बर्फ की चादर से ढकीं सड़कें, चारों ओर हसीं वादियां और झील में शिकारा की सैर... कश्मीर का जिक्र आते ही मन में यही सब आता है. यही वजह है कि इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है. सर्दियों के मौसम में कश्मीर की खूबसूरती देखते ही बनती है, खासतौर पर जनवरी से लेकर मार्च तक घाटी पूरी तरह बर्फ की चादर में लिपटी होती है. इसी खूबसूरती को देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक कश्मीर जाते हैं, लेकिन वहां खूबसूरती के अलावा कई चीजें ऐसी भी हैं, जो आम लोगों के लिए थोड़ी परेशान करने वाली हैं. 


कश्मीर में फिलहाल कोई चुनी हुई सरकार नहीं है और यहां उपराज्यपाल ही पूरी व्यवस्था देखते हैं. यहां श्रीनगर से लेकर गुलमर्ग और पहलगाम तक आपको कई बार ऐसा महसूस होगा कि आप ठग चुके हैं. अगर ये कहें कि यहां पर पर्यटकों से लूट की खुली छूट दी गई है तो ये गलत नहीं होगा. 


हम दिसंबर की शुरुआत में कश्मीर ट्रिप पर गए थे. आमतौर पर सभी लोग पहले श्रीनगर, फिर पहलगाम और सबसे आखिर में गुलमर्ग घूमने जाते हैं. हमने भी इसी तरह से अपनी ट्रिप को प्लान किया था. ट्रिप के पहले दिन हम श्रीनगर में डल झील पर बने हाउस बोट में रुके, यहीं से आपको इस लूट की छूट का एहसास हो जाएगा. 


हाउस बोट वालों को खुली छूट
हाउस बोट के लिए अक्सर लोग पहले से ही बुकिंग करवा लेते हैं, हमने भी पहले से बुकिंग करवा ली थी. लेकिन जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उन्हें लेक के पास कई तरह के एजेंट्स मिलते हैं, जो 5 हजार रुपये से लेकर 8 हजार रुपये तक आपको रेट बताएंगे. कई लोग बार्गेन करके इसे आधा कर लेते हैं और करीब 4 हजार रुपये में हाउस बोट का एक कमरा लेते हैं, लेकिन असल में ये कमरा महज दो या ढाई हजार रुपये का होता है. यानी हाउस बोट के लिए लूट की खुली छूट दी गई है. 



महंगा पड़ सकता है शिकारा का सफर
इसके बाद जब आप अपने हाउस बोट में रुकते हैं तो शिकारा का सफर तो बनता है... जो आपको पूरी डल लेक घुमाती है. अब शिकारा राइड के लिए भी आपको वही महसूस होगा, जो हाउस बोट बुक करते हुए हुआ था. शिकारा चलाने वाले आपसे एक राइड के 4 से 5 हजार रुपये तक चार्ज कर सकते हैं. जिन लोगों को पता है वो तो बार्गेन करके इसे हजार या 1200 तक कर लेते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को दोगुना दाम देकर शिकारा के मजे लेने पड़ते हैं. सीजन में शिकारा वाले ऐसे ही लोगों को घुमाते हैं जो उन्हें एक से डेढ़ घंटे के कम से कम 4 हजार रुपये देते हैं. यानी शिकारा राइड में भी पर्यटकों को लूटने की पूरी छूट है. 


शराब में जमकर लूट 
अब अगर आप शराब या बीयर पीते हैं और शाम को रूम पर ही पार्टी करना चाहते हैं तो आपको श्रीनगर में डल लेक के ही दूसरी तरफ कई ठेके मिल जाएंगे, लेकिन जब आप शराब का दाम सुनेंगे तो आपको होश उड़ जाएंगे. यहां शराब की एक बोतल पर आपसे 30 से 40 फीसदी तक ज्यादा चार्ज किया जाएगा. अगर आप 1500 रुपये प्रिंट रेट वाली कोई बोतल लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 2300 रुपये तक देने होंगे. मजबूरी में सभी लोग एक बोतल पर 600 से 700 रुपये ओवरचार्ज देते हैं और शराब खरीदते हैं. 



अधिकारियों की मिलीभगत
इस मामले को लेकर हमने श्रीनगर के एक्साइज डिपार्टमेंट में फोन किया, जिसके बाद हमारा नंबर लिया गया और इलाके के एक्साइज इंस्पेक्टर को दिया. इंस्पेक्टर ने हमें फोन कर माफी मांगी और कहा कि व्यक्तिगत तौर पर आपको श्रीनगर में जो भी मदद चाहिए हम करेंगे. जब हमने कहा कि आपकी नाक के नीचे ये सब कैसे हो रहा है तो जनाब ने ओवरचार्ज करने वालों के कान खींचने की बात कही. 


मीडिया बैकग्राउंड से होने के चलते हमें पता था कि किसे फोन करना है, लेकिन यहां आने वाले लोकल लोग और पर्यटकों को ये सब पता नहीं होता. इसीलिए वो इस मनमाने दाम को चुकाते हैं और इस खुली लूट का शिकार होते हैं. हमने चेक करने के लिए बाकी शराब की दुकानों पर भी जाकर देखा, हर दुकान पर वही हाल था. उनका कहना था कि कश्मीर में प्रिंट रेट से 35 फीसदी ज्यादा दाम पर ही शराब मिलती है. 


हर जगह पर लेनी होगी अलग कैब
इसके बाद कैब की बात कर लेते हैं. अगर आप 6 दिन के ट्रिप पर हैं और आपने पहले से ही एयरपोर्ट पिकअप से लेकर एयरपोर्ट ड्रॉप के लिए कैब बुक करवा ली है तो खुश होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. क्योंकि आपको उस कैब के चार्ज के अलावा कई दूसरी कैब भी लेनी ही होगी. पहलगाम से लेकर गुलमर्ग और सोनमर्ग इलाके में श्रीनगर की कैब नहीं चलेगी, यहां अलग टैक्सी यूनियन हैं. हालांकि पहलगाम में टैक्सी के मामले में आप नहीं लुट सकते हैं, क्योंकि यहां पहले से ही रेट फिक्स हैं. हर कार के हिसाब से रेट लिस्ट बाहर ही दिख जाएगी, आपको जो कार चाहिए आप उसे पिक कर सकते हैं. हालांकि आपको अलग-अलग जगह की कैब के लिए अपनी जेब ढीली करनी ही होगी. 


एक्टिविटीज के भी चौगुने रेट
कश्मीर की बर्फीली वादियों में जाएं और एक्टिविटीज का मजा न लें, भला ऐसा कैसे हो सकता है... यहां गुलमर्ग से लेकर पहलगाम तक कई तरह की एक्टिविटीज होती हैं. पहलगाम की बात करें तो यहां कैब आपको सबसे पहले चंदनवाड़ी लेकर जाएगी, जहां कैब से उतरते ही आपके सामने फोटो एलबम लिए लोग खड़े होंगे, जो आपको बताएंगे कि कैसे आपको मजेदार प्वाइंट्स पर लेकर जाएंगे. 


आप फोटो देखकर ललचाएंगे और रेट पूछेंगे, फिर सामने वाला आपको 4 हजार रुपये पर पर्सन का रेट बताएगा. आप बार्गेनिंग करके इसे दो हजार रुपये तक करेंगे और सोचेंगे कि आपने काफी कम दाम में ये डील क्रैक कर ली है, लेकिन अगले 10 मिनट में आपकी ये गलतफहमी दूर हो जाएगी, ये लोग आपको करीब 100 मीटर की दूरी तक ले जाएंगे जहां पहले से ही कई लोग बिना किसी गाइड के मस्ती कर रहे होंगे, आपको एक ही जगह पर तीनों प्वाइंट दिखा देंगे और इसके बाद आपको महसूस होगा कि आप ठगे जा चुके हैं. यानी उस जगह जहां आप खुद चलकर जा सकते थे, वहां जाने के लिए आप दो लोगों ने चार हजार रुपये खर्च कर दिए हैं. 


चंदनवाड़ी के बाद आप पहलगाम में बेताब वैली जाएंगे, जहां खच्चर वाले भी आपसे मनमाने दाम वसूलेंगे. काफी देर की बार्गेनिंग के बाद भी आपको 1500 रुपये तक एक खच्चर के देने होंगे, ये खच्चर आपको उस जगह तक ले जाएगा जहां पर बजरंगी भाई जान फिल्म की शूटिंग हुई थी. हालांकि बेताब वैली की खूबसूरती देखकर आपको 1500 रुपये देने का मलाल नहीं होगा. 


अब आप गुलमर्ग और सोनमर्ग की तरफ रवाना होंगे, जहां होटल में ठहरना काफी ज्यादा महंगा है. इसीलिए बेहतर ये रहेगा कि आप श्रीनगर से ही अप-डाउन करें. गुलमर्ग से पहले आप तनमर्ग पहुंचेंगे, जहां पर आपको फ्रोजन वाटर फॉल और बाकी साइट सीन करना होगा. इसके लिए आपके पास दो ऑप्शन होंगे, पहला ये कि आप लोकल कैब बुक करें और दूसरा एटीवी राइड का ऑप्शन होगा. एटीवी चार पहियों वाली एक बाइक होती है, बर्फीली वादियों में इसकी राइड का अपना ही मजा है. 


इस एटीवी राइड के लिए भी आपको बार्गेनिंग करनी होगी, चार से पांच हजार रुपये पर पर्सन के हिसाब से इसके लिए चार्ज किए जाते हैं. जो आपको एक घंटे में सभी प्वाइंट्स घुमाकर वापस तनमर्ग स्टैंड पर छोड़ देते हैं. ज्यादातर लोग तीन हजार रुपये पर पर्सन के हिसाब से ये राइड करते हैं, लेकिन जान पहचान और बार्गेनिंग करने पर ये दो हजार तक भी हो सकती है. 


गुलमर्ग में भी वही हाल
तनमर्ग से जब आप गुलमर्ग के लिए रवाना होंगे तो यहां से आपको स्नो बूट और जैकेट लेनी होगी, जिनका किराया 500 रुपये तक होता है. साथ ही आपको यहीं से लाइसेंस वाला गाइड भी मिल जाएगा, जो आपको गुलमर्ग में गंडोला राइड और बाकी चीजों में मदद करेगा. गाइड के साथ होने से आपके ठगे जाने के चांस भी कम हो जाते हैं. गाइड का रेट एक हजार रुपये फिक्स है. गुलमर्ग में उतरने के बाद आपको खच्चर वाले अलग-अलग तरह के रेट बताएंगे, गंडोला राइड तक जाने के लिए ये आपसे 500 से एक हजार तक वसूल सकते हैं, जबकि इसकी दूरी करीब आधा किमी की है. 


गुलमर्ग में गंडोला राइड यानी केबल कार से ऊपर जाने पर आपको यहां कई तरह की एक्टिविटीज मिलेंगीं. जिनमें स्नो स्कूटर, स्कीईंग और इसी तरह की बाकी एक्टिविटी शामिल हैं. इनके लिए भी आपको खूब बार्गेनिंग करनी होगी, यहां भी आपको मनमाने दाम बताए जाएंगे. एक एक्टिविटी के लिए 3 से 4 हजार रुपये तक मांगे जाएंगे, बार्गेनिंग करने के बाद आपको ये 2 हजार रुपये पर पर्सन तक पड़ेगी. यानी अगर आप तीन एक्टिविटी करते हैं तो आपको 6 हजार रुपये पर पर्सन खर्च करने होंगे. लूट की खुली छूट होने के चलते कई टूरस्ट एक राइड के तीन से चार हजार तक भी देते हैं. 


कुल मिलाकर कश्मीर प्रशासन में शामिल कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से शराब से लेकर तमाम चीजों में टूरिस्ट्स को जमकर लूटने की खुली छूट दी गई है, जाहिर सी बात है इस खुली छूट के बाद हर स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों तक मोटा पैसा पहुंच रहा होगा. यही वजह है कि घाटी में धड़ल्ले से ये लूट का बाजार चल रहा है, जो लोगों के खर्चे को दो से तीन गुना तक कर देता है. कश्मीर आने वाले लोगों के पास यहां की खूबसूरती में बिताए अपने पलों की ढेर सारी यादें तो होती ही हैं, लेकिन इस लूट का जिक्र भी वो अपने घर आकर परिवार और दोस्तों से करते हैं. जो कश्मीर की खूबसूरती पर एक दाग की तरह नजर आता है...


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