एक्सप्लोरर

मणिपुर चुनाव: BJP बचा पाएगी पूर्वोत्तर की 'मणि' से जड़ा अपना मुकुट ?

अगले तीन महीने में यूपी, पंजाब समेत पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में भी विधानसभा होने वाले हैं, जहां बीजेपी इस बार अपने बलबूते पर ही सत्ता में आने के  लिए सारा दमखम लगा रही है. 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में साल 2017 के चुनावों में बीजेपी दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन उसने क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर वहां सरकार बना ली. अब बीजेपी की चुनावी रणनीति छोटी पार्टियों की बैसाखी को छोड़कर खुद अपने दम पर बहुमत लाने की है. इसलिए पांच साल पहले तक जिस पार्टी से जुड़ने के लिए लोग तैयार नहीं थे, अब उसी बीजेपी का टिकट पाने के लिए स्थानीय नेताओं में होड़ लगी हुई है.

हालांकि मुख्य मुकाबला तो बीजेपी और उसके सहयोगी दलों और कांग्रेस के बीच ही है, लेकिन गोवा की तरह यहां भी ममता बनर्जी की टीएमसी तीसरी ताकत बनकर उभर रही है. लिहाज़ा त्रिकोणीय मुकाबला होने के पूरे आसार हैं. हालांकि पिछली बार उसे एक सीट ही मिली थी, लेकिन उससे पहले 2012 के चुनाव में उसने 7 सीटें जीतकर अपनी ताकत का एहसास करा दिया था. वहीं ताकत पाने के लिए ममता भी अपना पूरा जोर लगा रही है, ताकि बीजेपी को पांच साल पहले वाला करिश्मा दोहराने से हर हाल में रोका जा सके.

म्यांमार यानी बर्मा की सीमा से लगते इस प्रदेश को अशांत व संवेदनशील माना जाता है, इसीलिए वहां उग्रवाद से लड़ने के लिए अफस्पा यानी (Armed Forces (Special Powers) Act) लागू है, लेकिन इस कठोर कानून को वापस लेने की मांग अब वहां एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन रहा है. मुख्य विपक्षी कांग्रेस समेत बीजेपी सरकार में शामिल दोनों सहयोगी दलों ने इस कानून वापसी की मांग को लेकर अपनी आवाज उठानी शुरु कर दी है, लिहाज़ा बीजेपी को इस मुद्दे पर अब अपना रुख साफ करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- Petrol-Diesel Price: सरकार ने पिछले तीन सालों में पेट्रोल-डीजल से इतने कमाए? एक क्लिक में जानिए पूरे आंकड़े

वैसे मणिपुर की राजनीति जोड़-तोड़ और दल बदलने के लिए पहचानी जाती है और अक्सर चुनावों से पहले नेता पाला बदलते रहे हैं. हर पांच साल में छोटी पार्टियां भी अपना फायदा देखकर सत्ता की मलाई खाने को तैयार रहती हैं. इसलिए राष्ट्रीय दल भी उन पर ज्यादा भरोसा करने की हैसियत में नहीं होते. यही वजह है कि मणिपुर में बीजेपी के लिए अपनी सरकार बचाने से ज्यादा बड़ी चुनौती ये है कि वो अपने दम पर सत्ता कैसे हासिल करें. हालांकि बीजेपी ने इस बार 40 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है. पूर्वोत्तर की राजनीति के जानकार मानते हैं कि ये लक्ष्य पाना उतना भी आसान नहीं है, क्योंकि कांग्रेस भले ही पहले की अपेक्षा कमजोर हुई है, लेकिन ममता ने अपनी जमीन मजबूत करने के लिए बेहद खामोशी से मेहनत की है. इसलिए बीजेपी के लिए कांग्रेस के साथ ही टीएमसी भी एक बड़ी चुनौती होगी.

हालांकि साल 2017 में बीजेपी को 60 में से 21 सीटें मिलीं थीं ,जबकि कांग्रेस ने 28 सीटें हासिल की थीं. यानी, 31 सीटों के बहुमत के आंकड़े को दोनों ही नहीं छू पाये थे. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को पछाड़ते हुए दोनों क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन कर अपनी सरकार बन ली थी. इस बार वह अकेले बहुमत का आंकड़ा पार करना चाहती है.

ये भी पढ़ें- Sonia Gandhi के घर हुई बैठक में छिड़ा Mamata Banerjee का ज़िक्र, Sharad Pawar को मिल सकती है ये बड़ी ज़िम्मेदारी

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही भाजपा ने एक तेज-तर्रार महिला नेता ए शारदा देवी को प्रदेश की कमान सौंपी है. बीजेपी ने बेहद सोच-समझकर ये फैसला लिया है, क्योंकि मणिपुर के आम जनजीवन में महिलाओं की भूमिका बेहद खास है और राजनीति की दशा-दिशा तय करने में भी उनका अहम रोल रहता है. इसलिये बीजेपी एक महिला चेहरे के जरिये ही ये बाज़ी जीतना चाहती है. वैसे मणिपुर एक छोटा राज्य है और वहां एक विधानसभा क्षेत्र में औसतन करीब 30 हजार वोटर ही होते हैं. इसलिए वहां की चुनावी रणनीति की तुलना यूपी या पंजाब से नहीं की जा सकती.

2017 में भाजपा ने किया था करिश्मा

वैसे पांच साल पहले मणिपुर में बीजेपी ने जो कुछ किया, वो किसी चमत्कार से कम नहीं था. उससे पहले भी दो चुनावों में बीजेपी अपनी किस्मत आजमा चुकी थी, लेकिन उसका खाता तक नहीं खुला था. उसने 2017 के चुनावों से चार महीने पहले ही कांग्रेस  के पुराने, दमदार नेता एन बीरेन सिंह को बीजेपी में शामिल कर लिया था. उस समय अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उन्होंने बीरेन सिंह के दम पर ही बेजान पड़ी बीजेपी को प्रदेश में एक मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में खड़ा कर दिया. एन बीरेन सिंह ने अपने जनाधार का इस्तेमाल कर बीजेपी को मजबूत बनाया और 21 सीटें जीत कर उसे दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बना डाला. अपने पुराने संपर्कों के चलते और दोनों क्षेत्रीय दलों को बीजेपी के पाले में लाकर अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गए. महज़ चार महीने की मेहनत करके 15 साल से कायम कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने को करिश्मा नहीं तो और क्या कहेंगे? क्या बीजेपी वही करिश्मा दोहरा पाएगी?

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
ABP Premium

वीडियोज

New Delhi Railway Station Stampede: दिल्ली से प्रयागराज  वाली ट्रैन में भगदड़ की वजह से कई लोग घायल और  कब होगी कारवाई | ABP NEWSपरीक्षा पे चर्चा 2025: Deepika Padukone के साथ Stress-Free Exam Tips! | Health LiveNew Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली स्टेशन भगदड़ में 18 लोगों की मौत का कसूरवार कौन? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: बीती रात हादसे के बाद अभी कैसे हैं प्लेटफार्म पर हालात? Breaking | ABP NEWS

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
RCB के मैच से होगा IPL 2025 का आगाज, 22 मार्च को KKR से बेंगलुरु का पहला मुकाबला; यहां देखें RCB का पूरा शेड्यूल
22 मार्च को बेंगलुरु-कोलकाता मैच से होगा IPL 2025 का उद्घाटन, देखें RCB का पूरा शेड्यूल
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
मंईयां सम्मान योजना में आ गया बड़ा अपडेट, अब एकमुश्त मिलेंगे इतने रुपये
मंईयां सम्मान योजना में आ गया बड़ा अपडेट, अब एकमुश्त मिलेंगे इतने रुपये
स्मोकिंग नहीं करने वालों में क्यों बढ़ रहे लंग कैंसर के मामले, जानें ऐसा होने की क्या है वजह?
स्मोकिंग नहीं करने वालों में क्यों बढ़ रहे लंग कैंसर के मामले, जानें वजह?
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.