दिया है. जर्मनी और ब्रिटेन के बाद पश्चिमी देशों की तरफ से रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की झड़ी लगने वाली है और अन्तराष्ट्रीय विश्लेषके मानते हैं कि रूस इससे बौखला कर यूक्रेन पर किसी भी वक्त हमला कर सकता है. यूक्रेन की सीमाओं पर रूस अपनी सैन्य ताकत लगातार बढ़ाता जा रहा है, इसलिये जंग छिड़ने की संभावना भी बढ़ती जा रही है.
उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज हुई बैठक में भारत ने सीधे तौर पर तो पुतिन के फैसले की निंदा नहीं की है लेकिन इस बात पर जोर दिया है कि सभी पक्ष इस मामले पर संयम बरतें. लेकिन ब्रिटेन ने तो साफतौर पर कह दिया है कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण शुरू हो चुका है. हालांकि यूक्रेन को बचाने के लिए अमेरिका,जर्मनी,फ्रांस और ब्रिटेन जैसे NATO देशों ने अपनी सेनाएं वहां भेज दी हैं.अमेरिका ने रूस की हरकत को बेहद शर्मनाक बताया है लेकिन चीन ने सुरक्षा परिषद में कहा है कि यूक्रेन संकट पर सभी पक्ष आपस में बातचीत और सलाह-मशविरा जारी रखें.
इस बीच ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने रूस के लिए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटेन 5 रूसी बैंकों पर प्रतिबंध लगाएगा. उन्होंने कहा, “ब्रिटेन मॉस्को (Moscow) सेना की तैनाती के बाद पांच रूसी बैंकों, तीन 'हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों' पर प्रतिबंध लगाएगा.” इससे पहले पीएम जॉनसन ने मंगलवार को सुरक्षा प्रमुख के साथ सुबह की बैठक के बाद वादा किया कि संसद में "रूस के खिलाफ ब्रिटेन के आर्थिक प्रतिबंधों के पहले बैराज" का खुलासा किया जाएगा. पीएम जॉनसन ने पत्रकारों से कहा, “ये (प्रतिबंध) रूस को बहुत प्रभावित करेंगे और आक्रमण की स्थिति में हम और भी बहुत कुछ करने जा रहे हैं.”
गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) द्वारा पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में रूस समर्थित अलगाववादी दो क्षेत्रों- ‘डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’’ को एक “स्वतंत्र” देश के तौर पर मान्यता दे दी है. इतना ही नहीं पुतिन ने रूसी बलों को पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में ‘‘शांति बनाए रखने’’ का आदेश दिया है. इस आदेश को दोनों क्षेत्रों में रूसी सेना की तैनाती के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं ब्रिटेन के साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने की बात कही है.
यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि संघ मंगलवार दोपहर से कदम उठाएगा . बोरेल ने पेरिस में संवाददाताओं से कहा, "हमारी प्रतिक्रिया प्रतिबंधों के रूप में होगी, जिसकी सीमा मंत्री तय करेंगे." वाशिंगटन ने मंगलवार की तड़के अपना पहला कदम उठाया है और अमेरिकी व्यक्तियों को अलग हुए क्षेत्रों के साथ किसी भी वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया. अगले कुछ घंटों में अमेरिका और भी कड़े प्रतिबंधों की घोषणा करने वाला है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंधों की बार-बार चेतावनी देने के बाद पश्चिम कितनी दूर जाएगा, जो आक्रमण की स्थिति में रूसी अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाएं.
इससे पहले यूक्रेन ने मंगलवार को अपने पश्चिमी सहयोगियों से रूस (Russia) पर "कड़े प्रतिबंध" लगाने का आग्रह किया. जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शल्ट्स ने बर्लिन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूक्रेन में रूस ने जो क़दम उठाएँ हैं, उसके जवाब में उनकी सरकार ने गैस पाइपलाइन शुरू करने की प्रक्रिया को रोका है.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
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