एक्सप्लोरर

झारखंड में नए राज्यपाल की नियुक्ति ने क्या सीएम हेमंत सोरेन के दिल की बढ़ा दी धड़कनें

छह नए राज्यपाल बने हैं और बाकी का ट्रांसफर हुआ है. अगर इसको ध्यान से देखें, तो पता चलता है कि सरकार ने सोच-विचार कर काम किया है. इसमें ये नज़र आता है कि परफॉर्मेंस के आधार पर ये फैसले लिए गए हैं. हाईकमान के विचार में किसने कैसा परफॉर्मेंस किया है, उसके आधार पर कुछ लोगों की छोटे राज्यों से बड़े राज्यों में पदोन्नति हुई है. दो राज्यपालों को हटाया भी गया है और कुछ का ट्रांसफर हुआ है.

झारखंड में उस वक्त राज्यपाल रमेश बैस ने ही हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े मामले को चुनाव आयोग के पास भेजा था. उसमें सरकार से मिले तथ्यों की जानकारी के आधार पर पूछा था कि क्या हेमंत सोरेन की सदस्यता को लाभ के पद के आधार पर रद्द की जा सकती है या नहीं. उसके बाद चुनाव आयोग ने सभी पक्षों को नोटिस भेजा. झारखंड के मुख्य सचिव के साथ ही हेमंत सोरेन से भी नोटिस भेज कर पूछा गया कि इस बाबत उन्हें क्या कहना है.

इन सबकी सुनवाई करने के बाद जो तथ्य और दस्तावेज सामने थे, उनका अध्ययन करने के बाद चुनाव आयोग ने एक सिफारिश झारखंड के राज्यपाल को भेज दी. यहां चुनाव आयोग का मामला खत्म हो जाता है. अभी ये मामला झारखंड के राज्यपाल के पास है. ये मामला अगस्त 2022 का है. 2023 का फरवरी आ चुका है. चुनाव आयोग की सिफारिश में क्या था, उस बारे में अभी तक कुछ नहीं पता चला है.

सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई या नहीं करने की. जो भी सिफारिश थी, राज्यपाल का ये संवैधानिक दायित्व था कि वे उसको सदन को बताते, हेमंत सोरेन को बताते और प्रदेश की जनता को बताते. उसके अनुरूप कार्रवाई करते. लेकिन रमेश बैस ने कुछ न करके, उस फाइल पर बैठे रहे. बीच में अक्टूबर में उन्होंने बयान दिया कि उन्होंने चुनाव आयोग से सेकंड ओपिनियन मांगी है. ये बयान उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं था. कुछ दिन में ही चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि हमारे पास इस तरह की कोई चिट्ठी नहीं आई है. राज्यपाल एक राजनीतिज्ञ की तरह व्यवहार करने लगे, ये आश्चर्यजनक बात है. आजाद भारत के इतिहास में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि चुनाव आयोग से राज्यपाल के पास कोई सिफारिश आए, उसको सार्वजनिक नहीं किया जाए. किसी के लिए वो अच्छा या खराब है, वो बाद की बात है.

अगर चुनाव आयोग की सिफारिश सदस्यता रद्द करने की है, तो ये अगस्त 2022 में ही हो जाना चाहिए था. अगस्त से लेकर जब भी ये फैसला होता है, तो हेमंत सोरेन के उस वक्त से विधायक रहने पर जो खर्च हुआ है, वो पब्लिक मनी का ही नुकसान हुआ है. मुझे लगता है कि रमेश बैस का ये कदम संविधान की मर्यादा और राज्यपाल के पद की गरिमा दोनों के खिलाफ था.    

झारखंड के नए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी बहुत ही अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं. वे तमिलनाडु से आते हैं और दो बार 1998 और 1999 में कोयंबटूर निर्नाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं. वे तमिलनाडु में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. जब भी हेमंत सोरेन से जुड़ी फाइल सीपी राधाकृष्णन के पास आएगी, तो उनके मन में एक सवाल होगा कि रमेश बैस ने ये फैसला क्यों नहीं लिया. अगर रमेश बैस ने फैसला नहीं लिया और ये ग़लत था तो उनको पदोन्नति क्यों मिली. अगर रमेश बैस को गवर्नर नहीं बनाया जाता तो मुझे लगता है कि सीपी राधाकृष्णन का फैसला कुछ अलग होता. रमेश बैस को भगत कोश्यारी की जगह महाराष्ट्र का राज्यपाल बना दिया गया है. ऐसे में सीपी राधाकृष्णन जरूर सोचेंगे कि पार्टी हाईकमान या सरकार में जो सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग हैं, उनकी इच्छा के मुताबिक हुआ. वे नहीं चाहते थे कि चुनाव आयोग की सिफारिश अभी सार्वजनिक हो.

जब तक ऊपर से ग्रीन सिग्नल नहीं मिलेगा, मुझे नहीं लगता है कि तब तक सीपी राधाकृष्णन उस मुद्दे को हाथ लगाना चाहेंगे. राज्यपालों के नियुक्ति और ट्रांसफर को देखते हुए सीपी राधाकृष्णन जरूर समझ गए होंगे कि हेमंत सोरेन मामले पर पार्टी हाईकमान की अगर कोई राय है तो उसके मुताबिक ही कोई फैसला करना है. कोई राय नहीं है तो वे अपना स्वतंत्र फैसला करने के लिए आज़ाद हैं.

झारखंड में जिस तरह की राजनीतिक अस्थिरता है, उसमें बीजेपी की कोशिश थी अपनी सरकार बनाने की. लेकिन वो जो 2 या 3 विधायक कोलकाता में कैश के साथ पकड़े गए, उसके बाद बीजेपी का सारा समीकरण गड़बड़ हो गया. इसके अलावा कोई और कारण नज़र नहीं आता कि क्यों राज्यपाल चुनाव आयोग की सिफारिश को सार्वजनिक नहीं करेंगे. सीपी राधाकृष्णन के सामने भी ये सवाल होगा. वे जरूर जानना चाहेंगे कि रमैश बैस ने कोई फैसला क्यों नहीं लिया, कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. 

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Union Budget 2025: किस वित्त मंत्री को बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला था, क्या था इसके पीछे का कारण
किस वित्त मंत्री को बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला था, क्या था इसके पीछे का कारण
महाकुंभ में हुई मौतों पर धीरेंद्र शास्त्री बोले- 'मरने वाले पाएंगे मोक्ष', नेहा सिंह राठौर ने कहा- 'भगदड़ में खुद क्यों नहीं कूदे'
महाकुंभ में हुई मौतों पर धीरेंद्र शास्त्री बोले- 'मरने वाले पाएंगे मोक्ष', नेहा सिंह राठौर ने कहा- 'भगदड़ में खुद क्यों नहीं कूदे'
अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया 'बचत पत्र' कैंपेन, गिनाए AAP से हर परिवार को होने वाले फायदे
अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया 'बचत पत्र' कैंपेन, गिनाए AAP से हर परिवार को होने वाले फायदे
Champions Trophy 2025 Pakistan Squad: पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए घोषित की टीम, जानें किसे बनाया कप्तान
पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए घोषित की टीम, जानें किसे बनाया कप्तान
ABP Premium

वीडियोज

Pandit Dhirendra Shastri का Maha Kumbh के मृतकों पर आया दंग करने वाला बयानDelhi Election 2025: रमेश बिधूड़ी और आतिशी को कैसे टक्कर दे रही हैं अलका लांबा ? | AAP | CongressPM Modi की गारंटी 'BJP सरकार बनी तो मोदी आपका पक्का घर भी जरूर बना के देगा'Mahakumbh Stampede: स्नान का नंबर दिखाकर नाकामियों पर पर्दा ? | Prayagraj | ABP News | UP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Union Budget 2025: किस वित्त मंत्री को बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला था, क्या था इसके पीछे का कारण
किस वित्त मंत्री को बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला था, क्या था इसके पीछे का कारण
महाकुंभ में हुई मौतों पर धीरेंद्र शास्त्री बोले- 'मरने वाले पाएंगे मोक्ष', नेहा सिंह राठौर ने कहा- 'भगदड़ में खुद क्यों नहीं कूदे'
महाकुंभ में हुई मौतों पर धीरेंद्र शास्त्री बोले- 'मरने वाले पाएंगे मोक्ष', नेहा सिंह राठौर ने कहा- 'भगदड़ में खुद क्यों नहीं कूदे'
अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया 'बचत पत्र' कैंपेन, गिनाए AAP से हर परिवार को होने वाले फायदे
अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया 'बचत पत्र' कैंपेन, गिनाए AAP से हर परिवार को होने वाले फायदे
Champions Trophy 2025 Pakistan Squad: पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए घोषित की टीम, जानें किसे बनाया कप्तान
पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए घोषित की टीम, जानें किसे बनाया कप्तान
कभी रेंट भरने के लिए फिल्मों में करती थीं काम, फिर बनीं बॉलीवुड की ग्लैमर क्वीन और नवाब की बेगम, पहचाना?
कभी रेंट भरने के लिए करती थीं फिल्में, फिर बनीं बॉलीवुड की ग्लैमर क्वीन
Economic Survey 2025: इकोनॉमिक सर्वे से अच्छी खबर, 2025 में सोने की कीमतें आएंगी नीचे, जानें चांदी पर क्या अनुमान
इकोनॉमिक सर्वे से अच्छी खबर, 2025 में सोने की कीमतें आएंगी नीचे, जानें चांदी पर क्या अनुमान
सिसोदिया, जैन, चड्ढा, पाठक! राहुल गांधी ने टीम केजरीवाल पर उठाए सवाल, बोली- नहीं दिखेगा दलित-आदिवासी-अल्पसंख्यक
सिसोदिया, जैन, चड्ढा, पाठक! राहुल गांधी ने टीम केजरीवाल पर उठाए सवाल, बोली- नहीं दिखेगा दलित-आदिवासी-अल्पसंख्यक
सुनीता विलियम्स ने बनाया स्पेस में वॉक करने का रिकॉर्ड, जानें इस दौरान उन्होंने क्या किया?
सुनीता विलियम्स ने बनाया स्पेस में वॉक करने का रिकॉर्ड, जानें इस दौरान उन्होंने क्या किया?
Embed widget