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MP में आएगा रामराज्य, गरीबों को आसरा और युवाओं को रोजगार देने पर पूरा जोर... स्पोर्टस हब बन रहा राज्य

मध्यप्रदेश में रामराज्य और सुशासन की अवधारणा को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में प्रतिबद्धतापूर्वक काम कर रही है. सरकार ने 60 दिनों में जन कल्याण के लिए कई फैसले लिए हैं. जो फैसले लिए गए हैं, वह रामराज्य की परिकल्पना के अनुरूप हैं. मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम हमारे रोम-रोम में बसे हैं. वह हमारे जीवन के हर क्षेत्र में हर कदम साथ हैं. रामराज्य की मूल अवधारणा में निहित शासन, त्वरित न्याय, खुशहाल और बेहतर समाज और जनभागीदारी शामिल है.

चित्रकूट और ओरछा सहित प्रदेश में संपूर्ण राम वन गमन पथ के विकास के लिए काम शुरू हो गया है. भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के चरण जिन-जिन स्थानों पर पड़े हैं, उन्हें तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित करने का संकल्प भी सरकार ने लिया है. सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश के शूरवीरों के जीवन और राष्ट्र के प्रति बलिदान की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के साथ भावी पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए भारत वीर संग्रहालय की स्थापना का भी फैसला लिया है.

उज्जैन में होगा व्यापार और उद्योग मेले का आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में दृढ़ संकल्पित होकर राम राज्य और सुशासन की अवधारणा को धर्म, संस्कृति और विकास के बेहतर समन्वय के रूप में आगामी महाशिवरात्रि से गुड़ीपड़वा के मध्य उज्जैन में भव्य विक्रम व्यापार और उद्योग मेले का आयोजन होने जा रहा है. यह प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृति, आध्यात्मिक और आर्थिक विकास का प्रतिबिंब होगा. इसमें विक्रम वैदिक घड़ी, विक्रम पंचांग के लोकार्पण के साथ सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जाएगा.  


MP में आएगा रामराज्य, गरीबों को आसरा और युवाओं को रोजगार देने पर पूरा जोर... स्पोर्टस हब बन रहा राज्य

धर्मप्रेमी जनता को बाबा महाकाल की नगरी के लिए हवाई यात्रा की सुविधा भी मिलेगी. प्रदेश में श्री केदारनाथ धाम की तरह इंदौर से उज्जैन और ओंकारेश्वर (ममलेश्वर) ज्योतिर्लिंग, जबलपुर से चित्रकूट, ग्वालियर से ओरछा और पीताम्बरा पीठ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होंगी.

अयोध्या और हरिद्वार की तर्ज पर विकसित होंगे एमपी के घाट

मध्यप्रदेश आध्यत्मिक और प्रभु श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा से सुशासित है. प्रदेशवासियों ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिकता की खुशियों को प्रभात फेरियों, कलश यात्राओं और विशेष स्वच्छता अभियान और दीपदान की रोशनी से जगमग कर अभिव्यक्त किया. लोकाचार और व्यवहार में भी वह अनंत खुशियां दिखाई दीं. अयोध्या और हरिद्वार की तर्ज पर मध्यप्रदेश के घाटों को विकसित करने का भी फैसला लिया गया है. पवित्र नगरी चित्रकूट को विश्व स्तरीय धार्मिक और पर्यटन स्थल के स्वरूप में विकसित करने और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को हवाई और रेल मार्ग से भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या की यात्रा का संकल्प जनता की खुशहाली का प्रतीक है.

सुशासन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सोच स्पष्ट है कि समाज के सभी वर्गों की सहभागिता के साथ सबके विकास को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ें. प्रदेश में प्रत्येक स्तर पर त्वरित पारदर्शी उत्तरदायी और संवेदनशील शासन व्यवस्था को सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं. प्रत्येक संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक संभाग में एम्स की तर्ज पर मध्यप्रदेश इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मेडिकल साइंस स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं.

किसानों के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स का होगा गठन

सुशासन का समग्र परिणाम जवाबदेही, पारदर्शिता, भागीदारी, प्रभावशीलता और दक्षता में दिखाई पड़ता है. नियम स्पष्ट और सरल हों, जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके, उसे कोई परेशानी न हो. प्रदेश के बहुसंख्यक किसानों की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स का गठन और प्राकृतिक खेती को समृद्ध और आधुनिक बनाएं जाने की कोशिशें, मध्यप्रदेश में दाल मिशन की शुरुआत, बागवानी के क्षेत्रफल को 20 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 30 लाख हेक्टेयर किया  जाने के निर्णय सुशासन की दिशा में बेहद सकारात्मक संदेश है.  

सतत् विकास के कुछ दूरदर्शी और व्यापक उद्देश्य हैं, जो भाषा, वर्ग, जाति और क्षेत्रीय पाबंदियों से परे हैं. समता और न्याय के साथ ज्यादाांश लोगों का जीवन स्तर पोषित हो और मुक्त, समावेशीय और भागीदारी निर्णय प्रक्रिया हो, यही सुशासित प्रदेश चाहता है. राम राज्य की अवधारणा पर आधारित लोककल्याण के काम मध्य प्रदेश के करोड़ों लोगों की बेहतरी का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं.

गरीबों को घर देने में भी एमपी आगे  

अपने घर का सपना संजोये गरीब परिवारों की उम्मीदें पूरी करने में मध्यप्रदेश सरकार ने देश में सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है. विकास की रेल में डबल इंजन लगने से गति और तेज हो गई है. मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 38 लाख 415 आवास निर्माण लक्ष्य मिला था. अब तक 36 लाख 40 हजार 371 आवास बनाकर मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर आ गया है. 3.79 लाख आवासों का निर्माण चल रहा है.  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि घर की चाबी सम्मान, आत्मविश्वास, सुनिश्चित भविष्य, नई पहचान और बढ़ती संभावनाओं का द्वार खोलती है. इसी सोच के साथ 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत हुई थी. हर नागरिक का सपना है उसके परिवार का अपना घर हो. अपना सपना पूरा करने में कई बाधाएं आती हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) इन बाधाओं को करने में प्रभावी सिद्ध हुई है. परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश में लाखों लोगों के पास अपना घर है.


MP में आएगा रामराज्य, गरीबों को आसरा और युवाओं को रोजगार देने पर पूरा जोर... स्पोर्टस हब बन रहा राज्य

पक्के मकान की सुविधा देने का लक्ष्य

ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर परिवारों और कच्चे और जीर्ण-शीर्ण मकानों में रहने वाले परिवारों को 2024 तक बुनियादी सुविधाओं सहित पक्के मकान की सुविधा देने का लक्ष्य है. यह नागरिकों की गरिमा से जुड़ी योजना है. ज्यादा से ज्यादा महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों को आवास की सुविधा मिली है.  

आवास में बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति के लिए अन्य योजनाओं का भी सहयोग लिया गया है. शौचालय को पीएमएवाई-जी आवास का अभिन्न अंग बनाया गया है. आवास को केवल तभी पूरा माना जाएगा जब शौचालय का निर्माण काम पूरा हो. मनरेगा में 90/95 श्रम दिवस की अकुशल मजदूरी का  प्रावधान है. सौभाग्य योजना में बिजली का कनेक्शन, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से एलपीजी का कनेक्शन निशुल्क प्रदान किया जाता है. जल जीवन मिशन में पाइप से जल आपूर्ति की जा रही है. केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को साथ लाकर गरीब जरूरतमंदों को आवास सुरक्षा दी गई है.  

जनजातीय परिवारों को मिली खुशी

प्रदेश के गुना जिले की ग्राम पंचायत मूंदरा खुर्द में रहने वाली सहरिया जनजाति के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) परिवर्तनकारी साबित  हुई. कच्चे टूटे मकान में रहने वाले सहरिया परिवारों के अब पक्के मकान हैं. उन्होंने अपने आशियाने को नीले रंग से रंगा. दूर से ही उनके मकान पहचाने जा सकते हैं. ग्राम पंचायत मूंदरा खुर्द की कृष्णा बाई कहती हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उनकी गरिमा बढ़ी है.  

शाजापुर जिले की ग्राम पंचायत भीलखेड़ी की रामकुंवर बाई गरीबी और दिव्यांगता के कारण जीवन भर कई अड़चनों का सामना करती आईं. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ने उन्हें सहारा दिया. रामकुंवर बाई बताती है कि योजना में माध्यम से जब उनका खुद का पक्का मकान तैयार हो गया तो उनके पति बालाराम खुशी से झूम उठे. पहले कभी इतनी खुशी नहीं हुई थी. उनका कच्चा मकान चूल्हे के धुएं से भर जाता था. अब घर भी पक्का है और एलपीजी कनेक्शन भी मिल गया. घर में शौचालय है और पाइप कनेक्शन से जल भी मिल रहा है. कई महिलाएं अपने आवास का सपना पूरा होते देखकर अभिभूत हो रही है. आवास का आवंटन संयुक्त रूप से पति और पत्नी के नाम से हो रहा है. यह महिला सशक्तिकरण के लिए यह अनूठी पहल है.  

लाभार्थियों की सूची की वैधता ग्राम सभा प्रमाणित करती है. इससे केवल जरूरतमंद लोगों को ही मदद मिलती है. अच्छी गुणवत्ता वाले आवासों के लिए राजमिस्त्रियों के लिए प्रशिक्षण कामक्रम शुरू किए गए हैं. प्रधानमंत्री जनमन मिशन में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह को लाभ देने के लिए सर्वे चल रहा है. अब तक 64594 हितग्राहियों के आवास स्वीकृत कर 45520 के खाते में प्रथम किश्त के पैसे दे दिये गये हैं.  

गुणवत्ता के लिए कड़ी निगरानी

मकान के निर्माण के विभिन्न चरणों की जियोटैग्ड और टाईम स्म्पटैड फोटोग्राफ को वित्तीय सहायता राशि की अगली किश्तों की रिलीज के साथ जोड़ा जाता है. फोटोग्राफ को निर्माण की गुणवत्ता और आवासों के पूरा होने की समीक्षा के लिए उपयोग किया जाता है. लाभार्थियों  के निर्धारण से लेकर मकान के निर्माण तक से जुड़ी सहायता प्रदान करने तक के काम एमआईएस आवाससॉफ्ट पर किए जाते हैं. लाभार्थियों के खाते में भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से किया जाता है. योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कई स्तरों पर निगरानी की जाती है. सामुदायिक भागीदारी से सामाजिक लेखा-परीक्षा, सांसदों की अध्यक्षता में दिशा समिति की बैठक, राष्ट्र स्तरीय निगरानीकर्ता के माध्यम से योजना के संचालन की समीक्षा नियमित रूप से की जाती है.  

गरीब आवासहीनों के अपने आवास के सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार के अंतरिम बजट 2024-25 में परिवारों की संख्या बढ़ने के कारण नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अगले पांच सालों में दो करोड अतिरिक्त मकानों का निर्माण शुरू करने का प्रावधान है. मध्यप्रदेश में हर जरूरतमंद गरीब को छत मिलने का संकल्प पूरा होगा.

डेढ़ लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण

राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता लाने और आंतरिक प्रक्रियाओं को मजबूत बनाने के प्रयासों के चलते मध्यप्रदेश में राजस्व प्रकरणों का समाधान करने राजस्व महाअभ‍ियान शुरू किया गया है. बहुत कम समय में ही डेढ़ लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण हो गया है.  

राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने, नये राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज करने, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सेच्युरेशन, समग्र का आधार से ई-केवाईसी और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग सहित आमजन की राजस्व से संबंधित समस्याओं के निराकरण में 15 जनवरी, 2024 से शुरू राजस्व महाअभियान की शुरूआत से ही अच्छे परिणाम आने लगे हैं. यह महाअभियान 29 फरवरी तक चलेगा. इसमें समय-सीमा पार कर चुके राजस्व विभाग के नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और अभिलेख दुरुस्ती के 2 लाख 41 हजार 784 प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा. अब तक लगभग डेढ़ लाख राजस्व प्रकरणों का समाधान हो चुका है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर पर शुरू किए गये महाअभियान से लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी आई है.  

कैसे होता है त्वरित निराकरण?

राजस्व रिकॉर्ड के वाचन के लिए पटवारी को समय-सारणी दी गई. गांव में खसरा बी-1 का वाचन किया गया. नागरिकों को समग्र ई-केवाईसी और समग्र से खसरे की लिंकिंग के लिए समग्र वेब पोर्टल एमपी ऑनलाइन/सीएसई के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की ई-केवाईसी कराने की सुविधा नागरिकों को नि:शुल्क दी जा रही है. आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराने के लिए नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रख लोक सेवा केन्द्रों के अतिरिक्त एमपी ऑनलाइन और सीएसई के कियोस्क के माध्यम से भी आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराये जा रहे हैं. समय-सीमा पार कर चुके लंबित प्रकरणों को न्यायालय में नियमित सुनवाई कर नामांतरण, बंटवारा, भू-अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है.  

रिकॉर्ड में दर्ज ऐसे भू-स्वामी, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है परंतु उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है उनका महाअभियान में उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को दर्ज कर निराकरण किया जा रहा है.

ग्रामीणों और किसानों में उत्साह

नामांतरण के लंबित एक लाख 54 हजार 116 प्रकरणों में से एक लाख 3 हजार 849 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है. निराकरण के लिए शेष रहे 50 हजार 267 प्रकरण अभ‍ियान की समाप्ति तक निराकृत हो जाएंगे. बंटवारा के 30 हजार 969 प्रकरणों में से 18 हजार 266 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है. सीमांकन के लंबित 31 हजार 953 प्रकरणों में से 17 हजार 243 का निराकरण किया जा चुका है. बंटवारा और सीमांकन के लंबित शेष प्रकरणों को फरवरी अंत तक निराकृत करने लक्ष्य तय किया गया है. अभिलेख दुरुस्ती के लंबित 24 हजार 746 प्रकरणों में से 6 हजार 289 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है. राजस्व महाअभियान की रोजाना समीक्षा की जा रही है. राजस्व महाअभियान से ग्रामीणों और किसानों में उत्साह है. उनके लंबित प्रकरणों का अभियान में निराकरण हुआ है.

राजस्व महाअभियान के दौरान लगभग एक लाख प्रकरण दर्ज किए गये हैं. दर्ज किए गये प्रकरणों का प्रक्रिया का पालन करते हुए त्वरित निराकरण किया जा रहा है. राजस्व महाअभियान की सतत निगरानी के लिए राजस्व विभाग द्वारा डेशबोर्ड का संचालन किया जा रहा है. इससे राज्य स्तर, जिला स्तर और तहसील स्तर तक महाअभियान के दौरान हो रहे कामों की प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है.



MP में आएगा रामराज्य, गरीबों को आसरा और युवाओं को रोजगार देने पर पूरा जोर... स्पोर्टस हब बन रहा राज्य

पिछले 2 माह में मुख्यमंत्री आवासीय भू-ज्यादाार योजना में प्राप्त 17 लाख 8 हजार  532 आवेदन में से 14 लाख 54 हजार 640 ज्यादाार-पत्र के लिए पात्र पाये गये हैं. मुख्यमंत्री नगरीय भू-ज्यादाार योजना में कुल प्राप्त 2 लाख 35 हजार 713 आवेदन में से एक लाख 51 हजार  643 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है और शेष के निराकरण की प्रक्रिया जारी है.

ऊर्जा सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने की नई रणनीति  

आम नागरिकों के जीवन में खुशहाली बढ़ाने और आर्थिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए ऊर्जा सुरक्षा देने और क्षमता बढ़ाने की नई रणनीति पर मध्यप्रदेश सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.विद्युत क्षेत्र के विकास और विस्तार के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है.मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं.प्रतिदिन गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही है.

विद्युत उपलब्ध क्षमता 21840 मेगावाट हो गई है.दिनांक 29 दिसम्बर, 2023 को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक 17586 मेगावाट शीर्ष मांग की पूर्ति की गई.वित्तीय वर्ष 2023-24 के बचे महीनों में 1007 मेगावाट और 2024-25 के दौरान 5008 मेगावाट विद्युत उपलब्ध क्षमता बढ़ाने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है.

विद्युत कंपनियों ने विद्युत व्यवस्था और विद्युत प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कई उल्लेखनीय काम किए हैं.इनमें 184 मेगावाट विद्युत उपलब्ध क्षमता में वृ‌द्धि, 12 नवीन अति उच्चदाब उपकेन्द्रों की स्थापना, 636 सर्किट किमी अति उच्चदाब लाईन का निर्माण, 23 नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना, 606 किमी 33 केव्ही और 884 किमी 11 केव्ही लाइनों का निर्माण और 2373 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना प्रमुख हैं.अप्रैल से दिसंबर, 2023 के बीच कुल 7335 करोड़ यूनिट विद्युत प्रदाय की गयी, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 545 करोड़ यूनिट यानी 8 प्रतिशत ज्यादा है.

उपभोक्ताओं को भरपूर लाभ


उपभोक्ताओं के हित में कई योजनाएँ शुरू की गई हैं.अटल गृह ज्योति योजना में प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है.पात्र उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट की खपत के लिए ज्यादातम 100 रूपये का बिल दिया जा रहा है.अंतर की राशि सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जा रही है.योजना में 100 वाट तक के संयोजित भार के 30 यूनिट तक की मासिक खपत वाली उपभोक्ता श्रेणी एल.व्ही. 1.1 के अनुसूचित जाति/जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति माह 25 रूपये का बिल दिया जा रहा है.राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को योजना के लिए वर्ष 2022-23 में 8082 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई.वर्ष 2023-24 के बजट में 4690 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान है.इस योजना से लगभग 103 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह लाभ मिल रहा है.

अटल कृषि ज्योति योजना में 10 हार्सपॉवर तक के अनमीटर्ड स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 750 रूपये प्रति हार्सपॉवर प्रतिवर्ष और 10 हार्सपॉवर से ज्यादा के अनमीटर्ड स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 1500 रुपये प्रति हार्सपॉवर प्रतिवर्ष की फ्लेट दर से बिजली मिल रही है.साथ ही 10 हार्सपॉवर तक के मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप कनेक्शन और अस्थाई मीटर्ड और अनमीटर्ड कृषि पंप कनेक्शनों को भी मासिक नियत प्रभार और ऊर्जा प्रभार में रियायत दी गई है.इस योजना से लगभग 26 लाख कृषि उपभोक्ताओं को लाभ मिल रहा है.वितरण कंपनियों को वर्ष 2022-23 में 12995 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई.वर्ष 2023-24 में 11520 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है.

किसानों के हित में 1 हेक्टेयर तक भूमि और 5 हार्सपावर तक के कृषि पंप वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को निःशुल्क बिजली दी जा रही है.इसकी प्रतिपूर्ति के लिए राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को वर्ष 2022-23 में 4997 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई और वर्ष 2023-24 में इसके लिए 5775 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है.इससे लगभग 9.36 लाख कृषि उपभोक्ताओं को लाभ मिल रहा है.

कृषक/कृषकों के समूहों स्थायी कृषि पंप कनेक्शन देने मांग को देखते हुए "मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना" लागू की गई है.कृषक/कृषकों के समूह के 3 एच.पी. या ज्यादा क्षमता के स्थायी पंप कनेक्शन के लिए वितरण कंपनी द्वारा 200 मीटर दूरी तक 11 के.व्ही. लाइन का विस्तार और वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाएगा.अधोसंरचना विकास लागत की केवल 50 प्रतिशत राशि का वहन संबंधित कृषक/कृषकों के समूह करेंगे.यह योजना 2 वर्षों तक प्रभावशील रहेगी.प्रथम वर्ष में योजनांतर्गत 10,000 पंप कनेक्शन देने का लक्ष्य है.

क्या है आरडीएसएस का उद्देश्य?


विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण विद्युत पूर्ति के उद्देश्य से परिणाम आधारित वितरण क्षेत्र योजना रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) लागू की गई है.योजना का उद्देश्य वितरण कंपनियों की समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों को कम करना और बिजली की प्रतियूनिट लागत और राजस्व के अंतर को समाप्त करना है.

योजना में केंद्र सरकार द्वारा प्रीपेड मीटर और सिस्टम मीटरिंग काम के लिए 15 प्रतिशत राशि और विद्युत् अधोसंरचना के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण कामों के लिए 60 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में विद्युत वितरण कंपनियों को देने का प्रावधान है.

इस योजना को वर्ष 2025-26 तक पूरा किया जाना है.योजना में प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और सिस्टम मीटरिंग वितरण हानियों में कमी के लिए प्रस्तावित काम और प्रणाली सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण के काम शामिल है.राज्य सरकार ने लगभग 24,170 करोड़ रुपये की कामयोजना को स्वीकृति दी है.लगभग 2.64 लाख स्मार्ट मीटर स्थापित हो गये हैं और वितरण हानियों में कमी के लिए अधोसंरचना निर्माण के लिए लगभग रुपये 7794 करोड़ के कामादेश जारी हो गये हैं.इसमें से लगभग रूपये 875 करोड़ के काम किए जा चुके हैं.

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश-2023 के अंतर्गत भविष्य की विद्युत मांग की आपूर्ति करने के लिए पारेषण प्रणाली के विस्तार के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक निविदाओं के माध्यम से अति उच्चदाब उपकेन्द्रों और उससे संबंधित लाइनों के निर्माण काम को शामिल किया गया है.टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धा बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से राज्य में 1 नग 400 के.व्ही., 7 नग 220 के.व्ही. और 27 नग 132 के.व्ही. उपकेन्द्रों और संबद्ध पारेषण लाइनों का निर्माण होगा.अब तक 10 उपकेन्द्रों और संबंद्ध पारेषण लाइनों के काम पूरे किए जा चुके है.

उपभोक्ता सेवाओं में सुधार  

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए केन्द्रीयकृत कॉल सेंटरों (1912) को क्रियाशील कर उनकी क्षमता बढ़ाई गई है.शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ता संतुष्टि के लिए फीडबैक व्यवस्था का भी प्रावधान है.असंतुष्ट उपभोक्ताओं से मैदानी ज्यादाारियों द्वारा व्यक्तिगत सम्पर्क कर, उनकी समस्या का निराकरण किया जाता है.नये कनेक्शन, संयोजित भार में वृ‌द्धि/कमी, टैरिफ श्रेणी में परिवर्तन, नाम परिवर्तन जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही है.उच्च और निम्न दाब के नये कनेक्शन के लिए आवेदन नाम/भार और उपयोग परिवर्तन, प्रोफाईल में परिवर्तन, बिल भुगतान और शिकायत, सेल्फ फोटो रीडिंग, मीटर स्थान परिवर्तन और स्थाई विच्छेदन के लिए कंपनियों द्वारा स्मार्ट बिजली एप उपयोग में ला रहे हैं.

उद्योगों के लिए छूट

ग्रामीण फीडरों के माध्यम से आपूर्ति प्राप्त करने वाले उच्चदाब उपभोक्ता के नियत प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट और न्यूनतम खपत में 20 प्रतिशत छूट उपलब्ध है.ओपन एक्सेस खपत में कमी कर वितरण कंपनी से बिजली क्रय करने पर बढ़ी हुई खपत पर 1 रुपये प्रति यूनिट की छूट और कैप्टिव प्लांट से खपत में कमी कर वितरण कंपनी से बिजली क्रय करने पर बढ़ी हुई खपत पर 2 रुपये प्रति यूनिट की छूट मिलेगी.

रोज़गार के लिए युवाओं को कौशल सम्पन्न बनाने का संकल्प

प्रदेश के हर युवा को कौशल सम्पन्न बनाकर रोज़गार प्राप्त करने योग्य बनाने के लिए राज्य सरकार ने बदलते परिदृश्य के अनुरूप रणनीतियों में बदलाव किया है. प्रत्येक युवा प्रतिभावान है. ऊर्जा और क्षमता से भरपूर है. उनकी शक्ति का उपयोग प्रदेश के विकास में तभी किया जा सकता है जब वे पूरी क्षमता और प्रतिभा के साथ कौशल सम्पन्न बनें. हर युवा के हाथ में हुनर हो और वे स्वयं के साथ-साथ प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने योगदान दे सके. इस लक्ष्य के साथ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के माध्यम से उदयोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए उनका बेहतर कौशल उन्नयन किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व और कौशल विकास और रोजगार राज्यमंत्री श्री गौतम टेटवाल के मार्गदर्शन में "कौशल युक्त-  बेरोजगार मुक्त” प्रदेश बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. रोजगार मेलों के माध्यम से उन्हें रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं. हाल ही में 22 नवीन आईटीआई स्वीकृत किए गये हैं.

बारह जिलों में 22  विकासखण्डों में नवीन शासकीय आईटीआई जल्दी ही खोले जाएंगे. अब आईटीआई की संख्या 290 हो गयी है. नवीन 22 आईटीआई के शुरू होने पर 5 हजार 280 अतिरिक्त बच्चों को प्रशिक्षण मिल सकेगा. भारत सरकार की "वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित 48 जिलों में कौशल उन्नयन" योजना में मण्डला जिले के विकासखंड मवई में एक आईटीआई स्वीकृत किया गया है.


MP में आएगा रामराज्य, गरीबों को आसरा और युवाओं को रोजगार देने पर पूरा जोर... स्पोर्टस हब बन रहा राज्य

भारत सरकार की ग्रेडिंग में उल्लेखनीय उपलब्धि

प्रशिक्षण महानिदेशालय, भारत सरकार के द्वारा जारी ग्रेडिंग स्कोर में प्रदेश की 8 आईटीआई ने 10 में से 9+, 35 आईटीआई ने 8+, 87 ने 7+, 138 ने 6+, 208 ने 5+ और 232 आईटीआई ने 4+ ग्रेडिंग स्कोर प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है. प्रदेश में सर्वोच्च ग्रेडिंग प्राप्त शासकीय आईटीआई रहटगांव और हरदा ने 10 में से 9.20 ग्रेडिंग स्कोर प्राप्त किया है.

ग्लोबल स्किल पार्क में हर साल 6000 युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग

विकसित भारत संकल्प अनुसार प्रदेश में तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और समाज के सभी वर्गों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का तकनीकी और व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए राज्य शासन द्वारा ग्लोबल स्किल्स पार्क की स्थापना की गई है. साथ ही रीवा, सागर, ग्वा्लियर और जबलपुर में भी ग्लोबल स्किल्स पार्क की स्वीकृति दी जा चुकी है.

भोपाल में 36 एकड़ में बने ग्लोबल स्किल्स पार्क में छात्रों के रहने के लिए सर्वसुविधायुक्त छात्रावास भी है. कुल 600 छात्रों और 600 छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इसके अलावा 216 प्रशिक्षकों को भी तमाम सुविधाओं के साथ रहने हेतु हॉस्टल रूम्स आवंटित किए जाएंगे. इस पार्क के माध्यम से प्रतिवर्ष 6000 युवाओं को विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा. पार्क में साइबर एण्ड नेटवर्क सिक्योरिटी, एनीमेशन मोशन ग्राफिक्स और गेमिंग टेक्नोलॉजी सहित नवीनतम तकनीकों से संबंधी  प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे युवाओं को तुरंत रोजगार मिल सके. बेहतर प्रशिक्षण के लिए आईटीआई दिल्ली, आईटीआई इंदौर, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से एग्रीमेंट किए गये हैं.

पीएम विश्वकर्मा योजना से मिलेगा लाभ

पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता देने के लिए पी.एम. विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है. योजना में टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रूपये का अनुदान मिलेगा. साथ ही पहली बार में एक लाख और दूसरी बार में 2 लाख रूपये का सस्ता ऋण मिलेगा. प्रारंभिक प्रशिक्षण 5 से 7 दिन का और 15 दिन का एडवांस प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये प्रतिदिन भत्ता भी मिलेगा. प्रशिक्षण के बाद सर्टिफिकेट भी मिलेगा. प्रशिक्षण के लिए हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया जारी है. एक परिवार से एक ही को लाभ मिलेगा.

योजना में कारीगर बढ़ई, सुनार, गुडिया और खिलौना निर्माता, नाव निर्माता, कुम्हार, नाई, अस्त्रकार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), माला निर्माता (मालाकार), लोहार, मोची (चर्मकार)/ जूता कारीगर, धोबी, हथौड़ा, टूल किट निर्माता, राजमिस्त्री, दजी, ताला बनाने वाला, टोकरी, चटाई, झाडू निर्माता कॉयर बुनकर और मछली पकड़ने का जाल निर्माता शामिल है.

आदिवासी बहुल जिलों में लड़कियों को मिलेगी ट्रेनिंग

मध्यप्रदेश में संकल्प योजनार्न्गत यूएन-वूमेन और मध्यप्रदेश कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड के बीच आदिवासी बहुल जिलों में बालिकाओं को तकनीकी शिक्षा देने के उद्देश्य से एमओयू हुआ. इसका लक्ष्य बालाघाट, मंडला, डिण्डौरी और छिंदवाड़ा सहित 12 आदिवासी बहुल जिलों में एक हजार बालिकाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण मिलेगा.

'मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना' के बारे में जानिए

राज्य शासन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में "आन द जाब ट्रेनिंग" की सुविधा देने के लिए "मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना" लागू की गई है. इस योजना में एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है. यह देश की सबसे वृहद और व्यापक "आन द जाब ट्रेनिंग" योजना है. योजना में 10 हजार  522 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसमें 21 हजार 660 प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं.

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 18 से 29 वर्ष के युवा पात्र होंगे हैं, जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हैं और जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है. योजना के तहत चयनित युवा को "छात्र-प्रशिक्षणार्थी" कहा जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान 8000 से 10000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होगा. 12वीं पास को 8000 रूपये, आईटीआई पास को 8500 रूपये, डिप्लोमा पास को 9000 रूपये और स्नातक और उच्च योग्यता धारक को 10000 रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जा रहा है. प्रशिक्षण उपरान्त इन्हें प्रमाण-पत्र दिया जाएगा. युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.

देश का स्पोर्ट्स हब बनता मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय स्पोर्टस मैप में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है. राज्य सरकार के गंभीर प्रयासों, खेल अधोसंरचनाओं में निरंतर विस्तार, प्रशिक्षण के स्तर में गुणवत्तापूर्ण सुधार और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन देने के उत्कृष्ट परिणाम हासिल हुए हैं. खेल अकादमियों का संचालन, खेल पुरस्कार, खेलों के लिए विशेष छात्रवृत्ति, पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार और खेल संघों को खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से मध्यप्रदेश देश का स्पोर्टस हब बन गया है.  

खेल अकादमियों का संचालन योजना अंतर्गत विभाग द्वारा 18 खेलों की 11 अकादमियाँ संचालित की जा रही है. खेल अकादमियों और फीडर सेन्टर्स में 996 खिलाड़ियों को बोर्डिंग और डे-बोर्डिंग योजना अंतर्गत प्रवेश प्रदान कर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही है.

भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के 3 खिलाड़ियों यथा शूटिंग खिलाडी ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, हॉकी खिलाड़ी सुशीला चानू, केनोइंग-क्याकिंग की पैरा खिलाड़ी प्राची यादव को अर्जुन अवॉर्ड और हॉकी ऑलिपियन के प्रशिक्षक श्री शिवेन्द्र सिंह को द्रोणाचार्य अवार्ड-2023 से सम्मानित किया गया. मध्यप्रदेश राज्य को 23 साल बाद यह अवसर मिला है, जब मध्यप्रदेश के एक साथ 3 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड और एक प्रशिक्षक को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. गोवा में आयोजित 37वीं राष्ट्रीय खेल में मध्यप्रदेश के 416 खिलाडियों द्वारा 37 खेलों में प्रतिभागिता कर 112 पदक (37-स्वर्ण, 36-रजत, 39-कॉस्य) प्राप्त कर पदक तालिका में चौथा स्थान प्राप्त किया. यह हमारे खिलाड़ियों का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है.

खेलो एम.पी यूथ गेम्स

खेलों इण्डिया यूथ गेम्स-2022 की तर्ज पर मध्यप्रदेश राज्य में खेलो एम.पी यूथ गेम्स-2023 का आयोजन मध्यप्रदेश के सभी जिलो में किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश के 1,20,105 खिलाड़ियों द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया. यह आयोजन निरंतर प्रतिवर्ष किया जाएगा. भोपाल को स्पोर्ट्स हब और मध्यप्रदेश में स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ाने के लिए नाथू बरखेडा स्पोर्ट्स  सांईस सेन्टर की स्थापना की जा रही है. प्रथम चरण में एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रेक मय फुटबॉल स्टेडियम और हॉकी सिंथेटिक टर्फ मय पवेलियन द्वितीय चरण में "इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स" का निर्माण और तृतीय चरण में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण प्रस्तावित है. इसके लिए विभाग द्वारा 985 करोड़ 76 लाख रुपये का व्यय किया जाएगा.

खेल अधोसंरचना का विस्तार

अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय स्तर की खेल अधोसंरचना निर्माण में मध्यप्रदेश राज्य अग्रणी राज्य की श्रेणी में है. मध्यप्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 18 हॉकी टर्फ निर्मित है और 3 हॉकी टर्फ निर्माणाधीन है. इसी प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 10 एथलेटिक्स सिंथेटिक निर्मित है. विभाग के स्वामित्व के 107 स्टेडियम/खेल प्रशिक्षण केन्द्र निर्मित है और 56 निर्माणाधीन है.

37 सालों के बाद टोक्यो ओलम्पिक-2020 में मध्यप्रदेश के खेल अकादमियों के खिलाडियों द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन कर 10 खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभागिता की गई और पुरूष हॉकी में एक कांस्य पदक प्राप्त किया गया. आगामी ओलम्पिक, फ्रांस (पेरिस) गेम्स-2024 में अकादमी के खिलाड़ी ज्यादा संख्या में प्रतिनिधित्व कर सकें, इसके लिए खिलाड़ियों को आधुनिक उच्च प्रशिक्षण के लिए विदेशी प्रशिक्षक से विदेश में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा और विदेशी प्रशिक्षक को भी आमंत्रित किया जाएगा.

मां तुझे प्रणाम योजना अंतर्गत माह जून-2023 में मध्यप्रदेश के 909 युवाओं को तनोत माता का मंदिर (राजस्थान), वाघा-हुसैनीवाला (अमृतसर पंजाब), कन्याकुमारी (तमिलनाडु) की अनुभव यात्रा कराई गई. योजना अंतर्गत प्रतिवर्ष 3,000 युवाओं को भ्रमण यात्रा पर भेजने का लक्ष्य रखा गया है. मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी भोपाल में विश्व कप (राइफल/पिस्टल), एशियाई शूटगन शूटिंग चैम्पियनशिप और विश्व जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का आयोजन आगामी माहों में किया जाना प्रस्तावित हैं.
 

MP में आएगा रामराज्य, गरीबों को आसरा और युवाओं को रोजगार देने पर पूरा जोर... स्पोर्टस हब बन रहा राज्य

वन डिस्ट्रिक्ट-वन स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स

मध्यप्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट-वन स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स योजना शुरू करेंगे. इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाएगा. ब्रेकडांस अकादमी की स्थापना की जा रही है. ई-स्पोर्ट्स अकादमी और जिला उज्जैन में मलखम्ब और जिम्नास्टिक अकादमी की स्थापना की जाना प्रस्तावित है.

मध्यप्रदेश में खेल अधोसंरचना का निर्माण, जन निजी भागीदारी योजना से किया जाना प्रस्तावित है. मध्य प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों का खेल अकादमियों में चयन हो सके, इसके लिए प्रत्येक खेल अकादमी के न्यूनतम 5 फीडर सेंटर स्थापित किए जाएंगे. माह अक्टूबर, 2024 में आयोजित नेशनल गेम्स, उत्तराखण्ड-2024 में मध्यप्रदेश से ज्यादााधिक खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभागिता कर पदक अर्जित करने के प्रयास किए जाएंगे.

ओलम्पिक गेम्स-2024 में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों की ज्यादााधिक प्रतिभागिता का प्रयास किया जाएगा. पुलिस विभाग में प्रतिवर्ष उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सब इंसपेक्टर के 10 पद और कान्सटेबल के 50 पद पर नियुक्ति की जाएगी.
 
ऑनलाइन मिलेगी खिलाड़ियों की जानकारी

वन डिस्ट्रिक्ट-वन स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स योजना अंतर्गत भविष्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए खेल अधोसंरचना को 4 श्रेणी राजभोगी शहर, संभागीय मुख्यालय, बड़े जिला मुख्यालय, छोटे जिला मुख्यालय में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्थापित करने की काम-योजना तैयार की जाएगी. खेल संघों की खेल प्रतियोगिताओं और पंजीकृत खिलाड़ियों की जानकारी ऑनलाइन की जाएगी.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

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