क्रिकेट में एक कहावत है- ‘बीतते वक़्त के साथ कप्तानी निखरती है और बल्लेबाज़ी बिखरती है.’  हिंदुस्तान के क्रिकेट में ये कहावत एकदम सटीक बैठती है, जैसे जैसे कप्तानी के साल बढ़ते हैं बल्लेबाज़ी के आंकड़े घटने लगते हैं. और महेंद्र सिंह धोनी पर तो ये बात बिल्कुल सटीक बैठती है, उनके इंटरनेशनल करियर के आख़िरी दौर में भी यही दिखा और अब इस बार IPL में वो पूरी तबीयत से दिख भी रही है. इस बार IPL का दूसरा दौर चल रहा है, दोनों ही दौर में धोनी की सिर्फ़ कप्तानी चमकी है, बल्लेबाज़ी में आंकड़े कमजोर भी हैं और डराते भी हैं कि IPL छोड़ते समय धोनी के करिश्मे के ऊपर असफलता की मोटी परत ना चढ़ जाए.


बहुत कठिन है डगर ‘रन-घट’ की


देखिए धोनी एक ज़बरदस्त बल्लेबाज़ रहे हैं,  होंगे भी अंदर से लेकिन क्रीज़ पर नहीं दिख रहा. पहले ये आंकड़े देख लिजिए फिर कारण पर संदेहों का हेलिकॉप्टर शॉट भी घूमेगा.


IPL-2021 में धोनी


मैच- 8, रन- चालीस, औसत- 10.0, चौका- 4, छक्का- 1


देखिए धोनी की जो ख़ासियत उन्हें 130 करोड़ दिलों की धड़कन बनाता है वो है फंसे हुए मैचों में जीत दिलाने की उनकी क़ाबिलियत. भले ही धोनी इंटरनेशनल स्तर पर अपने आख़िरी के सालों में ऐसा ना कर पाए हों लेकिन ये एक ऐसी छवि है जो आज भी हर हिंदुस्तानी फैंस के दिल में रची-बसी है. IPL में इस बार की शुरुआत धोनी के इस टूर्नामेंट में सबसे ख़राब शुरुआतों में से एक है. बल्ला चल तो रहा है लेकिन गेंद बाउंड्री पार नहीं जा रही.


फ़र्स्ट मैच, फ़र्स्ट फ़्लॉप शो


इस IPL के दूसरे दौर के शुरुआती मैच में मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ धोनी के पास मौक़ा भी था और फैंस को इंतज़ार भी था. हाल फ़िलहाल के कई IPL में शायद पहली बार धोनी क्रीज़ पर चौथे ओवर में ही क्रीज़ पर आ गए थे. पूरे 16 ओवर का समय था, लेकिन हमेशा इत्मिनान वाले धोनी इस पारी में बदले- बदले नज़र आए, जो धोनी बिल्कुल आख़िर में लंबे शॉट्स लगाते थे, वो पांचवीं गेंद को ही बुर्ज ख़लीफ़ा में भेजने की कोशिश कर बैठे, जिस धोनी की कलाई, हिंदुस्तान की क्रिकेट मैदान में ताक़त मानी जाती थी, उसी की कलई खुल गई, गेंद बल्ले के बीचों-बीच लगी थी और कैच भी बीचों-बीच ही पकड़ा गया.


बल्ला प्रैक्टिस से चलता है गुडविल से नहीं


हिंदुस्तानी फैंस के सामने इज़्ज़त की गाड़ी तो गुडविल से चल जाती है, लेकिन क्रिकेट पिच पर रन गुडविल से नहीं बनते. धोनी ने 15 अगस्त 2020 को इंटरनेशनल क्रिकेट से अलविदा कह दिया था, घरेलू क्रिकेट में कोरोना के चलते खेल ना के बराबर ही हुआ, वैसे भी धोनी घरेलू क्रिकेट में कम ही खेलते हैं. धोनी ने घरेलू क्रिकेट में झारखंड के लिए आख़िरी बार 2016-17 के सीज़न में खेला था. अब नेट्स पर कोई भी क्रिकेटर चाहे कितनी प्रैक्टिस कर ले लेकिन मैच प्रैक्टिस की कमी बड़े बड़े बल्लेबाज़ों की मैच में हवा निकाल देती है. धोनी के साथ भी यही हो रहा है और डर है कि ये होता ना रहे.


कप्तानी के दम पर कब तक खेलेंगे धोनी?


बड़ा सवाल अब यही है और पूछा भी जा रहा है कि धोनी कप्तानी के दम पर कितने दिनों तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलेंगे। चेन्नई के मालिक एन श्रीनिवासन के धोनी लाड़ले हैं और होने भी चाहिए। लेकिन धोनी क्रिकेट फैंस के भी बड़े लाड़ले हैं, धोनी को देखकर हिंदुस्तानी क्रिकेट की कई पीढ़ियां छोटे क़स्बों से निकली हैं और IPL में नाम बना रही हैं। ऐसे में धोनी को ये भी ध्यान रखना होगा कि कहीं उनकी प्रेरणा स्रोत वाली छवि ना धूमिल हो क्योंकि ऐसा हुआ तो ये हिंदुस्तानी क्रिकेट के लिए बड़ा घाटा होगी।


क्या ये धोनी का आख़िरी IPL है?


धोनी की उम्र अब 40 साल की हो गई है, IPL के सबसे सफल और करिश्माई कप्तानों में शुमार हैं धोनी, इंटरनेशनल क्रिकेट में उनकी सफलता की क़समें खाई जाती हैं, IPL में उनकी बल्लेबाज़ी का ओवरऑल रिकॉर्ड भी शानदार है, लेकिन ये सारी सफलताएं बतौर खिलाड़ी धोनी के मैदान में उतरने से पहले ही सुनहरी लग रही हैं, ऐसे में हरभजन सिंह ने भी दबी ज़ुबान में ही सही, कह ही दिया कि हो सकता है ये धोनी का IPL में आख़िरी साल हो। अगर धोनी की चेन्नई इस बार फ़ाइनल में पहुंची तो हो सकता है धोनी अपने 5000 IPL रन भी पूरे कर लें, हालांकि ये दूर की कौड़ी लग रही है, लेकिन फिर धोनी और करिश्मे को अलग करके कहां देखा जाता है हिंदुस्तानी क्रिकेट में.


IPL में धोनी का रिकॉर्ड (21 सितंबर 2021 तक)


मैच- 212, रन- 4672, स्ट्राइक रेट- 136.5, अर्धशतक- 23, चौका- 317, छक्का- 217


उम्मीद है धोनी का बल्ला इसी IPL में रनों की आतिश बरसाएगा, धोनी अभी कुछ साल IPL और खेलेंगे, लेकिन अगर सारी उम्मीदें पूरी हो जातीं तो नाउम्मीदी को क्रिकेट में इतनी शोहरत कहां होती.



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