जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाना चौंकाने वाला फैसला नहीं, BJP के पास बदलाव का नहीं था कोई कारण
JP Nadda Gets Extension: बीजेपी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया है. जिसे लोग एक बड़ा फैसला मान रहे हैं. हालांकि ये कोई चौंकाने वाला फैसला नहीं है. ये स्वाभाविक था कि जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया ही जाएगा. क्योंकि सभी लोग जानते हैं कि अभी बीजेपी की जो स्थिति है, जिस तरह का प्रभाव बीजेपी अलग-अलग राज्यों में रखती है उसके दो सबसे बड़े चेहरे हैं. एक चेहरा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हैं, वहीं दूसरा सबसे बड़ा चेहरा अमित शाह हैं.
जेपी नड्डा ही सबसे उपयुक्त उम्मीदवार
पार्टी की तरफ से इन दोनों नेताओं के कद और छवि काफी बड़ी हैं. इसीलिए उनका काम ही अलग है. खासतौर पर नरेंद्र मोदी की काफी बड़ी छवि है, वो प्रधानमंत्री के तौर पर अपना दूसरा टर्म पूरा कर रहे हैं. तो ऐसे में बीजेपी के लिए अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा काफी सुटेबल कैंडिडेट हैं. बीजेपी चाहती है कि वही पार्टी अध्यक्ष रहें, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष का काम अलग होता है. उसका काम सरकार के कामों को लोगों तक पहुंचाना होता है, काडर को उत्साहित रखना होता है. इन सभी चीजों को देखते हुए जेपी नड्डा बहुत उपयुक्त व्यक्ति हैं. इसीलिए इसमें कोई भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
नड्डा को हटाने का नहीं था कोई कारण
जेपी नड्डा को अध्यक्ष के तौर पर हटाने का भी कोई मतलब नहीं बनता था. बीजेपी हाल में हिमाचल और दिल्ली एमसीडी चुनाव हारी थी, लेकिन ये इतना बड़ा फैक्टर नहीं था कि नड्डा को इसके लिए जिम्मेदार मानकर उन्हें हटा दिया जाए. बीजेपी इस वक्त काफी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है. हार जीत लगी रहती है, एक-दो चुनाव हारना इतना बड़ा फैक्टर नहीं है. जेपी नड्डा राष्ट्रीय राजनीति का अहम हिस्सा हैं. इसीलिए उनकी कुर्सी हिमाचल और एमसीडी चुनाव से खतरे में बिल्कुल भी नहीं आ सकती है. उनकी भूमिका राष्ट्रीय तौर पर है और काफी अलग है.
नड्डा के लिए आने वाली चुनौतियां
क्योंकि बीजेपी ने 2024 तक जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया है, ऐसे में लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनावों को लेकर उनकी कई चुनौतियां होंगीं. जिन राज्यों में बीजेपी कमजोर है, उनमें बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती नड्डा के सामने होगी. दो बड़े नेताओं के व्यक्तित्व को देखते हुए नड्डा सटीक व्यक्ति हैं जो पार्टी को संभाल सकते हैं. जब पार्टी सरकार के कामकाज को आगे बढ़ाएगी तभी उसे वोट मिलेंगे. सरकार के कामकाज का इलेक्टोरल फायदा हासिल करना ही नड्डा की सबसे बड़ी चुनौती है.
बीजेपी को गुजरात में पार्टी को इतनी बड़ी जीत हासिल हुई है, अब पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए इसी का जिक्र आगे किया जाएगा. हर पार्टी चीफ की तरह नड्डा ने भी ये दावा करना शुरू कर दिया है कि बूथ लेवल पर उनकी तैयारी पूरी है और आने वाले सभी राज्यों में बीजेपी चुनाव जीतने जा रही है. बतौर अध्यक्ष किसी भी नेता का यही बयान होता, क्योंकि उसे पार्टी के कार्यकर्ताओं में वोटिंग तक जोश भरना होता है.
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