राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा की पोल खुलने पर आखिर क्यों मच रहा है इतना शोर?
Women Safety In Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा के दिल्ली पुलिस के दावे में कितना दम है, इसकी पोल एक बार फिर खुल गई है और पोल खोलने वाली कोई और नहीं, बल्कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल हैं. दरअसल, स्वाति मालीवाल से हुई बदसलूकी का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में स्वाति मालीवाल के साथ नशे में धुत एक ड्राइवर द्वारा की गई बदसलूकी के घटनाक्रम को देखा जा सकता है.
दिल्ली में महिला आयोग की अध्यक्ष से बदसलूकी
स्वाति के मुताबिक, राजधानी में महिलाओं के सुरक्षा हालात की हकीकत जानने के लिए बुधवार की रात जब वह सड़कों पर निकलीं तो दिल्ली के एम्स अस्पताल के पास एक कार चालक द्वारा बदसलूकी करने के साथ ही उन्हें 10- 15 मीटर तक घसीटा भी गया. हालांकि, स्वाति की शिकायत के कुछ देर बाद ही पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सवाल उठता है कि कुछ दिन पहले ही कंझावला इलाके में एक युवती को कार से घसीटकर मार दिए जाने की वारदात के बाद पुलिस ने आखिर क्या सबक लिया और रात में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितने पुख्ता इंतजाम किए हैं?
वर्दी का जरा भी खौफ नहीं
इस घटना से साबित होता है कि किसी बस स्टॉप पर रात में खड़ी कोई भी अकेली महिला अब भी सुरक्षित नहीं है और असामाजिक तत्वों में खाकी वर्दी का जरा भी खौफ नहीं है. हालांकि स्वाति मालीवाल का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.
कुछ लोग महिला सुरक्षा से जुड़े इस नाजुक मसले को भी नया एंगल देते हुए दावा कर रहे हैं कि यह आम आदमी पार्टी का ड्रामा है, जबकि वीडियो में साफ है कि एक कार चालक उनसे पूछ रहा है कि आपको कहां जाना है, जिस पर मालीवाल कह रही हैं कि मुझे घर जाना है, मेरे रिश्तेदार आ रहे हैं. इसके बाद आरोपी दोबारा से लौटकर आता है और उनसे फिर से छोड़ने के लिए पूछता दिखाई दे रहा है. वह कह रही हैं कि ''मैंने आपको बार-बार कहा कि मुझे कहीं नहीं छोड़ना है.'' उसके बाद वह उन्हें अश्लील इशारे करता है और जब मालीवाल कार की चाबी निकालने की कोशिश करती हैं तो वह शीशा ऊपर करके गाड़ी दौड़ा देता है. कुछ दूरी तक घसिटने के साथ ही स्वाति के चिल्लाने की आवाज आती है.
रात के वक्त दिल्ली की सड़कों पर महिलाएं सुरक्षित नहीं
हालांकि, सच तो यह है कि स्वाति अपने मकसद को पूरा करने और उसे लोगों के सामने रखने में कामयाब हुई हैं. उनका मकसद तो सिर्फ इस हकीकत का पता लगाना था कि रात के वक्त दिल्ली की सड़कों पर महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं और उस लिहाज से वह पुलिस के दावों की पोल खोलने में सफल हुई हैं. गनीमत की बात तो यह थी कि दिल्ली की सड़कों के डॉर्क स्पॉट पर सुरक्षा का जायजा लेने के लिए स्वाति मालीवाल अपने साथ वीडियो टीम ले गई थीं, जिसने पूरे वाकये को कैमरे में कैद किया. अगर उनके पास वीडियो सबूत न होता तो पुलिस उनकी बातों पर यकीन नहीं करती और उनके दावों को पॉलिटिकल स्टंट बताते हुए हवा में उड़ा देती.
पुलिस और लॉ एंड आर्डर का जिम्मा केजरीवाल सरकार का नहीं
राजधानी में पुलिस और लॉ एंड आर्डर का जिम्मा केजरीवाल सरकार के पास नहीं, बल्कि दिल्ली के उप राज्यपाल के अधीन है, इसलिए एक सवाल यह भी उठता है कि हर मुद्दे पर दिल्ली सरकार से तनातनी रखने वाले एलजी साहब आखिर इस तरफ ध्यान क्यों नहीं देते कि महिलाओं के लिए राजधानी को सुरक्षित कैसे बनाया जाए? यही वजह है कि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी उपराज्यपाल पर निशाना साधने पर मजबूर होना पड़ा है.
महिला आयोग की अध्यक्ष ही सुरक्षित नहीं, तो हाल सोच लीजिए
बुधवार की देर रात हुई इस घटना की जानकारी देते हुए स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा था, ''कल देर रात मैं दिल्ली में महिला सुरक्षा के हालात का जायजा ले रही थी. एक गाड़ीवाले ने नशे की हालत में मुझसे छेड़छाड़ की और जब मैंने उसे पकड़ा तो गाड़ी के शीशे में मेरा हाथ बंद कर मुझे घसीटा. भगवान ने जान बचाई. यदि दिल्ली में महिला आयोग की अध्यक्ष सुरक्षित नहीं, तो हाल सोच लीजिए.''
इन घटनाओं ने दिल्ली पुलिस के दावों को झुठलाया
गौरतलब है कि नए साल की पहली रात को कंझावला इलाके में नशे में धुत कार सवार युवकों ने अंजलि नामक युवती को कई किलोमीटर तक घसीटते हुए मार डाला था. उससे पहले बीते 14 दिसंबर को द्वारका इलाके में अपने घर से स्कूल जाने के लिए निकली 10वीं की छात्रा पर बाइक सवार दो नकाबपोश युवकों ने तेजाब फेंक दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई थी. उसके बाद स्वाति मालीवाल के साथ हुई इस घटना ने दिल्ली पुलिस के दावों को झुठलाते हुए बड़ा सवाल यह खड़ा कर दिया है कि राजधानी में महिलाएं आखिर किसके भरोसे खुद को सुरक्षित समझें?
नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.