अपनी मुखरता के लिए पहचाने जाने वाले पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को एनडीए ने उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर विपक्ष को एक बार फिर से चौंका दिया है. मूलतः राजस्थान से नाता रखने वाले धनखड़ पेशे से वकील रहे हैं, लिहाज़ा कानून व संविधान की बारीकियों की समझ के चलते वे बंगाल की ममता सरकार के कई फैसलों की नुक्ताचीनी करते हुए खुलकर आलोचना भी कर चुके हैं. ममता सरकार और धनखड़ के बीच खटास भरे रिश्ते अक्सर मीडिया की सुर्खी बने हैं. हाल ही में उन्होंने ममता सरकार के एक विधेयक को वापस लौटा दिया था, जिसमें राज्य के विश्विद्यालयों का चांसलर गवर्नर को हटाकर मुख्यमंत्री को बनाने का फैसला लिया गया था.
दरअसल, पीएम नरेन्द्र मोदी अपने फैसलों से अक्सर सबको चौंकाते रहे हैं. राष्ट्रपति पद पर द्रोपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाने के बाद अब जगदीप धनखड़ का ऐलान करके भी उन्होंने चौंकाया है. वह इसलिये कि उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस में जो नाम सियासी गलियारों में तैर रहे थे, उनमें धनखड़ का नाम सबसे आख़िरी पायदान पर था. इनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान, गुलाम नबी आजाद, नजमा हेपतुल्ला और हाल ही में केंद्रीय मंत्रीपद से इस्तीफा देने वाले मुख्तार अब्बास नकवी का नाम ही ज्यादा चर्चा में था.
देश के अगले उप राष्ट्रपति के लिए एनडीए से कौन उम्मीदवार होगा,इस पर लोगों की राय जानने के लिये हाल ही में एक वरिष्ठ पत्रकार पंकज शर्मा ने ट्वीटर पर सर्वे भी किया था.जानकार हैरानी होती है कि इसमें 43 फीसदी लोगों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम लिया था. जबकि 32 फीसदी लोगों का मानना था कि गुलाम नबी आज़ाद हो सकते हैं. तो वहीं 21 फीसदी लोगों ने आरिफ मोहम्मद खान का नाम लिया. सिर्फ़ 4 प्रतिशत लोग ही ऐसे थे, जिनका मानना था कि एनडीए जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकता है. उस लिहाज़ से भी देखें तो पीएम मोदी का ये फैसला विपक्ष के साथ लोगों के लिए भी चौंकाने वाला ही कहा जायेगा.
चूंकि उप राष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति से थोड़ा अलग होता है, क्योंकि इसमें केवल लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य ही वोट देते हैं, जिसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं. इसलिये संख्या बल के लिहाज़ से एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है, फिर भी बीजेडी और वाईएसआर जैसे विपक्षी दल भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं. अगर विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा भी करता है, तब भी जगदीप धनखड़ की जीत होना तय है. पूर्व उप राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के बाद ये दूसरा मौका होगा, जब देश को राजस्थान से उप राष्ट्रपति मिलेगा. उपराष्ट्रपति के चुनाव में दोनों सदनों के कुल 790 निर्वाचक हिस्सा लेंगे. इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्यों समेत दो मनोनीत सदस्य भी अपना वोट देंगे.
राजस्थान के झुंझुनूं में जाट परिवार में जन्में 71 वर्षीय जगदीप धनखड़ राजनीति में कूदने से पहले वकालत में भी अपना मुकाम हासिल कर चुके हैं और वे राजस्थान हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी रहे हैं. कह सकते हैं कि देश को अगला ऐसा उप राष्ट्रपति मिलने वाला है, जो खांटी राजनीति के दांव-पेंचों को समझने में माहिर होने के साथ ही संविधान की बारीकियों को जानने में भी पारंगत है.
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