एक्सप्लोरर

मुंबई में माफिया और पुलिस का कनेक्शन है पुराना, कई नेता भी दागदार

वोहरा कमेटी की रिपोर्ट का यह हिस्सा बताता है कि मुंबई में माफिया और पुलिस का किस तरह चोली दामन का साथ रहा है. अब जिस तरह इकबाल मिर्ची ने राहुल राय को मार डालने की कोशिश की तो उस पर भी मुंबई पुलिस के अफसरों ने खुद को बचाने का अभियान चलाया.

बात 1993 की है. तब देश में पीवी नरसिंहराव की सरकार थी और एन एन वोहरा गृह सचिव थे. उस समय एन एन वोहरा ने मुंबई के माफिया, नेताओं और अफसरशाही पर एक रिपोर्ट तैयार की थी. यहां अफसरशाही से मतलब मुंबई पुलिस से ही था. वोहरा कमेटी में इकबाल मिर्ची के बारे में बताया गया था. इकबाल मिर्ची कभी मुंबई में फुटपाथ पर पान, बीड़ी, सिगरेट की थड़ी लगाया करता था लेकिन देखते ही देखते ही वह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा ड्रग माफिया बन गया. उस समय राहुल राय मुंबई के एंटी नार्कोटिक सेल के डीसीपी हुआ करते थे. वोहरा कमेटी के अनुसार राहुल राय इकबाल मिर्ची के संपर्क में आया और दोनों साथ काम करने लगे. राहुल राय नब्बे के दशक के आखिरी सालों में अचानक गायब हो गया. वो दरअसल अमेरिका चला गया था. संयुक्त राष्ट्र में उसे डेपुटेशन पर भारत की तरफ से भेजा गया था लेकिन कार्यकाल खत्म होने के बाद भी राहुल राय भारत वापस नहीं लौटा. कई दफा भारत सरकार ने बुलावा भेजा लेकिन फिर भी नहीं लौटा. उसकी फाइलें खंगाली गई तो पता चला कि इकबाल मिर्ची का सारा आपराधिक रिकॉर्ड राहुल राय के कार्यकाल में गायब हो गया था. सारे सबूत, सारे कागज, सारे दस्तावेज गायब थे. 1993 के बाद इकबाल मिर्ची दुबई होते हुए लंदन भाग गया था. उसे भारत सरकार वापस देश में नहीं ला सकी क्योंकि भारत सरकार के पास जरूरी सबूत और दस्तावेज नहीं थे. यह दस्तावेज और सबूत इसलिए नहीं थे क्योंकि डीसीपी राहुल राय ने उन्हें नष्ट कर दिया था. बाद में खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि इकबाल मिर्ची ने उसी राहुल राय की हत्या की साजिश रची थी, जिसने इकबाल मिर्ची को इकबाल मिर्ची बनाने में मदद की थी.

वोहरा कमेटी की रिपोर्ट का यह हिस्सा बताता है कि मुंबई में माफिया और पुलिस का किस तरह चोली दामन का साथ रहा है. अब जिस तरह इकबाल मिर्ची ने राहुल राय को मार डालने की कोशिश की तो उस पर भी मुंबई पुलिस के अफसरों ने खुद को बचाने का अभियान चलाया. यह अभियान था फर्जी एनकाउंटर का. दरअसल, 1993 से 2003 के बीच के दस सालों में मुंबई में अंडरवर्ल्ड और माफिया की तूती बोलती थी. उस समय के मुंबई पुलिस के कमिश्नर रोनी मेनडोंका ने डीजी पुलिस अरविंद इनामदार को 17 ऐसे अफसरों की सूची सौंपी थी, जिनके अंडरवर्ल्ड से रिश्ते बताए जाते थे. अब एक तरफ ऐसे अफसरों का पर्दाफाश भी करना था और दूसरी तरफ माफिया का खात्मा करना था. लिहाजा मुंबई पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट्स को यह काम सौंपा गया. 1993 से लेकर 2003 के दस सालों में माफिया के लिए काम करने वाले करीब 600 लोग मार गिराए गए. यह लोग दाउद इब्राहिम, छोटा राजन और अरुण गवली के गिरोह के लिए काम करते थे. अब यह बताने की जरूरत है कि 600 लोगों में से बहुत से गुंडे फर्जी एनकाउंटर में मार गिराए गए.

अभी मुकेश अंबानी के घर के बाहर गाड़ी में जिलेटिन रखने और मुकेश अंबानी को धमकी देने की जो कहानी सामने आ रही है और उसमें एएसआई सचिन वाजे का नाम आ रहा है तो आप कल्पना कीजिए कि उस दौर में ऐसे एक दर्जन से ज्यादा सचिन वाजे हुआ करते थे. कुल मिलाकर अब तक छप्पन फिल्म में नाना पाटेकर के रोल को याद कीजिए. कैसे वह फर्जी एनकाउंटर करता है, अंडरवर्ल्ड से रिश्ते रखता है, एक गैंगस्टर की मदद से दूसरे गैंगस्टर को खत्म करता है, खुद की पत्नी की हत्या होने के बाद कैसे गैंगस्टर की मदद से देश से बाहर निकलता है और कैसे पत्नी के हत्यारे उसी गैंगस्टर को मार डालता है. ऐसी ही उलझी हुई कहानी इस समय भी हमें दिखाई दे रही है.

जूलियो रिबेरियो महाराष्ट्र में पुलिस के मुखिया यानि डीजी रहे हैं. उन्हें पंजाब में आतंकवाद को खात्मे के लिए भी डीजी बनाकर भेजा गया था. गुजरात में भी वह डीजी रहे हैं. उन्होंने अपने एक लेख में एक सच्चा किस्सा लिखा है. मुंबई क्राइम ब्रांच की जिम्मेदारी एक बार महिला पुलिस अधिकारी मीरन बोरवंकर को सौंपी गयी थी. उस समय मुंबई में बिल्डरों और फिल्म निर्माताओं पर माफिया की नजर थी. उन्हे धमकियां मिलती रहती थी. बम से उड़ा देने की, गोली मार देने की, चेहरे पर तेजाब फेंक देने की, अगवा करने के बाद करोड़ों की फिरौती मांगने की. ऐसी शिकायतें आए दिन आया करती थीं. आईपीएस मीरन को लगा कि ऐसी धमकियां तब ज्यादा हो जाती हैं जब क्राइम ब्रांच में कथित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ज्यादा होते हैं तो मीरन ने ऐसे सारे स्पेशलिस्ट्स पुलिस थानों में वापस भेज दिए. उसके बाद बिल्डरों और फिल्म निर्माताओं को धमकियां मिलनी भी लगभग बंद हो गई.

यह उदाहरण भी बताता है कि मुंबई में पुलिस, माफिया और नेताओं का किस तरह का नेक्सेस है. कुछ नाम याद आते हैं- प्रदीप शर्मा, दया नायक, विजय सालास्कर, अरुण बोर्डे, रविंद्र आंग्रे, प्रफुल्ल भौंसले आदि नाम उस समय बहुत चर्चा में हुआ करते थे. कहा जाता है कि दया नायक पर ही अब तक छप्पन फिल्म बनी थी. दया नायक के गांव में एक छोटे से जलसे में शामिल होने उस समय अमिताभ बच्चन भी गए थे. इससे पता चलता है कि एनकाउंटर स्पेशलिस्टों की फिल्म सितारों की कितनी जरूरत रहती थी. अब आगे देखिए प्रदीप शर्मा पुलिस से निलंबित किए गये थे. उन्होंने 2019 में शिवसेना के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन चालीस हजार वोट से हार गए. सचिन वाजे ने खुद 2008 में नौकरी छोड़ने की अर्जी देने के बाद शिवसेना के लिए काम किया था. विजय सालास्कर पुलिस की नौकरी में आने से पहले शिवसैनिक हुआ करते थे. रविंद्र आंग्रे बीजेपी के सदस्य हुआ करते थे. लोखंडवाला शूटआउट से चर्चा में आए एए खान ने 1998 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था. मुंबई पुलिस में ऐसे काफी लोग रहे हैं जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद किसी राजनीतिक दल में शामिल होकर चुनाव में हाथ आजमाया लेकिन फिलहाल हम ऐसे पुलिस अधिकारियों की बात कर रहे हैं जिनकी छवि विवादास्पद रही और जिनके माफिया से रिश्ते बताए गए या फिर फर्जी एनकाउंटर में उनका रोल पाया गया.

प्रमोशन से इनकार

एक और दिलचस्प बात है कि मुंबई पुलिस में ऐसे अफसरों की भी कमी नहीं है जिन्होंने प्रमोशन तक नहीं लिया. कुछ पर माफिया का खुलकर साथ देने का आरोप भी लगा. एक चर्चित केस 2003 का है. पैरोल पर छूटे एक अपराधी विजय पालांदे ने दो लोगों की हत्या कर दी थी. वह बाद में पकड़ा गया लेकिन जब उसे पुलिस की गाड़ी से ले जाया जा रहा था तो वह भाग गया. पुलिस जांच में पता चला कि उसे भगाने में उसके भाई प्रदीप शिंदे की बड़ी भूमिका रही जो मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर हुआ करता था. मुंबई पुलिस ने उसे सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की लेकिन डीजीपी ने उस पर अमल से मना कर दिया. एक विभागीय जांच बैठा दी गई, जिसने सारे मामले को रफा दफा कर दिया. खैर, हम बात कर रहे थे ऐसे पुलिस अफसरों की जो अपने थाने में रहकर जनता की सेवा इस कदर करना चाहते हैं कि प्रमोशन तक पर लात मार देते हैं. प्रमोशन से रुतबा बढ़ता है, तनख्वाह में भी थोड़ा बहुत इजाफा होता है लेकिन 2008 में आधा दर्जन से ज्यादा मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर ने एसीपी बनने का प्रमोशन ठुकरा दिया. 2013 में मुंबई और नवी मुंबई के 22 इंस्पेक्टर ने एसीपी का प्रमोशन लेने से मना कर दिया. मुंबई पुलिस में सोशल सेवा सेल है जो बार, तवायफों, ड्रग बेचने वालों, पॉर्नेग्राफी के धंधे, मटका, सट्टा, जुआ खेलने वालों पर नजर रखता है. इस सेल में आने के लिए दो इंस्पेक्टर ने राजनेताओं से फोन करवाए थे. ऐसा उस समय के मुंबई पुलिस कमिश्नर ने अपने एक लेख में हाल ही में बताया है. साफ है कि प्रमोशन को ठुकराना और सोशल सेवा सेल में आने का मकसद क्या है, यह समझाने की जरूरत नहीं है.

अब सिर्फ खाकी ही दागदार है और खादी साफ सुथरी है, ऐसा नहीं कहा जा सकता. मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ रुपये का हफ्ता हर महीने वसूलने का दबाव डालने का आरोप लगाया है. उन पर पुलिस के ट्रांसफर पोस्टिंग में भी पैसा खाने का आरोप लग रहा है. यह भी कोई नई बात नहीं है. उल्टे अगर हम महाराष्ट्र के नेताओं की बात करें तो तस्वीर काफी मैली नजर आती है. एडीआर और इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट कहती है कि महाराष्ट्र की विधानसभा के 288 विधायकों में से 176 पर आपराधिक मामले दर्ज है. इनमें से 113 पर तो गंभीर किस्म के मामले दर्ज हैं. गंभीर मामले यानि हत्या, हत्या की कोशिश, रेप, अगवा करना आदि. यहां भी कोई पार्टी दूध की धुली नहीं है. बीजेपी के 105 विधायक हैं. इनमें से 65 पर आपराधिक मामले हैं. इसमें से 40 पर गंभीर मामले दर्ज हैं. इसी तरह शिवसेना के 76 विधायकों में से 31 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें से 26 पर गंभीर आरोप हैं. एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं. इनमें से 32 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें 17 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस की बात करें तो उसके 44 विधायक हैं, जिसमें से 26 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें से 15 पर गंभीर मामले दर्ज हैं. अब आते हैं महाराष्ट्र के सांसदों पर. कुल 48 सांसद हैं. बीजेपी के 23 सांसद हैं. इसमें से 13 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें से 6 पर गंभीर मामले दर्ज हैं. शिवसेना के 18 सांसद हैं. उसमें से 11 पर आपराधिक मामले हैं. इसमें से पांच पर गंभीर मामले दर्ज हैं. एनसीपी के चार सांसद हैं. दो पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस का एक सांसद है, जिसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है.

 नेताओं की संपत्ति बढ़ी

महाराष्ट्र के नेताओं की संपत्ति की बात करें तो भी चौंकाने वाली कहानी सामने आती है. एडीआर यानि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने ऐसे 185 विधायकों की संपत्ति का अध्ययन किया, जो 2014 और 2019 का विधानसभा चुनाव जीते. इन विधायकों ने चुनाव आयोग के सामने अपनी संपत्ति का हलफनामा दिया. उसके अनुसार पांच सालों में विधायकों की औसत विकास दर 73 फीसद रही यानि 2014 के मुकाबले 2019 में इन विधायकों की संपत्ति औसत रूप से 73 प्रतिशत बढ़ गयी. बीजेपी के विधायकों की संपत्ति औसत रूप से 14 करोड़ से बढ़कर 25 करोड़ हो गई. शिवसेना के विधायकों की संपत्ति साढ़े सात करोड़ रुपये से बढ़कर 15 करोड़ हो गई. एनसीपी के विधायकों की संपत्ति नौ करोड़ से बढ़कर 17 करोड़ तो कांग्रेस के विधायकों की संपत्ति 9 करोड़ से बढ़कर 14 करोड़ हो गई. यानि महाराष्ट्र में आम आदमी भले ही मुश्किल से जिंदगी चला रहा हो लेकिन नेता पुलिस और माफिया खूब फल-फूल रहा है. पनप रहा है. विकसित हो रहा है. अब इससे आगे बहस करने को क्या बचता है?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'चोट पर नमक छिड़कने के लिए...' जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर लगाए मनरेगा को इग्नोर करने का आरोप
'चोट पर नमक छिड़कने के लिए...' जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर लगाए मनरेगा को इग्नोर करने का आरोप
बिजनसमैन से वसूली, फिर ब्लैकमेल, उद्धव ठाकरे गुट के पूर्व कॉर्पोरेटर को पुलिस ने किया अरेस्ट
बिजनसमैन से वसूली, फिर ब्लैकमेल, उद्धव ठाकरे गुट के पूर्व कॉर्पोरेटर को पुलिस ने किया अरेस्ट
सैफ अली खान की इस एक्ट्रेस ने बिकिनी में कराया फोटोशूट, तस्वीरें वायरल
सैफ अली खान की इस एक्ट्रेस ने बिकिनी में कराया फोटोशूट, तस्वीरें वायरल
सड़क पर चल रही महिला को स्कूटी सवार लड़की ने मारी टक्कर, मदद करने के बजाय हुई रफू चक्कर
सड़क पर चल रही महिला को स्कूटी सवार लड़की ने मारी टक्कर, मदद करने के बजाय हुई रफू चक्कर
ABP Premium

वीडियोज

Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में PM Modi का केजरीवाल का बड़ा हमला | Breaking News | ABP NEWSDelhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में PM Modi ने कर दिया बड़ा एलान | Breaking News | ABP NEWSDelhi Election 2025: नए बजट को लेकर PM Modi का बड़ा बयान | Breaking News | ABP NEWSDelhi Election 2025: दिल्ली चुनाव के बीच AAP सरकार पर PM Modi का बड़ा हमला | ABP NEWS

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'चोट पर नमक छिड़कने के लिए...' जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर लगाए मनरेगा को इग्नोर करने का आरोप
'चोट पर नमक छिड़कने के लिए...' जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर लगाए मनरेगा को इग्नोर करने का आरोप
बिजनसमैन से वसूली, फिर ब्लैकमेल, उद्धव ठाकरे गुट के पूर्व कॉर्पोरेटर को पुलिस ने किया अरेस्ट
बिजनसमैन से वसूली, फिर ब्लैकमेल, उद्धव ठाकरे गुट के पूर्व कॉर्पोरेटर को पुलिस ने किया अरेस्ट
सैफ अली खान की इस एक्ट्रेस ने बिकिनी में कराया फोटोशूट, तस्वीरें वायरल
सैफ अली खान की इस एक्ट्रेस ने बिकिनी में कराया फोटोशूट, तस्वीरें वायरल
सड़क पर चल रही महिला को स्कूटी सवार लड़की ने मारी टक्कर, मदद करने के बजाय हुई रफू चक्कर
सड़क पर चल रही महिला को स्कूटी सवार लड़की ने मारी टक्कर, मदद करने के बजाय हुई रफू चक्कर
बजट में मिली आयकर राहत से पेंशनर गदगद, केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री की नायाब पेशकश
बजट में मिली आयकर राहत से पेंशनर गदगद, केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री की नायाब पेशकश 
Virat Kohli: फैंस दे रहे थे गालियां, उधर हिमांशु सांगवान से जा मिले विराट कोहली; बोले - क्या गेंद थी, मजा आ गया
फैंस दे रहे थे गालियां, उधर हिमांशु सांगवान से जा मिले विराट कोहली; बोले - क्या गेंद थी, मजा आ गया
बजट के लिए लाखों करोड़ रुपये कहां से आता, राज्य या किसी सेक्टर को कितना मिलेगा ये कैसे तय होता है?
बजट के लिए लाखों करोड़ रुपये कहां से आता, राज्य या किसी सेक्टर को कितना मिलेगा ये कैसे तय होता है?
उदित नारायण ही नहीं ये हॉलीवुड सेलेब्स भी कर चुके हैं लाइव किस, कई वीडियो हुए वायरल
उदित नारायण ही नहीं ये हॉलीवुड सेलेब्स भी कर चुके हैं लाइव किस, कई वीडियो हुए वायरल
Embed widget