(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मणिपुर में महिलाओं को नग्न परेड का Video सामने आने पर CM का इस्तीफा नहीं बल्कि होनी चाहिए फौरन गिरफ्तारी
मणिपुर में कुकी समुदाय की 2 महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना का 5 मई का वीडियो वायरल हुआ. इसके साथ ही, एक अन्य महिला के साथ बलात्कार की खबर भी सामने आयी है. इस शर्मसार कर देनेवाली घटना ने देश के लोगों का मन व्यथित किया है. मणिपुर में जो कुछ भी हुआ इससे दुर्भाग्यपूर्ण घटना देश के लिए कुछ और नहीं हो सकता है. ये सब देखने के बाद ऐसा नहीं लगता को कोई भी सामान्य व्यक्ति दुखी नहीं हुआ हो. मणिपुर की घटना हमारे देश के इतिहास के लिए एक बड़ा धब्बा है. हमारे देश की पृष्ठभूमि, महिलाओं की सुरक्षा और उनके मान-सम्मान पर ही आधारित है.
ये वो देश है जहां पर भगवान राम को आदर्श माना जाता है, जो सीता मां को लेकर आए को रावण ने सीता जी को छुआ तक नहीं. जहां पर भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को चीर हरण से बचाया. उसी देश में जब महिला को नंगा कर उसकी परेड कराई जाती है, एक महिला के साथ गैंगरेप भी किया गया. महिला का नग्न परेड हमारे देश की ऐसी सच्चाई दिखाता है, जिसे हम सुनना नहीं चाहते हैं. इसे कोई भी नहीं सुनना चाहता है लेकिन ये एक बड़ी सच्चाई है. ये हो रहा है और ये हुआ है 2 महीने पहले.
शर्मसार हुआ देश
नागालैंड के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह का बयान सुना, जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे केस हुए हैं, आप एक को पकड़ कर क्यों बैठ गए हैं? हैरानी इस बात को लेकर हो रही है कि राज्य के मुख्यमंत्री जो वहां का मुखिया है, उनकी तरफ से ऐसे बयान दिए गए हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि और भी इस तरह के कई मामले वहां पर हुए हैं. इसकी शीर्ष स्तर जांच करने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी बयान आया है, जिसमें उन्होंने कड़े एक्शन की बात कही है. लेकिन ये सब तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था. लेकिन ये बात दो महीने के बाद निकलकर सामने आयी है. इस बीच दो महीने में न जाने कितनी महिलाओं के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार हुआ होगा. ये तो क्योंकि वीडियो सामने आया, इसलिए इसका पता चल पाया.
ऐसी हरकतें करने वालों की हिम्मत इसलिए भी हो रही है क्योंकि एक तो घटनाओं को दबा दिया जा रहा है. बाहर आ नहीं रहा है. दूसरा ये कि इस तरह की घटना इतनी आम हो चुकी हैं कि हमें यह लग रहा है कि हमारे लिए सामान्य हो गया है और खासतौर से अगर नॉर्थ-ईस्ट की बात की जाए तो उसको तो हम भारत का हिस्सा ही नहीं मानते हैं.
कौन जिम्मेदार?
इसके लिए थोड़ा मीडिया से भी कहा जा सकता है कि अगर वहां पर कुछ बड़ी घटना होती है तो उसकी खबर नहीं बन पाती है. वो लोग भी हमारे भाई-बहन हैं और हमारे देश का अभिन्न अंग हैं. ये बात पहले ही आ जानी चाहिए थी. महिलाओं को नग्न परेड कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर आने का इंतजार नहीं करना चाहिए था. मणिपुर में हो रही हिंसा को अगर अच्छे से कवर किया जाता तो ये दुर्भाग्य नहीं होता.
इस घटना के लिए सबको जिम्मेदार माना जा सकता है. पूरा देश इसके लिए जिम्मेदार है कि हम नॉर्थ-ईस्ट को अलग समझते हैं. सरकारें जिम्मेदार है. मीडिया भी जिम्मेदार है. जिस तरह से दिखाना चाहिए, नॉर्थ-ईस्ट को हम उस तरह का हिस्सा ही नहीं बनाते हैं. देश का नागरिक जिम्मेदार है. जो इस घटना को मूकर्शक देख रहे हैं वो भी जिम्मेदार हैं. इसके लिए किसी एक को कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता है.
मणिपुर की सीएम ने खुद बोला कि ऐसी तो बहुत सी घटनाएं हो रही हैं. पता नहीं एक सीएम को ऐसा कुछ बोलने की हिम्मत कैसे हो जाती है. उन उन लोगों ने किया क्या ये भी नहीं बता पा रहे हैं. ये सुनकर दुख हो रहा है. लेकिन पता नहीं क्या-क्या हुआ होगा, जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं.
बनाई जाए जांच के लिए कमेटी
ऐसी घटनाओं की सही तरीके से पता लगाने के लिए कमेटी बिठाई जानी चाहिए. स्पेशल टास्ट फोर्स को वहां पर भेजा जाना चाहिए. इसके साथ ही, हमारी सरकार और अथॉरिटी का सारा ध्यान मणिपुर पर ही फोकस करना चाहिए. पीएम मोदी ने भले ही कहा हो कि उन्हें इस घटना दुख हुआ और दोषियों पर कार्रवाई होगी, लेकिन उनकी सरकार है, उनका सारा तंत्र है, लेकिन देश में क्या कुछ हो रहा है ये उन्हें 2 महीने के बाद पता चल रहा है. ये बात उन तक पहले ही पहुंचनी चाहिए थी और इस पर पहले ही संज्ञान लिया जाना चाहिए था.
इतनी बड़ी गंभीर घटना पर सीएम का इस्तीफा तो महज छोटी घटना है, सीएम को तुरत गिरफ्तार कर लेना चाहिए. इसके अलावा, जितने कसूरवार लोग हैं, एक-एक कर चेहरे को पहचान कर सबकी गिरफ्तारी और फांसी होनी चाहिए.
सरकार मणिपुर मामले में पूरी तरह से विफल रही है. अगर वहां कुछ हो रहा है तो उसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है. समाज के लिए ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं और महिलाएं क्या सोचती हैं कि क्या उनके साथ भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं. महिलाओं का इस घटना के बाद कॉन्फिडेंस हिल गया है, ऐसे तो कोई भी महिला सुरक्षित महसूस नहीं करेगी. कहीं भी कोई मारपीट हो तो महिलाओं को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]